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एसईज़ेड: सरकार अधिग्रहण नहीं करेगी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत सरकार के मंत्रियों के ग्रुप ने 83 नए विशेष आर्थिक ज़ोन (एसईज़ेड) स्थापित करने की अनुमति दी है और घोषणा की है कि सरकार किसानों से ज़मीन नहीं ख़रीदेगी बल्कि एसईज़ेड से संबंधित कंपनियों को ऐसा करना होगा. जनवरी 22 को केंद्र सरकार के मंत्रियों के ग्रुप ने नए एसईज़ेड स्थापित करने पर रोक लगा दी थी. अब तक 234 एसईज़ेड में से 63 की अधिसूचना जारी हो चुकी है और गुरुवार को जिन 83 एसईज़ेड के बारे में अधिसूचना प्रकिया पूरी हुई, उन्हें स्थापित करने के लिए भी मंत्रियों के ग्रुप ने इजाज़त दे दी. मंत्रियों के ग्रुप की बैठक के बाद वाणिज्य मंत्री कमल नाथ ने पत्रकारों को बताया, "कोई भी राज्य बलपूर्वक किसानों से ज़मीन का अधिग्रहण नहीं कर सकता. एसईज़ेड से संबंधित कंपनियों को ख़ुद किसानों के पास जाना होगा और बाज़ार में चल रहे मूल्यों पर ज़मीन ख़रीदनी होगी." विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों के ग्रुप की बैठक में फ़ैसला लिया गया कि भविष्य में किसी भी एसईज़ेड का अधिकतम क्षेत्रफल 5000 हैक्टेयर ही हो सकता है. इससे पहले भारत सरकार ने महाराष्ट्र के राएगढ़ में एसईज़ेड का क्षेत्रफल घटाने के आदेश दिए थे क्योंकि वहाँ किसानों के विरोध प्रदर्शन हो रहे थे लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. नंदीग्राम में 14 मार्च को गोली चलने की घटना के बाद, तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके पार्टी ने विशेष आर्थिक ज़ोन की नीति पर पुनर्विचार की माँग की थी. | इससे जुड़ी ख़बरें एसईजेड को बढ़ावा देने में महाराष्ट्र आगे19 दिसंबर, 2006 | कारोबार पोस्को के ख़िलाफ़ बढ़ रहा विरोध19 दिसंबर, 2006 | कारोबार गुजरात में भी बढ़ रहा है आकर्षण19 दिसंबर, 2006 | कारोबार असमानता बढ़ाने वाला है एसईजेड17 दिसंबर, 2006 | कारोबार 'एसईजेड से 15 लाख लोगों को रोज़गार'17 दिसंबर, 2006 | कारोबार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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