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भारत के दौरे पर क़तर के अमीर: भारत के लिए क्यों ख़ास है क़तर?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 18 फ़रवरी को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात की.
क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी 17 और 18 फ़रवरी की दो दिन की भारत यात्रा पर हैं.
वो सोमवार, 17 फरवरी की रात भारत पहुंचे. नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद गए थे.
पीएम मोदी ने एक्स पर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "मेरे भाई क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट गया था. आशा करता हूं कि उनकी भारत यात्रा सफल रहेगी. मंगलवार (18 फरवरी) को होने वाली मुलाक़ात को लेकर उत्साहित हूं."
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वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी भारत यात्रा पर आए हैं. मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी से होने वाली उनकी मुलाक़ात दोनों देशों की दोस्ती को और मज़बूत करेगी."
क़तर के अमीर की भारत यात्रा के मौके पर 18 फरवरी की सुबह भारत-क़तर संयुक्त व्यापार फोरम का उद्घाटन हुआ.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और क़तर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी मौजूद रहे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "भारत और क़तर के बीच संबंध ऐतिहासिक भी हैं और संभावनाओं से भरे हुए हैं. कल प्रधानमंत्री ने क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का एयरपोर्ट पर स्वागत करके मित्रता और भाईचारे का संदेश दिया है, मैं समझता हूं कि उसी में पूरी कहानी स्पष्ट हो जाती है. भारत और क़तर के बीच अब नये विषयों पर संबंध कैसे बढ़ें. बीते 15-20 वर्षों में दोनों देशों के बीच ऊर्जा संसाधनों से संबंधित व्यापार बढ़ता रहा, अब दोनों देश नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर और विश्व में बदलते हुए परिप्रेक्ष्य के अनुसार अपने संबंध बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आने वाले समय में व्यापार और निवेश दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने में वृद्धि होने की संभावना मुझे दिखती है."
भारत-क़तर के कूटनीतिक रिश्ते
भारत और क़तर के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते 70 के दशक में शुरू हुए थे.
क़तर ने भारत में अपने दूतावास के लिए जनवरी 1973 में पहले चार्ज द अफ़ेयर्स की नियुक्ति की थी.
मई 1974 में क़तर ने अपना पहला राजदूत भारत में नियुक्त किया था.
दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों की बात करें, तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14-15 फरवरी, 2024 को क़तर की आधिकारिक यात्रा की थी. क़तर में ये उनकी दूसरी आधिकारिक यात्रा थी.
इससे पहले अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 4-5 जून, 2016 को क़तर के दौरे पर गए थे.
पीएम मोदी की साल 2016 की क़तर यात्रा नवंबर 2008 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की क़तर यात्रा के बाद भारत की ओर से सबसे उच्च स्तर की यात्रा थी.
इस दौरान दोनों देशों के बीच सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.
क़तर के अमीर कब-कब भारत आए?
क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी इससे पहले 24-25 मार्च 2015 को भारत की यात्रा पर आए थे.
वहीं उनके पिता शेख़ हमद बिन खलीफा अल-थानी, जब वो क़तर के अमीर थे, उन्होंने 1999, 2005 और 2012 में भारत का दौरा किया था.
द्विपक्षीय दौरों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री मोदी और क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी की अलग-अलग मौकों पर भी मुलाकात हुई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिसंबर, 2023 को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान क़तर के अमीर से मुलाक़ात की थी.
इसके अलावा 23 सितंबर, 2019 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भी दोनों नेताओं की मुलाक़ात हुई थी.
भारत का क़तर से द्विपक्षीय व्यापार
2023-24 में क़तर के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 14.08 अरब अमेरिकी डॉलर था.
इस अवधि में क़तर को भारत का निर्यात 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. वहीं इस दौरान क़तर से भारत का आयात 12.38 अरब अमेरिकी डॉलर रहा.
2022-23 में भारत और क़तर के बीच 18.77 अरब डॉलर का व्यापार हुआ.
