बुधवार, 21 जुलाई, 2004 को 17:34 GMT तक के समाचार
एथेंस ओलिंपिक खेलों को लेकर एक विवाद शुरू हो गया है. सात उत्तरी यूरोपीय देशों ने यूनान से ओलंपिक खेलों के दौरान एथेंस में वेश्यालयों की संख्या बढ़ाने की योजना पर विरोध जताया है.
नॉर्वे, स्वीडन, फ़िनलैंड, आइसलैंड, लातविया और लिथुवानिया ने एक संयुक्त बयान जारी करते इस पर खेद जताया है.
वेश्यालयों को परमिट दिए जाने की योजना है दरअसल एथेंस के नगर परिषद ने खेलों के दौरान माँग पूरी करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वेश्यालयों को परमिट दिए जाने का अनुरोध किया है.
इस महीने के शुरू में यह विवाद पैदा हुआ, जब शक्तिशाली यूनानी ऑर्थोडॉक्स चर्च ने एथेंस के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे ओलंपिक के लिए 'सेक्स पर्यटन' को बढ़ावा दे रहे हैं.
लेकिन एथेंस के मेयर दोरा बाकोईयनिस ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे सिर्फ़ ग़ैर क़ानूनी वेश्यालयों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कह रही हैं ताकि उन्हें नियमित करा दिया जाए.
क़ानून
यूनान के अधिकारियों ने 1999 के एक क़ानून को लागू कराने की कोशिश की थी जिसके अनुसार देश के सभी वेश्यालयों के पास परमिट होने चाहिए. लेकिन फिलहाल एथेंस में कुछ ही वेश्यालयों के पास परमिट है.
अधिकारियों का कहना है कि वे यहाँ 230 परमिट जारी करेंगे, जबकि क़ानून सिर्फ़ 200 वेश्याघरों को परमिट देने की बात करता है.
लेकिन उत्तरी यूरोपीय देशों का कहना है कि यह योजना ओलंपिक की परंपरा के मुताबिक़ नहीं है.
इन देशों ने संयुक्त बयान में कहा है, "हमें इस पर आश्चर्य हुआ है कि एथेंस में वेश्याघरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है."
बयान में कहा गया है कि इससे महिलाओं के शोषण को बल मिलेगा. यूनान में वेश्यावृत्ति को क़ानूनी मान्यता है और यहाँ रजिस्टर्ड वेश्यालयों में नियमित स्वास्थ्य जाँच भी होती है.
पिछले सिडनी ओलंपिक में भी वेश्यालयों ने जम कर कमाई की थी.