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क्या कुछ लोग नेता बनने के लिए पैदा होते हैं?
- Author, क्रिश्चियन जैरेट
- पदनाम, बीबीसी वर्कलाइफ़
ग्लेन ऑलसोप को कारोबार करने का विचार 16 साल की उम्र में आया था, जब वह न्यूकैसल के अपने घर में बेडरूम में बैठे थे.
तेज़ी से तरक्की करते हुए वह वयस्क होने से पहले ही ब्रिटेन से केपटाउन शिफ्ट हो गए. इस तरह की उद्यमशीलता आती कहां से है?
जीन्स, माता-पिता की परवरिश और शिक्षा, ये सब अपनी भूमिका निभाते हैं, लेकिन परिवार, ख़ासकर भाई और बहन आपको कैसे आकार देते हैं?
30 साल के ऑलसोप डिटेल्ड डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ हैं. उनकी कंपनी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों को सलाह देती है.
वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और अपनी कामयाबी का श्रेय परिवार को देते हैं, जिसने उनको क्रिएटिव होने और जोख़िम उठाने की आजादी दी.
वह कहते हैं, "मुझे अपनी पार्ट टाइम नौकरी छोड़ने, कॉलेज छोड़ने और दूसरे महाद्वीप में नया जीवन शुरू करने की आज़ादी थी."
सबसे छोटा बच्चा
घर का सबसे छोटा बच्चा अधिक साहसी और ख़तरे उठाने वाला होता है- ऐसी कई धारणाएं प्रचलित हैं.
ऐसी ही एक और धारणा यह है कि पहला बच्चा नेतृत्व करने के अधिक काबिल होता है, हालांकि इसके वैज्ञानिक सबूत सबसे कमज़ोर हैं.
कुछ विशेषज्ञ व्यक्तित्व पर जन्म-क्रम के प्रभाव को "जोंबी सिद्धांत" भी बताते हैं, जो बार-बार ग़लत साबित होने पर भी मरते नहीं.
लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि भाई-बहन के रिश्ते या उनके न होने का कोई प्रभाव ही नहीं पड़ता.
नये शोध के मुताबिक, भाई-बहनों के बीच उम्र के अंतर, लड़के और लड़कियों का संतुलन और उनके रिश्ते की गुणवत्ता अधिक मायने रखती है.
जो बच्चे कार की अगली सीट पर बैठने या सबसे अच्छी जगह सोने के लिए उधम मचाते हैं, वे वास्तव में बदलाव लाने वाले हो सकते हैं.
बचपन की लड़ाइयां और कूटनीति हमें निजी कौशल और खूबियों से लैस करते हैं जो वयस्क होने पर काम आते हैं.
नेतृत्व के लिए पैदा हुए?
भाई और बहन हमें किस तरह आकार देते हैं, इसमें सबसे ज़्यादा परिवार में हमारा जन्म क्रम मायने रखता है- इंटरनेट पर ऐसे नाटकीय लेखों की भरमार है. उनमें दावा किया गया है कि पहले बच्चे के नेतृत्व करने की ज़्यादा संभावना होती है.
यूरोपीय नेता एंजेला मर्केल और इमैनुएल मैक्रों दोनों पहली संतानें हैं. अमरीकी राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा भी पहली संतान हैं.
बराक ओबामा के सौतेले भाई-बहन उनसे बड़े हैं, लेकिन वे उनके साथ नहीं रहते थे.
कारोबार की दुनिया में भी शेरिल सैंडबर्ग, मारिसा मेरस, जेफ़ बेज़ोस, एलन मस्क और रिचर्ड ब्रैनसन सहित कई मशहूर सीईओ अपने माता-पिता की पहली संतानें हैं.
कई अध्ययनों ने इस धारणा को ख़ारिज किया है कि जन्म का क्रम हमारे व्यक्तित्व को आकार देता है.
वैज्ञानिकों ने विश्लेषण किया कि हम कैसे क्रियाशील या निष्क्रिय बनते हैं, प्रभावी या डरपोक बनते हैं.
2015 में दो बड़े अध्ययनों में जन्म क्रम और व्यक्तित्व के लक्षणों में कोई सार्थक संबंध नहीं पाया गया.
