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डब्ल्यूटीओ की बातचीत में अहम मुद्दे | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सवाल विश्व व्यापार संगठन के हाँगकाँग सम्मेलन से क्या हासिल किया जाना है? जवाब इस सम्मेलन में किसी ठोस नतीजे की उम्मीद कम ही है क्योंकि विश्व व्यापार संगठन की बातचीत का जो दौर दोहा में शुरू हुआ था उसे पूरा करने की योजनाओं की समय सीमा एक महीना पहले ही समाप्त हो चुकी है. इसके बजाय हाँगकाँग सम्मेलन में दोहा दौर की बातचीत को पूरा करने के लिए कोई नया समझौता हो सकता है और इस समझौते में दोहा विकास एजेंडा के कुछ तत्वों को भी शामिल किया जा सकता है. इस समझौते में दोहा दौर की बातचीत को पूरा करने की समय सीमा अगले साल मार्च तक बढ़ाई जा सकती है. विश्व व्यापार संगठन बौद्धिक संपदा नियमों को लागू करने के लिए कम विकसित देशों को कुछ और समय देने के लिए पहले ही सहमत हो चुका है. ये नियम दोहा विकास एजेंडा का ही एक हिस्सा हैं. सवाल विश्व व्यापार संगठन की बातचीत में देशों के बीच प्रमुख मतभेद क्या हैं? जवाब संगठन के ज़्यादातर देश चाहते हैं कि यूरोपीय संघ कृषि कर में बड़ी कटौती करे लेकिन यूरोपीय संघ इसका विरोध कर रहा है. यूरोपीय संघ और अमरीका चाहते हैं कि विकासशील देश अपने बाज़ारों को पश्चिमी देशों से आने वाले सामान और सेवाओं के लिए खोलें - जैसे कि जल आपूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र. यूरोपीय संघ और अमरीका अपने औद्योगिक सामान के लिए भी विदेशी बाज़ारों में अपनी पहुँच चाहते हैं. सवाल सबसे बड़ा मुद्दा कृषि है तो उसमें क्या-क्या मतभेद हैं? जवाब अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और अनेक विकासशील देश चाहते हैं कि यूरोपीय संघ कृषि कर में बड़ी कटौती करे. जापान अपनी कृषि व्यवस्था को यूँ ही रखना चाहता है जबकि अन्य देश चाहते हैं कि उसमें कुछ सुधार किए जाएँ. स्विटज़रलैंड, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया और ताईवान जैसे देश भी अपनी-अपनी कृषि व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें सऊदी अरब को डब्लूटीओ की सदस्यता11 नवंबर, 2005 | कारोबार 'डब्लूटीओ बैठक से ज़्यादा उम्मीद न करें'08 नवंबर, 2005 | कारोबार अमरीका जाएगा डब्लूटीओ की शरण में31 मई, 2005 | कारोबार डब्लूटीओ: बातचीत में प्रगति के संकेत31 जुलाई, 2004 | कारोबार भारत को भी कुछ मिला है:कमलनाथ31 जुलाई, 2004 | कारोबार डब्लूटीओ ने दिया नया प्रस्ताव30 जुलाई, 2004 | कारोबार नेपाल डब्लूटीओ का सदस्य बना23 अप्रैल, 2004 | कारोबार व्यापार मुद्दों पर ग़रीब देशों के प्रयास शुरु16 अक्तूबर, 2003 को | कारोबार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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