शमीमा बेगम: आईएस में शामिल होने ब्रिटेन से गईं थी सीरिया, वापस नहीं मिल रही नागरिकता

शमीमा बेगम अपनी ब्रितानी नागरिकता पाने की एक और कोशिश में भी फेल हो गई हैं.

शमीमा ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल होने के लिए 15 साल की उम्र में देश छोड़ दिया था.

उन्हें ब्रिटेन आने से रोक दिया गया है. अब वो 24 साल की हैं और सीरिया में रहती हैं.

कौन हैं शमीमा बेगम?

शमीमा पूर्वी लंदन की उन तीन स्कूली छात्राओं में से एक हैं, जो आईएस में शामिल होने के लिए 2015 में सीरिया गई थीं.

उनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ है. उनके माता-पिता बांग्लादेशी मूल के हैं.

शमीमा ने इस्लामिक स्टेट के एक लड़ाके से शादी की थी. इस शादी से उनके तीन बच्चे पैदा हुए, लेकिन कोई भी जीवित नहीं बचा.

राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर 2019 में उनसे उनकी ब्रितानी नागरिकता ले ली गई थी.

वो अभी उत्तरी सीरिया में बने एक शिविर में रह रही हैं.

क्या होती है नागरिकता?

नागरिकता एक कानूनी दर्जा है.

अगर किसी व्यक्ति के पास ब्रिटेन की नागरिकता है तो उसके पास वहां रहने का कानूनी अधिकार है.

उसे सरकार की कल्याण योजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता है. उसके पास मतदान का भी अधिकार होता है. नागरिकता किसी व्यक्ति की पहचान भी है.

वहीं ऐसे कुछ लोग, जिनके पास नागरिकता नहीं है, उनके पास भी समान अधिकारों के साथ ब्रिटेन में स्थायी रूप से रहने का अधिकार है.

ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि उनके पास 'सैटल्ड स्टेटस' या 'लिव टू रिमेन' है.

नागरिकता कैसे वापस ली जा सकती है?

सरकार के पास अलग-अलग परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की नागरिकता वापस लेने का अधिकार है.

अगर यह कदम जनता की भलाई के लिए हो और ये संबंधित व्यक्ति को राज्यविहीन नहीं बनाता हो.

अगर उस व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके नागरिकता हासिल की है.

अगर उस व्यक्ति की हरकतें ब्रिटेन के हितों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और वे कहीं और की नागरिकता का दावा कर सकता है.

नागरिकता वापस लेने की ताकत का इस्तेमाल 'अल कायदा' या 'इस्लामिक स्टेट समूह' जैसे प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों और धोखाधड़ी से ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने वालों के खिलाफ किया गया है.

व्यक्ति को दूसरे देश की नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने का पात्र भी होना चाहिए.

अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत ब्रिटेन की यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों को राज्यविहीन बनाने से बचेगा.

नेशनलिटी एंड बॉर्डर एक्ट ने गृह सचिव के लिए कुछ परिस्थितियों में संबंधित व्यक्ति को बताए बिना उसकी नागरिकता वापस लेने को आसान बना दिया है.

शमीमा बेगम के मामले में क्या हुआ है?

एक ट्रिब्यूनल ने फरवरी 2020 में फैसला सुनाया कि शमीमा बेगम की नागरिकता वापस लेना वैध था, क्योंकि वह वंशानुगत रूप से बांग्लादेश की नागरिक थीं. फैसले में कहा गया था कि ऐसे में उनकी ब्रिटिश नागरिकता वापस लेने से वो राज्यविहीन नहीं हो जाएंगी.

हालांकि, बांग्लादेश ने कहा कि ऐसा नहीं है, उन्हें बांग्लादेश आने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में फैसला सुनाया कि अपनी नागरिकता वापस लेने के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए शमीमा बेगम यूके नहीं लौट सकती हैं.

उनके वकीलों ने 2023 में उनकी नागरिकता छीने जाने के फैसले को स्पेशल इमिग्रेशन अपील कमीशन (एसआईएसी) में चुनौती दी.

उनका तर्क था कि यह फ़ैसला ग़ैरकानूनी था. उनका कहना था कि फैसले में इस बात पर विचार नहीं किया गया कि क्या वह मानव तस्करी की शिकार हुई थीं?

एसआईएसी ने अपने फैसले में कहा हालांकि इस बात का विश्वसनीय संदेह था कि शमीमा बेगम तस्करी और यौन शोषण की शिकार थीं, लेकिन गृह सचिव की ओर से उनसे ब्रिटिश नागरिकता छीनने के रास्ते में कोई बाधा नहीं थी, क्योंकि वो ख़तरा बन गई थीं.

अब फरवरी 2024 में अपील न्यायालय ने उस फ़ैसले को बरक़रार रखा है.

जजों ने कहा कि शमीमा बेगम दूसर लोगों और उनकी चालाकी से प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन उन्होंने सीरिया जाने और इस्लामिक स्टेट से जुड़ने का एक सोचा-समझा फैसला लिया.

गृह और कानूनी मामलों के बीबीसी संवाददाता डोमिनिक कैसियानी कहती हैं कि संभव है कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जाए.

दूसरे देशों में कैसे छीनी जाती है नागरिकता?

अमेरिका में पैदा हुए लोगों की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती है, क्योंकि अमेरिकी संविधान में नागरिकता की गारंटी जन्मसिद्ध अधिकार है.

वहीं ऐसे अमेरिकी नागरिक, जो कहीं और से आकर अमेरिका में बस गए हैं, ऐसे लोगों की नागरिकता किसी प्रतिबंधित समूह का सदस्य होने और धोखाधड़ी कर नागरिकता हासिल करने पर छीनी जा सकती है.

वहीं ऑस्ट्रेलिया में अगर किसी नागरिक की दोहरी नागरिकता पाई जाती है तो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर उसकी नागरिकता छीनी जा सकती है.

ग्रीस, फ्रांस और रोमानिया सहित 14 यूरोपीय संघ के देशों में देशद्रोह, बगावत और राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्य कारणों से नागरिकता वापस ली जा सकती है.

नीदरलैंड में बिना किसी सूचना के नागरिकता वापस ली जा सकती है.

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