अल्पसंख्यकों के 'उत्पीड़न' के आंकड़ों और एक सोशल मीडिया पोस्ट पर भारत और बांग्लादेश में फिर तनातनी

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस

एक तरफ भारतीय संसद में बांग्लादेश में 'अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न' पर कुछ आंकड़े पेश किए गए, तो वहीं दूसरी ओर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक सलाहकार की एक पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस पोस्ट को बाद में 'डिलीट' कर दिया गया था.

लोकसभा में भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह ने कहा कि इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा की 2,200 घटनाएं हो चुकी हैं.

उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं के आंकड़े भी दिए.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार बारे में भारतीय मीडिया में छपी रिपोर्टों को बढ़ा-चढ़ा कर और गुमराह करने वाला बताया.

लाल रेखा

बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

लाल रेखा

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना और उनके ख़िलाफ़ हिंसा से जुड़ी जो रिपोर्टें मीडिया में छपी हैं उनमें से कई फर्जी साबित हुई हैं.

ग़लत और झूठी खबरों की जांच करने वाले कई मीडिया आउटलेट्स की जांच से ये साबित हो चुका है. इनमें बीबीसी वेरिफ़ाई की ओर से की गई जांच भी शामिल हैं.

फे़क न्यूज़ की जांच करने वाली एजेंसियों में भारत और बांग्लादेश दोनों देश के आउटलेट्स शामिल रहे हैं.

जिस दिन भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ कथित अत्याचार के आंकड़े पेश कर रहे थे, उसी दिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार महफूज़ आलम की एक पोस्ट का हवाला देकर एक बयान जारी किया.

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार से संबंधित सभी लोगों को इस तरह की सार्वजनिक टिप्पणी करते समय सावधान रहना चाहिए.

संसद में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अत्याचार के आंकड़े

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं पर कोलकाता में प्रदर्शन (फ़ाइल फ़ोटो)

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं पर कोलकाता में प्रदर्शन (फ़ाइल फ़ोटो)
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
कहानी ज़िंदगी की

मशहूर हस्तियों की कहानी पूरी तसल्ली और इत्मीनान से इरफ़ान के साथ.

एपिसोड

समाप्त

विदेश राज्य मंत्री सिंह कीर्तिवर्द्धन सिंह ने शुक्रवार को बीजेपी सांसद अरविंद धरमपुरी के एक प्रश्न के लिखित जवाब में बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा का तुलनात्मक आंकड़ा पेश किया था.

इसमें कहा गया है कि 8 दिसंबर, 2024 तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की 2,200 घटनाएं हुईं और इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान में ऐसी 112 घटनाएं हुईं.

इसमें पिछले दो सालों के आंकड़े भी शामिल किए गए हैं.

कीर्तिवर्द्धन सिंह की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक़ 2023 में बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की 302 और पाकिस्तान में 103 घटनाएं हुईं.

इसके पिछले साल यानी 2022 में बांग्लादेश में ऐसी 47 और पाकिस्तान में 241 घटनाएं हुईं.

यह भी बताया गया है कि ये डेटा अल्पसंख्यक संगठनों और मानवाधिकार संगठनों से हासिल किए गए हैं.

ज़वाब में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान को छोड़कर भारत के किसी भी पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की कोई घटना नहीं हुई.

इससे पहले गुरुवार को भारतीय संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा में भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा पर सदस्यों ने चार अलग-अलग सवाल पूछे.

कीर्तिवर्द्धन सिंह ने सवालों के जवाब अलग-अलग दिए. सभी उत्तरों में ये कहा गया 'उन घटनाओं में बांग्लादेश सरकार ने कथित तौर पर 70 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 88 मामले दर्ज किए गए हैं.

