|
सौरभ गांगुली के प्रस्ताव पर विचार | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख एहसान मानी ने कहा है कि परिषद टेस्ट खेलने वाले देशों को दो हिस्सों में बाँटने के भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. बीबीसी हिंदी से विशेष बातचीत में मानी ने कहा, "आईसीसी सौरभ गांगुली के विचार पर खुले दिमाग़ से विचार कर रही है. हमें ऐसे कई और सुझाव भी मिले हैं." मानी ने कहा कि इस बारे में अगले साल जून के अंत तक कोई फ़ैसला ले लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आईसीसी इन दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की समीक्षा कर रहा है जहाँ इन सभी चीज़ों पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा. हाल ही में सौरभ गांगुली ने सुझाव दिया था कि टेस्ट खेलने वाले देशों को दो हिस्सों में बाँट दिया जाए जिससे मज़बूत देशों को बेहद कमज़ोर देशों से न खेलना पड़े. गांगुली का कहना था कि क्रिकेट को दुनिया भर में फैलाया ज़रूर जाए मगर इससे खेल की असली प्रतियोगी भावना पर असर नहीं पड़ना चाहिए. बांग्लादेश को वर्ष 2000 में टेस्ट खेलने वाले देश का दर्जा तो मिल गया था मगर वह आज तक खेल चुके 28 टेस्ट मैचों में कोई जीतना तो दूर सिर्फ़ दो टेस्ट ही ड्रॉ करा पाया है. परिषद के अध्यक्ष का कहना था, "हम दुनिया में क्रिकेट को बेहतर ढंग से चलाने के बारे में हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इस बारे में जब अंतिम दस्तावेज़ जून 2005 तक तैयार हो जाएगा तो उसी में सौरभ के सुझाव पर भी फ़ैसला होगा." मानी का कहना था कि अगर ऐसा फ़ैसला होता है तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे. कीनियाई खिलाड़ी मॉरिस ओडुम्बे के विरुद्ध मैच फ़िक्सिंग के आरोपों की सुनवाई के बारे में मानी ने कहा कि अब टीमों के स्तर पर मैच फ़िक्सिंग नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पॉल कोंडोन के भ्रष्टाचार निरोधक यूनिट ने ये सुनिश्चित किया है कि टीम के स्तर पर अब मैच फ़िक्सिंग नहीं हो पाए. इसके अलावा हर खिलाड़ी के खेल पर पूरी नज़र रखी जाती है जिससे जब भी कोई शंका हो तो कार्रवाई की जा सके. उनका कहना था कि इस बारे में आईसीसी कोई कोताही नहीं बरतेगा. |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||