दुनिया के सबसे ज़हरीले मेंढकों की क्यों होती है तस्करी

ज़हरीला मेंढक

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चटख रंग वाले ज़हरीले मेंढकों की दुनिया भर में बड़े पैमाने पर तस्करी होती है. लुप्त हो रहे इन मेंढकों को बचाने की एक परियोजना शुरू की गई है.

कपड़ों से भरे बैग में वह कोई मामूली घरेलू सामान लग रहा था, मगर बगोटा के एल डोराडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पुलिस इंस्पेक्टरों को बैग के निचले हिस्से में कुछ अजीब लगा. एक्स-रे में दिख रहा था कि कपड़ों के बीच गहरे रंग की कोई चीज़ रखी है.

बैग खोलने पर वहां से फोटोग्राफिक फ़िल्म के सैकड़ों काले डिब्बे मिले. अधिकारियों ने जब उनको खोला तो अंदर कोई फ़िल्म नहीं मिली.

उन डिब्बों में 424 छोटे लुप्तप्राय मेंढक थे. काला बाज़ार में उनमें से हरेक की कीमत 2,000 डॉलर (1,479 पाउंड) तक थी.

कुछ मेंढकों पर पीले और काले रंग की धारियां थीं. कुछ मेंढक हरे रंग के थे जिन पर चमकदार नारंगी धब्बे थे. कुछ मेंढक बेजान थे, मगर सभी बेहद ज़हरीले थे.

ज़हरीला मेंढक

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ज़हरीले मेंढकों की तस्करी

पुलिस के मुताबिक मेंढक की उन प्रजातियों को कोलंबियाई प्रशांत क्षेत्र के कोको और वैले डेल कोका क्षेत्रों से पकड़ा गया था और जर्मनी ले जाया जा रहा था.

13 अप्रैल 2019 को हुआ यह वाकया कोलंबिया में वन्यजीव तस्करी का नमूना भर है. कोलंबिया में 850 प्रजातियों के उभयचर जीव रहते हैं. मेंढकों की विविधता के मामले में यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है.

पॉइजन डार्ट मेंढक धरती के सबसे ज़हरीले जीवों में से एक हैं. यूरोप और अमरीका के संग्राहक उनको शौक से रखते हैं.

हर मेंढक में इतना ज़हर होता है कि वह 10 लोगों की जान ले सके. उनकी त्वचा का चटख रंग शिकारियों को आगाह करता है. वही रंग उनको बेशकीमती बनाता है.

जर्मनी के हम्बोल्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोलंबिया में करीब 200 उभयचर प्रजातियों को लुप्तप्राय या गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इनमें ज़्यादातर मेंढक हैं.

ज़हरीला मेंढक

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वैध प्रजनन

कोलंबिया के इन लुप्तप्राय जंगली मेंढकों को बचाने के लिए एक अलग तरह की परियोजना शुरू की गई है- वैध प्रजनन.

2005 में शुरू किया गया टेसोरोस डि कोलंबिया देश का पहला और एकमात्र व्यावसायिक प्रजनन कार्यक्रम है. इसमें तस्करी करके लाए गए मेंढकों की कीमत की तुलना में बहुत कम पैसे में वैध प्रजनन कराया जाता है.

टेसोरोस के संस्थापक इवान लोज़ानो कहते हैं, "किसी प्रजाति को बचाने के लिए आपको व्यावहारिक समाधान की ज़रूरत होती है."

लोज़ानो ने ब्रिटेन के डरेल वन्यजीव संरक्षण ट्रस्ट में पढ़ाई की है. बाद में उन्होंने बगोटा वन्यजीव बचाव केंद्र में काम किया. वह कहते हैं, "मैंने समय के साथ यह सीखा है."

नौकरशाही की लंबी प्रक्रियाओं के बाद टेसोरोस को नवंबर 2011 में मेंढक की एक देसी प्रजाति- पीली धारियों वाले ज़हरीले मेंढक (Dendrobates truncates) के वैध निर्यात की इजाज़त मिली.

