शनिवार, 11 फ़रवरी, 2006 को 10:27 GMT तक के समाचार
मद्रास हाइकोर्ट ने मोबाइल फ़ोन ऑपरेटरों को भारत-पाकिस्तान सीरिज़ के स्कोर की जानकारी एसएमएस से देने की अनुमति प्रदान कर दी है.
लेकिन अदालत ने इससे होने वाली कमाई का पूरा हिसाब-किताब रखने को कहा है.
जस्टिस आर भानुमति ने 18 याचिकाओं पर यह अंतरिम आदेश सुनाया. लेकिन उन्होंने साफ़ कर दिया कि इससे होने वाली आमदनी का हिसाब रखना होगा.
याचिकाकर्ताओं में भारती टेलीवेंचर्स और हच भी शामिल हैं. इन कंपनियों ने सात फ़रवरी के हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि वे एसएमएस के जरिए स्कोर की जानकारी नहीं दे सकते हैं.
जस्टिस एम चोकलिंगम ने 7 फ़रवरी को मार्क्समेन मार्केटिंग सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर एसएमएस भेजने पर रोक का अंतरिम आदेश दिया था.
मार्क्समेन की दलील थी कि उसे स्कोर, एलर्ट और अपडेट की जानकारी देने का एकाधिकार हासिल है इसलिए उसे इससे आर्थिक नुक़सान होगा.
लेकिन जस्टिस भानुमति ने अपने आदेश में कहा है कि कंपनी को यदि कोई नुक़सान हुआ तो उसकी भरपाई की जाएगी.