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टाटा की नज़र लैंड रोवर पर | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टाटा समूह के चेयरमैन ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वे फ़ोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण करने के इच्छुक हैं. ये दोनों ही प्रमुख ब्रिटिश ब्रांड हैं और इससे पहले टाटा कंपनी ने इन ख़बरों का खंडन कर दिया था कि वे इन ब्रांडों पर नज़र लगाए हुए हैं. एक टेलीविज़न चैनल से बात करते हुए रतन टाटा ने कहा है कि इन दोनों ब्रांड के अधिग्रहण से विश्व बाज़ार में कंपनी की उपस्थिति में इजाफ़ा होगा. उधर फ़ोर्ड ने कहा है कि इस बात की संभावना 50 प्रतिशत से अधिक है कि वह इन ब्रांडों को बेच दे. इस समय टाटा मोटर्स के 90 प्रतिशत से ज़्यादा उत्पाद भारतीय बाज़ार में बिकते हैं. रनत टाटा का कहना है कि एक ही बाज़ार पर निर्भरता घटाने के विचार के बाद ही जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण पर विचार शुरु किया गया. उन्होंने कहा, "इससे हमारी पहुँच विश्व बाज़ार तक हो जाएगी." हालांकि फ़ोर्ड का कहना है कि ब्रिटेन के इन दोनों उत्पादों के लिए उसके पास पहले से ही कई प्रस्ताव हैं. इस हफ़्ते की शुरुआत में फ़ोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मुलैली ने कहा था कि विश्व शेयर बाज़ार में हो रही उथल-पुथल से जगुआर और लैंड रोवर को बेचने के कार्यक्रम पर असर पड़ा है. उनका कहना है कि अब इन दोनों ब्रांडों को बेचने का प्रस्ताव अब इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में ही आ पाएगा. | इससे जुड़ी ख़बरें कोरस के बाद टाटा का दूसरा बड़ा सौदा31 मार्च, 2007 | कारोबार भारतीयों के जीवन में रचा बसा टाटा31 जनवरी, 2007 | कारोबार अधिग्रहण का फ़ायदा होगा: रतन टाटा31 जनवरी, 2007 | कारोबार ढेर सारी कंपनियों को ख़रीदा है टाटा ने20 अक्तूबर, 2006 | कारोबार टाटा ग्रुप अरबों डॉलर का निवेश करेगा25 अगस्त, 2006 | कारोबार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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