भारत के विदेश राज्य मंत्री की ओर से संसद में पेश किए गए आंकड़े, जिनमें पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाओं की तुलना की गई है

इमेज स्रोत, MEA INDIA

इमेज कैप्शन, भारत के विदेश राज्य मंत्री की ओर से संसद में पेश किए गए आंकड़े, जिनमें पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाओं की तुलना की गई है

भारत ने जताई चिंता

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

इमेज स्रोत, MEA INDIA

इमेज कैप्शन, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

भारत के विदेश मंत्रालय ने लोकसभा और राज्यसभा में दो दिनों तक दोनों पड़ोसी देशों में 'अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न' पर सवालों के जवाब दिए और यह भी बताया कि भारत सरकार ने उन 'घटनाओं' पर क्या कार्रवाई की है.

बांग्लादेश के बारे में राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह ने कहा, "सरकार ने घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएगी.''

संसद में पेश किए गए जवाब के मुताबिक़, भारतीय विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया.

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं का मामला राजनयिकों के माध्यम से उठाया जा रहा है. साथ ही भारत ने पाकिस्तान सरकार से "धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा और योजनाबद्ध तरीकों से अल्पसंख्यकों को यातना देने'' की घटनाओं को समाप्त करने की भी अपील की.

कीर्तिवर्द्धन सिंह ने कहा, "भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को उठाना जारी रखेगा."

बांग्लादेश का जवाब

बांग्लादेश

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग करते हिंदू संगठन के कार्यकर्ता (फ़ाइल फ़ोटो)

बांग्लादेश ने 'अल्पसंख्यक उत्पीड़न' पर भारत की संसद में पेश किए गए आंकड़ों और उस पर आधारित भारतीय मीडिया में छपी कई रिपोर्टों का विरोध किया है.

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की प्रेस विंग ने कहा, "जानकारी भ्रामक और बढ़ा-चढ़ा कर पेश की गई है"

बयान में कहा गया, "स्वतंत्र मानवाधिकार संगठन लॉ एंड आर्बिट्रेशन सेंटर 'आईन ओ सालिश केंद्र' के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2024 तक बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा की 138 घटनाएं हुईं. जिनमें 368 घरों पर हमले किए गए 82 लोगों को घायल कर दिया गया.''

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की प्रेस विंग ने कहा, ''बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हर घटना की जांच कर रही है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, चार अगस्त से 10 दिसंबर के बीच कम से कम 97 मामले दर्ज किए गए और अगस्त से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों के लिए 75 लोगों को गिरफ़्तार किया गया.''

इसमें यह भी कहा गया है, "इनमें से ज़्यादातर घटनाएं पांच अगस्त से आठ अगस्त के बीच हुईं, जब देश में कोई सरकार नहीं थी. इनमें से ज़्यादातर हमले राजनीति से प्रेरित थे."

महफूज़ आलम की पोस्ट पर भारत ने क्या कहा?

छोड़िए YouTube पोस्ट
Google YouTube सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Google YouTube से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Google YouTube cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: बीबीसी दूसरी वेबसाइट्स की सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. YouTube सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट YouTube समाप्त

16 दिसंबर 2024 की रात, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार महफूज़ आलम ने एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें बांग्लादेश का नक्शा था. उन्होंने इस नक्शे में पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों के हिस्सों को दिखाया था.

हालांकि, कुछ घंटों बाद उन्होंने यह पोस्ट डिलीट कर दी.

शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से एक पत्रकार ने इस मामले पर सवाल किया.

जवाब में जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश के सामने "कड़ा विरोध दर्ज कराया है."

हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहीं भी महफूज़ आलम के नाम का जिक्र नहीं किया.

उन्होंने कहा, "बांग्लादेश के एक वरिष्ठ नेता की टिप्पणी को लेकर उठाए गए सवाल के जवाब में हमने बांग्लादेश सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया है. दरअसल हमने कड़ा विरोध जताया है."

"हालांकि पोस्ट हटा दी गई है, हम सभी संबंधित लोगों को याद दिलाना चाहेंगे कि सार्वजनिक रूप से कोई भी टिप्पणी करने में सावधानी बरतें."

"भारत ने बार-बार बांग्लादेश के लोगों और अंतरिम सरकार के साथ संबंध सुधारने में दिलचस्पी जताई है. इसलिए सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणियां करने में सावधानी बरतने की जरूरत है.''

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)