पहले अध्ययन में, इलिनॉयस यूनिवर्सिटी की रोडिका डैमियन और ब्रेंट रॉबर्ट ने अमरीका के करीब चार लाख स्कूली छात्रों के लक्षण, बुद्धि और जन्म-क्रम का आकलन किया.
दूसरे अध्ययन में लीपज़िग यूनिवर्सिटी की जूलिया रोहरर और उनके सहयोगियों ने ब्रिटेन, अमरीका और जर्मनी के करीब 20 हज़ार लोगों की बुद्धि, व्यक्तित्व और जन्म-क्रम के आंकड़े देखे.
दोनों अध्ययनों में कुछ छोटे सह-संबंध थे, लेकिन उनकी व्यावहारिक प्रासंगिकता बहुत कम थी.
एक और लोकप्रिय धारणा भाई-बहनों में सबसे छोटे को लेकर है कि ऑलसोप की तरह वे ख़तरे उठाने के लिए तैयार रहते हैं.
लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ़ बेलेरिक आइलैंड्स के टॉमस लेजरागा और उनके सहयोगी साहस और जन्म-क्रम में कोई सार्थक रिश्ता नहीं ढूंढ़ पाए.
भाई-बहन की पसंद
जन्म का क्रम ही सब कुछ नहीं है. फिर भी एक ही मां-बाप की दो संतानों को साथ खेलते, साथ झगड़ते, बहस करते और दोबारा दोस्त बनते हुए देखने से लगता है कि ये अनुभव अपनी छाप छोड़ेंगे ही.
एक बात ध्यान में रखने की है कि जन्म का क्रम भाई-बहनों के रिश्ते का बस एक पहलू है.
सबसे पहले या सबसे आख़िर में जन्म लेने का कोई असर भले न हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि परिवार में आपका अपना अनुभव आपके व्यक्तित्व पर असर न छोड़े.
परिवार के ढांचे में आपके रिश्ते और आपकी भूमिका मायने रखती है. लेकिन रोहरर यहां भी सावधान करती हैं.
यदि आप भाई-बहनों के साथ रिश्ते और जीवन के बाद के हिस्से में किसी व्यक्ति के व्यवहार के बीच संबंध तलाशते हैं तो इसकी व्याख्या बहुत सरल है- व्यक्तित्व की स्थिरता.
रोहरर कहती हैं, "यदि कोई व्यक्ति बचपन में अपने भाई-बहनों का ख़्याल रखता है तो बाद में भी वह दूसरों के साथ ऐसा कर सकता है, चाहे उस पर भाई-बहनों का प्रभाव हो या न हो."
इन बारीकियों के अलावा ऐसे कुछ और सबूत हैं कि भाई-बहनों के संबंधों के दूरगामी मनोवैज्ञानिक परिणाम हो सकते हैं.
भाई-बहन से रिश्ते अच्छे हों तो मानसिक सेहत दुरुस्त रहती है. रिश्ते कड़वें तो मन का सुकून बिगाड़ देते हैं.
एक अध्ययन से पता चला है कि जिनकी बहनें बड़ी होती हैं वे लोग कम प्रतियोगी होती हैं- हालांकि इसके व्यावहारिक असर को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताना महत्वपूर्ण नहीं है.
भाई-बहन से छोटा या बड़ा होने से भी ज़्यादा प्रासंगिक यह हो सकता है कि क्या आपके भाई या बहन की उम्र आपके लगभग बराबर है.
ब्रिटेन के 4,000 से ज़्यादा लोगों के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि जिनकी उम्र अपने बड़े भाई या बहन के करीब थी वे खुले विचारों के और कम विक्षिप्त थे.
शायद इसका कारण यह है कि उनको अपने माता-पिता का ध्यान खींचने के लिए बराबरी के मौके मिले थे और उनके साथ खेलते हुए एक-दूसरे से सीखने की संभावना ज़्यादा थी.
पहले के शोध में पाया गया था जो बच्चे खिलौने वगैरह से काल्पनिक खेल खेलते हैं उन्हें बचपन में ही दूसरों की भावनाओं की अच्छी समझ हो जाती है.
परिवार के मूल्य
भाई और बहन के रिश्ते शून्य में मौजूद नहीं होते. भाई-बहन के रिश्ते तभी अच्छे रहते हैं जब वे माता-पिता के साथ संगठित परिवार के खुश माहौल में बड़े होते हैं.