2015 तक उन्हें कई और प्रजाति के ज़हरीले मेढकों, जैसे हरे और काले मेंढक (D. auratus), कोको मेंढक (Phyllobates aurotaenia) और सुनहरे मेंढक (P. terribilis) के निर्यात की इजाज़त मिल गई.

लोज़ानो अब ज़हरीले मेंढकों की सात प्रजातियों का प्रजनन कराते हैं और उनको अमरीका, यूरोप और एशिया में भेजते हैं.

ज़हरीला मेंढक

मेंढक कैसे-कैसे

सबसे ज़्यादा मांग कोलंबिया के ओफगा मेंढक की है, जो कथित तौर पर अनिषेचित अंडे खाते हैं.

इस प्रजाति के मेंढक के बच्चे बिल्कुल अपनी मां की तरह होते हैं. उनको एक-एक करके हाथ से अनिषेचित अंडे खिलाने पड़ते हैं.

लोज़ानो कहते हैं, "यह बहुत मेहनत का काम है, लेकिन यह प्रजाति सबसे अधिक ख़तरे में है."

अवैध रूप से पकड़े गए मेंढकों की जगह वैध मेंढक तैयार करने के प्रयासों ने लोज़ानो को अमरीकी संग्राहकों के बीच मशहूर कर दिया है. लोज़ानो का शुक्रिया अदा करते हुए वे वैध और पर्यावरण अनुकूल मेंढक खरीद रहे हैं.

टेसोरोस में पहले सालाना 30 ओफगा मेंढक तैयार किए जाते थे. अब यह तादाद बढ़कर 150 हो गई है, फिर भी मांग की पूर्ति नहीं हो रही.

कोलोराडो में रहने वाले 37 साल के संग्राहक रॉबर्ट ज़ाराड्निक को लगता है कि वैध प्रजनन ने कई संग्राहकों का नज़रिया बदल दिया है.

"सोशल मीडिया पर संदिग्ध मेंढकों की तस्वीर डालने पर उनकी उत्पत्ति पूछी जाती है. लेकिन टेसोरोस के मेंढक हों तो आप गर्व कर सकते हैं."

फिर भी संरक्षण समुदाय के कुछ लोग ऐसी परियोजनाओं को खुले दिल से मंजूर नहीं करते जिनमें लुप्तप्राय प्रजातियों को बाड़े में रखकर प्रजनन कराया जाता है.

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एशिया के बाघ प्रजनन केंद्रों का एक उदाहरण मौजूद है, जिसमें कीमत घटाने और अवैध रूप से पकड़े गए जानवरों की मांग कम होने की बजाय बंदी नस्ल और जंगल से पकड़े गए, दोनों तरह के बाघों की मांग बढ़ गई.

टेसोरोस के मामले में, आंकड़े ज़ाराड्निक के दावों की तस्दीक करते हैं.

हाल के एक अध्ययन के मुताबिक 2014 से 2017 के बीच अमरीका में मंगाए गए अहम प्रजातियों के मेढकों का बड़ा हिस्सा- कुछ मामलो में 100% तक- वैध मेंढकों का था.

हालांकि ये आंकड़े सीमित हैं, क्योंकि तस्करी के आंकड़े पक्के नहीं हैं, फिर भी इससे वैध-प्रजनन वाले वन्यजीवों का पक्ष मज़बूत होता है.

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जैव-व्यापार पर बहस

रिपोर्ट के लेखक जस्टिन यीगर कहते हैं, "यह पेड़ों और जानवरों का #MeToo नहीं है, बल्कि ये गंभीर मसले हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए."