इस दौरान भारत ने 1.96 अरब डॉलर मूल्य का सामान क़तर को निर्यात किया. वहीं क़तर से भारत का आयात 16.8 अरब डॉलर का रहा.
क़तर भारत को एलएनजी (लिक्विफ़ाइड नेचुरल गैस), एलपीजी (लिक्विफ़ाइड पेट्रोलियम गैस), रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, उर्वरक, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम के सामान बेचता है.
वहीं भारत क़तर को अनाज, तांबा, लोहा और स्टील, सब्जियां, फल, मसाले, प्रोसेस्ड फूड, इलेक्ट्रिकल और अन्य मशीनरी, प्लास्टिक प्रोडक्ट, निर्माण सामग्री, कपड़ा, रसायन, कीमती पत्थर और रबर बेचता है.
भारत के लिए प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है क़तर
एलएनजी के मामले में क़तर भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत अपनी एलएनजी की ज़रूरत का 40 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सा क़तर से ख़रीदता है.
एलएनजी के अलावा, भारत क़तर से एथिलीन, प्रोपलीन, अमोनिया, यूरिया और पॉलीइथिलीन भी आयात करता है.
फरवरी 2024 में, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने क़तर एनर्जी के साथ 2028 से 2048 तक हर साल 7.5 मिलियन टन (75 लाख टन) एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है.
2023 में, भारत क़तर के लिए चीन और दक्षिण कोरिया के बाद शीर्ष तीन सबसे बड़े एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन में से एक था.
वहीं क़तर के आयात के मामले में भारत अमेरिका, चीन और इटली के साथ टॉप चार देशों में से एक है.
भारत और क़तर के बीच अहम रक्षा समझौते भी हैं जिसके तहत भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड के जहाज़ क़तर का दौरा करते हैं.
क़तर भारत सहित कई साझेदार देशों को अपने रक्षा संस्थानों में ट्रेनिंग स्लॉट देता है.
भारत क़तर में हर दो साल में होने वाले दोहा इंटरनेशनल मैरिटाइम डिफेंस एक्सबिशन एंज कॉन्फ्रेंस (डीआईएमडीईएक्स) में भी हिस्सा लेता है.
क़तर में कितने भारतीय रहते हैं?
क़तर में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. यहां आठ लाख से भी ज़्यादा भारतीय रहते हैं.
क़तर में रहने वाले भारतीय चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त, बैंकिंग, व्यवसाय, मीडिया और श्रम सहित कई तरह के क्षेत्रों में लगे हुए हैं.
क़तर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (क्यूसीसीआई) के अनुसार, क़तर में 20,000 से अधिक बड़ी और छोटी भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं.
भारत-क़तर के रिश्तों में चुनौती
भारत और क़तर के रिश्ते में अहम चुनौती जून 2022 में आई थी. जब बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नुपुर शर्मा ने एक टीवी शो में पैग़ंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी.
उस दौरान क़तर पहला देश था, जिसने भारत से 'माफ़ी' की मांग की थी. क़तर ने भारतीय राजदूत को बुलाकर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.
क़तर के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के विवादास्पद बयान पर कड़ी नाराज़गी जताई गई थी.
हालांकि, बीजेपी ने नुपुर शर्मा को पार्टी से हटा दिया था. क़तर ने बीजेपी के उस बयान का भी स्वागत किया था, जिसमें पार्टी ने नुपुर शर्मा को निलंबित करने का एलान किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और क़तर के बीच लंबित मुद्दों में से एक भारतीय नौसेना के एक पूर्व कर्मचारी की वापसी है.
अगस्त 2022 में, जासूसी के आरोप में क़तर में आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार किया गया था.
उन्हें शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत के हस्तक्षेप के बाद 28 दिसंबर, 2023 को मौत की सजा को कम कर दिया गया था.
वहीं फरवरी, 2024 में उन्हें रिहा कर दिया गया था. आठ में से सात लोग तब से भारत लौट आए हैं, लेकिन आखिरी व्यक्ति को अभी तक वापस नहीं भेजा गया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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