दूसरे शब्दों में, असर छोड़ने वाले कारक कई होते हैं. हो सकता है कि भाई-बहन के साथ आपका रिश्ता आपके अपने विकास को प्रभावित करे, लेकिन उनके साथ रिश्ते की गर्माहट घर के माहौल पर निर्भर करती है.
भावनात्मक रूप से मज़बूत होना, दूसरे की भावनाओं की कद्र करना और सामाजिक रूप से कुशल होना कई करियर में फायदेमंद होता है (सेल्स, अध्यापन या पत्रकारिता जैसे पेशे में बहिर्मुखी होने के स्पष्ट फायदे होते हैं).
भाई या बहन होने से सही प्रशिक्षण मिलने का आधार तैयार हो जाता है. जो लोग अपनी मां-बाप की इकलौती संतान हैं, उनका क्या?
डिजाइन एजेंसी क्लिक़ स्टूडियो के SEO डायरेक्टर ब्रेंडन हफ़र्ड का कहना है कि इकलौती संतान होने के अनुभव ने उनको गहराई से प्रभावित किया.
"मैं बाहर के लोगों से सत्यापन लेता हूं. भाई-बहन के ना रहने पर मैं अपने काम और रोजाना के अनुभवों के सत्यापन के लिए दूसरे लोगों से इनपुट लेता हूं."
हफ़र्ड के मुताबिक इससे उनके पेशेवर करियर में सहकर्मियों के साथ जुड़ने और जल्दी तालमेल बनाने में मदद मिलती है.
"जब मैं नेतृत्व करने की स्थिति में पहुंचा तो मैं जिन लोगों के साथ खुले तौर पर बातें साझा कर सकता था, उनकी तादाद घट गई."
"इससे नेता के रूप में मेरी क्षमता और प्रभावशीलता के बारे में लंबे समय तक द्वंद्व बना रहा."
शोध-साहित्य
इस बारे में शोध साहित्य परेशान कर देने वाले हैं. जैसे एक अध्ययन में चीन की एकल संतान नीति से पहले और बाद में पैदा हुए बच्चों के व्यक्तित्व और व्यवहार के लक्षणों की तुलना की गई थी.
इसमें यह निष्कर्ष निकाला गया था कि एकल संतान नीति लागू करने के बाद पैदा हुए बच्चों में कम भरोसेमंद, जोखिम लेने से बचने वाले, कम प्रतियोगी, ज़्यादा निराशावादी और कम ईमानदार होने की प्रवृत्ति रहती है.
ये गुण दफ़्तर की राजनीति को साधते हुए कामयाबी पाने के नजरिये से अच्छे नहीं हैं.
हफ़र्ड कहते हैं, "मुझे सुनने और अपने साथियों को समय देनी की आदत सीखनी पड़ी."
"इकलौती संतान होने पर मुझे किसी से प्रतियोगिता नहीं करनी पड़ी, बस कुछ चीजों के लिए माता-पिता को मनाना पड़ा."
इकलौती संतान के बारे में एक और अध्ययन से ऐसे ही नतीजे निकले हैं- जो प्रतिभागी इकलौती संतान थे वे सहमति देने के लिए कम तैयार थे, मतलब यह कि वे कम मित्रतापूर्ण और भरोसेमंद थे.
लेकिन वहां उम्मीद की एक किरण भी थी- जो अपने मां-बाप की इकलौती संतान थे उन्होंने क्रिएटिविटी की परीक्षा में ज़्यादा स्कोर किया.
शोधकर्ताओं के मुताबिक माता-पिता इकलौती संतानों पर अधिक ध्यान देते हैं और वे उनसे अपेक्षा भी ज़्यादा लगाते हैं.
इसका एक और कारण यह हो सकता है कि इकलौती संतानों के पास अपनी कल्पना के साथ बिताने के लिए ज़्यादा वक़्त होता है, जिसका उनको फायदा मिलता है.
मैं और मेरे जैसी कई इकलौती संतानें यह सोच सकते हैं कि भाई या बहन के साथ बातें करना और खेलना कैसा होता होगा, लेकिन मुझे घर में जो शांति मिली शायद उसी ने मुझे लेखक बनाने में नींव का काम किया.
आखिरकार हमारे परिवार के जो भी अनुभव हों, वहां से हम कई अलग-अलग पेशे चुन सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं.
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