"जैव-व्यापार बिल्कुल सही नहीं है. आर्थिक रूप से टिके रहने के लिए आपको नियमित ग्राहक की ज़रूरत है. इसके लिए संग्राहक मानसिकता चाहिए, फिर भी इसमें उपभोग की संस्कृति को बदलने का अवसर है."

कोलंबिया में अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षक संघ (IUCN) के उभयचर विशेषज्ञ समूह में काम करने वाली सांद्रा फ्लेज्स का कहना है कि वैध प्रजनन अवैध तस्करी कम करने का एक "असरदार तरीका" साबित हुआ है, लेकिन यह काफी नहीं है.

वह कहती हैं, "क़ैद में जिन प्रजातियों का प्रजनन मुश्किल है उनकी मांग बहुत ज़्यादा है जिसे पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रजनन केंद्र नहीं हैं."

2019 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार दशकों में 80 हजार ज़हरीले मेंढकों को शिकार बनाया गया. IUCN ने उन प्रजातियों को गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया है जिनकी तादाद घट रही है.

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एक समय में एक मेंढक

कोलंबिया की एंडीज यूनिवर्सिटी के उभयसृपविज्ञानी और रिपोर्ट के लेखकों में से एक पाब्लो पैलेसियोस रॉड्रिगेज़ कहते हैं, "समस्या अब भी बहुत गंभीर है."

"इस क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का मतलब है कि तस्कर स्थानीय लोगों को सहायता के बदले पैसे दे सकते हैं. हमें इको-टूरिज्म और संरक्षण कार्यक्रम प्रोत्साहित करके उनको आर्थिक विकल्प देने की ज़रूरत है."

टेसोरोस के सामने मुख्य चुनौती वित्तीय स्थायित्व की है. प्रयोगशाला, परमिट, वकील, निरीक्षण और सरकारी पैरवी के लिए पैसे ख़र्च करने पड़ते हैं.

परमिट हासिल करने में ही लोज़ानो को 5 लाख डॉलर (3,81,236 पाउंड) का कर्ज लेना पड़ा. उन्होंने 2018 के बाद तनख्वाह लेनी शुरू की है. अभी तक व्यापार घाटे में चल रहा है, मगर टेसोरोस को उम्मीद है कि 2022 के बाद घाटा नहीं सहना पड़ेगा.

लोज़ानो यह साबित कर चुके हैं कि वैध व्यापार से भी फायदा कमाना मुमकिन है. अब उनको लगता है कि 7 से 23 अरब डॉलर का अवैध वन्यजीव व्यापार सीमित होगा.

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फिलहाल कंडिनामार्का प्रांत के वर्षा वनों के बीच 5.5 हेक्टेयर के मामूली से फार्म हाउस में टेसोरोस के 8 लोगों की टीम पूरे एहतियात के साथ मेढकों का प्रजनन कराने में लगी है ताकि कोलंबिया के वन्यजीवों की तस्करी ख़त्म हो.

लोज़ानो से बातचीत के दौरान नीले रंग के दस्ताने वाले उनके सहायक मोटे स्टायरोफोम की पैकिंग तैयार करते रहे, जिसे 72 घंटे की यात्रा पर जापान भेजना है.

प्लास्टिक के डिब्बों में ताज़ी कटी पत्तियों के बीच दर्जनों चमकीले मेंढक रखे गए हैं. सभी का एक सीरियल नंबर है.

उन डिब्बों में हवा आने-जाने के लिए सुराख बने हैं. सफ़र के दौरान तापमान में होने वाले आकस्मिक बदलावों के लिए हीटिंग पैड लगाए गए हैं.

लोज़ानो कहते हैं, "हमें लगता है कि हम इनमें से कुछ प्रजातियों को ख़त्म होने से बचा सकते हैं. एक समय में एक मेंढक."

यह कहानी मूल रूप से बीबीसी फ़्यूचर पर प्रकाशित हुई है. बीबीसी फ़्यूचर पर इस कहानी को पढ़ने के लिएयहां क्लिक करें.

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