शुभमन गिल की अगुआई में भारत ने ऐसा क्या किया कि एजबेस्टन का इतिहास बदल गया

शुभमन गिल

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को हराया
    • Author, मनोज चतुर्वेदी
    • पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

शुभमन गिल की कप्तानी में बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया. उनकी अगुवाई में टीम ने इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में एक-एक से बराबरी कर ली.

भारत की इस जीत में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की अहम भूमिका रही. इस जीत के हीरो कप्तान शुभमन गिल रहे.

उन्होंने पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी में शतक लगाकर इंग्लैंड को 608 रनों का ऐसा लक्ष्य दिया, जिसे हासिल करना बेहद मुश्किल था.

भारतीय गेंदबाजों को आखिरी दिन विशाल लक्ष्य का फायदा मिला. पहुंच से लगभग बाहर लक्ष्य होने के कारण इंग्लैंड जीत की कोशिश नहीं कर सका और उसे किसी तरह मैच बचाने की कोशिश करनी पड़ी. इस कारण टीम इंडिया को अपनी गेंदबाजी पर पूरा फोकस करने का मौका मिला. इंग्लैंड 271 रन तक ही पहुंच सका.

(बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुभमन सफलता पाने वाले पहले कप्तान

शुभमन गिल

इमेज स्रोत, Alex Davidson/Getty Images

इमेज कैप्शन, शुभमन गिल की कप्तान के तौर पर पहली टेस्ट जीत

भारत के लिए जो काम मंसूर अली ख़ान पटौदी, कपिल देव और विराट कोहली जैसे कप्तान नहीं कर सके, वह शुभमन गिल ने कप्तान बनते ही कर दिखाया है.

भारत ने 1967 में पटौदी की कप्तानी में इस मैदान पर पहला टेस्ट खेला था और उसे 132 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.

इस टेस्ट से पहले तक भारत ने इस मैदान पर कुल आठ टेस्ट खेले थे, जिनमें सिर्फ कपिल देव की कप्तानी में 1986 में एक मैच ड्रा हो सका था. इसके अलावा एजबेस्टन में खेले गए सभी मुकाबलों में भारत को हार झेलनी पड़ी थी.

तीन साल पहले इंग्लैंड ने इसी मैदान पर भारत के खिलाफ 378 रनों का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल कर सिरीज़ जीतने से भारत को रोक दिया था. उस समय भारत सिरीज़ में 2-1 से आगे था, लेकिन कोविड के कारण एजबेस्टन टेस्ट नहीं हो सका. यह मैच बाद में 2022 में खेला गया.

आकाश दीप की जीत में अहम भूमिका

आकाश दीप

इमेज स्रोत, Alex Davidson/Getty Images

इमेज कैप्शन, दूसरी पारी में भारत की तरफ़ से आकाश दीप ने सबसे ज़्यादा 6 विकेट लिए
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
कहानी ज़िंदगी की

मशहूर हस्तियों की कहानी पूरी तसल्ली और इत्मीनान से इरफ़ान के साथ.

एपिसोड

समाप्त

आकाश दीप ने मैच के चौथे दिन ही दो विकेट लेकर अपने इरादे जता दिए. उन्होंने आखिरी दिन भी कमाल की गेंदबाजी की और अपने टेस्ट करियर में पहली बार एक पारी में छह विकेट लेने में सफल रहे. वह इस टेस्ट में 10 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज बने.

गेंद के रिलीज के समय उनका हाथ सीधा रहना और सीधी सीम पर गेंदबाजी करना, यही वजह थी कि आकाश दीप को इस विकेट से सबसे ज्यादा फायदा मिला. आखिरी दिन पिच पर कुछ स्पॉट बन गए थे और आकाश दीप ने इसका पूरा फायदा उठाया.

उन्होंने लगातार चौथे स्टंप पर गेंदबाजी करते हुए गेंद को अंदर लाने की कोशिश की, जिससे बल्लेबाजों को हर गेंद खेलनी पड़ी और यह किसी भी बल्लेबाज के लिए खासा मुश्किल होता है.

इसी वजह से दो विकेट लेने के अलावा बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ भी कम से कम एक-एक बार बाल-बाल बचे, क्योंकि गेंद ने उन्हें चकमा दिया लेकिन ज्यादा उछाल के कारण वह विकेट के ऊपर से निकल गई.

आकाश दीप ने पिछले दो सालों में अपनी गेंदबाजी में काफी सुधार किया है.

बिहार के देहरा में जन्मे इस गेंदबाज ने अपने दोस्त के सहयोग से दुर्गापुर के एक क्लब में टेनिस बॉल से खेलना शुरू किया था. उन्होंने 2010 में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के यूनाइटेड क्लब से खेलना शुरू किया. हालांकि, उन्हें सही दिशा देने वाले बंगाल के पेस गेंदबाज रणदेव बोस रहे.

इंग्लैंड को शुरुआत में ही लगे दो झटके

ओली पोप

इमेज स्रोत, DARREN STAPLES/AFP via Getty Images

इमेज कैप्शन, आकाशदीप ने ओली पोप को बोल्ड किया

इंग्लैंड को शुरुआत में ही दो झटके लगने से भारत की जीत की उम्मीदें अचानक बढ़ गईं. आकाश दीप ने पहले ओली पोप को बोल्ड किया और फिर अगले ओवर में हैरी ब्रुक को एलबीडब्ल्यू आउट किया. इस तरह इंग्लैंड ने 83 रनों पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे.

