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टेस्ट का दर्जा ख़तरे में नहीं: आईसीसी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारत की टेस्ट सिरीज़ का अगर प्रसारण नहीं हुआ तो उसके टेस्ट मैच के आधिकारिक दर्जे पर असर नहीं होगा. उधर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध होने वाली घरेलू सिरीज़ का भारत में प्रसारण प्रसार भारती करेगा जबकि इसके अंतरराष्ट्रीय प्रसारण का अधिकार किसी और को दिया जाएगा. ज़ी नेटवर्क्स को घरेलू मैचों के प्रसारण अधिकार मिलने के बाद ईएसपीएन-स्टार स्पोर्ट्स ने अदालत में अपील की थी कि बीसीसीआई ने अनुबंध देने में अपनी ही प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. इस पर बोर्ड ने अनुबंध रद्द कर दिया जिससे ज़ी नेटवर्क्स ने उच्चतम न्यायालय का रुख़ किया. ज़ी नेटवर्क्स का कहना है कि एक विशेष चैनल को फ़ायदा पहुँचाने के लिए बोर्ड ने दुर्भावनापूर्ण तरीक़े से उनका अनुबंध रद्द किया है. इस पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े, न्यायमूर्ति बीपी सिंह और न्यायमूर्ति एसबी सिन्हा की खंडपीठ ने कहा कि अब पाँच न्यायाधीशों की एक खंडपीठ मंगलवार से इस मामले में सुनवाई शुरू करेगी टेस्ट दर्जा उधर आईसीसी ने कहा है कि उसने घरेलू बोर्डों के लिए टेस्ट और एकदिवसीय मैचों का सीधा प्रसारण करना आवश्यक नहीं बनाया है मगर मैच का सीधा प्रसारण और उसका रीप्ले तीसरे अंपायर के लिए उपलब्ध कराना ज़रूरी है. आईसीसी के प्रवक्ता जॉन लौंग के अनुसार जहाँ तक आईसीसी की ज़रूरतों का सवाल है तीसरे अंपायर के लिए कैमरे लगे होने चाहिए. इससे पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अगर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैच का प्रसारण नहीं हुआ तो मैच का टेस्ट का दर्जा ख़तरे में पड़ सकता है. |
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