शनिवार, 12 मार्च, 2005 को 21:33 GMT तक के समाचार
मोहाली टेस्ट में अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से पाकिस्तान को हार से बचाने वाले विकेटकीपर कामरान अकमल ने अपना शतक अपने साथी खिलाड़ी अब्दुल रज़्ज़ाक़ को समर्पित किया है.
अपना पहला शतक लगाने के बाद अकमल ने कहा कि वे इस बात से ज़्यादा ख़ुश हैं कि उनका शतक ऐसे समय आया जब टीम को वाकई इसकी ज़रूरत थी.
उन्होंने कहा, "यह मेरा एक सपना था कि मैं शतक बनाऊँ और अपनी टीम को हार से भी बचा लूँ. मैं अपनी पारी रज़्ज़ाक़ को समर्पित करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे पिच पर टिके रहने का नायाब गुर सिखाया."
पाकिस्तान के कप्तान इंज़माम-उल-हक़ ने कामरान अकमल और अब्दुल रज़्ज़ाक़ की जम कर प्रशंसा की है. इन दोनों की बल्लेबाज़ी के कारण ही पाकिस्तान मोहाली टेस्ट बचाने में सफल हुआ.
अब्दुल रज़्ज़ाक़ और कामरान अकमल के बीच 184 रनों की साझेदारी के कारण भारत की जीत की उम्मीद ख़त्म हो गई.
पुरस्कार
कामरान ने तो अपने टेस्ट करियर का पहला शतक भी लगाया. उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार भी मिला.
मैच के बाद पाकिस्तान के कप्तान इंज़माम ने कहा, "इन दोनों की बल्लेबाज़ी से मैं राहत महसूस कर रहा हूँ. उन्होंने बल्लेबाज़ी के साथ-साथ अपनी मानसिक मज़बूती का भी परिचय दिया."
भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने भी इन दोनों बल्लेबाज़ों की प्रशंसा की. गांगुली ने कहा कि जब पाँचवें दिन का खेल शुरू हुआ को भारत को सिर्फ़ चार विकेट चटकाने थे.
गांगुली ने कहा, "हमने इसे आसान माना था लेकिन रज़्ज़ाक़ और अकमल ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की. तेज़ गेंदबाज़ों को विकेट से कोई मदद नहीं मिल रही थी."
लेकिन पाकिस्तान के कप्तान का कहना था कि विकेट बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों-दोनों के लिए अच्छा था.