आकाश दीप के दूसरे ओवर की पहली ही गेंद कुछ ऊपर आई और बल्ले को छूकर ओली पोप के हाथ से टकराते हुए स्टंप्स में जा लगी.

असल में वह इस गेंद को बैकफुट पर जाकर खेल सकते थे, लेकिन गफलत के चलते अपना विकेट गंवा बैठे. इससे पहले इंग्लैंड ने 80 रन पर ही चौथा विकेट खो दिया था और टीम पर दबाव बढ़ गया था.

इंग्लैंड अभी इस झटके से उबर भी नहीं पाया था कि आकाश दीप ने अपने तीसरे ओवर में हैरी ब्रुक को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया.

ब्रुक के आउट होते ही इंग्लैंड की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी. गेंद ने टप्पा खाने के बाद इतनी तेजी से अंदर की ओर मूव किया कि ब्रुक बल्ला गेंद तक ला ही नहीं सके. उन्होंने रिव्यू जरूर लिया, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ.

आखिरी दिन के टर्न ने बढ़ाई मुश्किलें

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी

इमेज स्रोत, Michael Steele/Getty Images

इमेज कैप्शन, 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी' के दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड को 336 रन से हराया

इंग्लैंड ने 'बैजबॉल' अपनाने के बाद पहले की तरह तेज़ घास वाले विकेट बनाना भी बंद कर दिया है. इसकी एक वजह यह है कि अब उनके पास एंडरसन जैसे गेंदबाज नहीं हैं. इंग्लैंड के मौजूदा गेंदबाज आमतौर पर 130 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं.

मैच के पहले तीन दिनों में दो डिग्री का टर्न मिल रहा था और चौथे दिन के अंत तक यह तीन डिग्री के करीब पहुंच गया. लेकिन आखिरी दिन चार डिग्री का टर्न मिलने लगा और ऐसी स्थिति में अच्छे फुटवर्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी हो जाता है. पांचवें दिन सुबह ओली पोप का विकेट इसी कमजोरी के कारण गिरा.

भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने विकेट पर बने पैरों के निशानों का अच्छा इस्तेमाल किया. इसके अलावा विकेट सूखा होने की वजह से दोनों को अच्छी टर्न मिली, जिससे इंग्लैंड की मुश्किलें और बढ़ गईं.

जडेजा लगातार विकेट से मिल रहे टर्न से बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे. हालांकि कई बार तेज़ कैच पकड़े नहीं जा सके और बल्लेबाज चकमा खाने के बावजूद आउट नहीं हो पाए. अंत में जडेजा जोश टंग का विकेट लेकर अपना खाता खोलने में सफल रहे.

स्टोक्स के आउट होते ही सारी उम्मीदें खत्म

बेन स्टोक्स

इमेज स्रोत, Gareth Copley/Getty Images

इमेज कैप्शन, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स बल्ले से ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए

बेन स्टोक्स को इंग्लैंड के संकटमोचक के तौर पर जाना जाता है. पांचवें दिन इंग्लैंड की शुरुआत में ही दो विकेट गिर जाने के बाद, बेन स्टोक्स ने जेमी स्मिथ के साथ जिस तरह से पारी को संभाला, उससे टीम के मैच बचाने की थोड़ी बहुत संभावनाएं बनती दिखीं.

इस साझेदारी में 70 रन जुड़ने के बाद ऐसा लगने लगा था कि दोनों बल्लेबाज भरोसे के साथ लंच तक पहुंच जाएंगे. लेकिन तभी वाशिंगटन सुंदर ने लंच से पहले के आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर बेन स्टोक्स को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया और भारत की जीत की राह लगभग साफ हो गई.

वाशिंगटन ने तेज हवा का सही इस्तेमाल करते हुए गेंद को ड्रिफ्ट कराया और स्टोक्स को चकमा देने के लिए गेंद को थोड़ा धीमा फेंका.

स्मिथ ने किया प्रभावित

जेमी स्मिथ

इमेज स्रोत, Stu Forster/Getty Images

इमेज कैप्शन, जेमी स्मिथ 88 रन बनाने में सफल रहे

इंग्लैंड भले ही दूसरा टेस्ट बुरी तरह हार गया, लेकिन इस हार के बावजूद अगर किसी खिलाड़ी ने प्रभावित किया, तो वह जेमी स्मिथ थे. वह पहली पारी में बड़ा शतक लगाकर पहले ही अपनी प्रतिभा दिखा चुके थे और स्टोक्स के आउट होने के बाद भी अकेले दम पर संघर्ष करते रहे.

स्टोक्स के साथ साझेदारी ने एक समय इंग्लैंड की हार टालने की थोड़ी बहुत संभावना जरूर जगा दी थी. लेकिन स्टोक्स के आउट होते ही स्मिथ को एहसास था कि अब उनका साथ देने वाला कोई नहीं है. इसके बावजूद वह डटे रहे और नौ चौकों और चार छक्कों की मदद से 88 रन बनाने में सफल रहे.

सिरीज़ का अगला मुकाबला 10 जुलाई से लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेला जाएगा.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)