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तेंदुलकर की कर रियायतों पर आपत्ति | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर को मिली भारी कर रियायतों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कड़ी आपत्ति जताई है. संसद में सोमवार को पेश की गई नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में इस पर चिंता जताई गई है और कहा है कि इससे सरकार को लगभग 4.42 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तेंदुलकर ने 1998-99 से लेकर 2004-05 तक 16.33 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा विज्ञापन से अर्जित की. उन्हें आयकर की धारा 80 आरआर के तहत कुल आय पर 15 से 75 फ़ीसदी तक की छूट दे दी गई. इससे उन्हें 8.87 करोड़ रुपए की आय कर से छूट हासिल हो गई. यदि उन्हें यह छूट हासिल नहीं होती तो तेंदुलकर को 3.62 करोड़ रुपए का और कर अदा करना पड़ता. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कहना है कि तेंदुलकर इस छूट के अधिकारी नहीं थे क्योंकि उन्होंने यह कमाई एक 'मॉडल' के रूप में की न कि एक क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में. उल्लेखनीय है कि क्रिकेट खिलाड़ियों को आय कर में विदेशी मुद्रा में कमाई पर आय कर में छूट दिए जाने का प्रावधान है. दूसरी ओर ऐसी ही छूट के कारण सुनील गावस्कर को 2000 से 03 के बीच 80.34 लाख रुपए कम कर अदा करना पड़ा. कैग का कहना है कि गावस्कर इस छूट के अधिकारी नहीं थे क्योंकि उन्होंने विदेशी मुद्रा में यह कमाई कमेंटेटर के रूप में की थी. आयकर विभाग ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को सूचित किया है कि वह तेंदुलकर के कर निर्धारण की दोबारा जांच करेगा और इन बातों को ध्यान रखा जाएगा. | इससे जुड़ी ख़बरें सचिन के रिटायरमेंट पर तेज़ हुई बहस01 अप्रैल, 2007 | खेल अभ्यास के लिए हाज़िर हुए सचिन03 मई, 2007 | खेल क्यों नहीं संन्यास लेते सचिन ?21 अप्रैल, 2007 | खेल गांगुली को बीसीसीआई की क्लीनचिट30 अप्रैल, 2007 | खेल सचिन को रिटायर होना चाहिएः अमरनाथ25 अप्रैल, 2007 | खेल 'नोटिस का जवाब भेजा, माफ़ी नहीं मांगी'14 अप्रैल, 2007 | खेल कोच के सवाल उठाने से ठेस पहुँची: सचिन04 अप्रैल, 2007 | खेल | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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