नींद में चलकर बल्ला ढूंढ़ने वाला सचिन

सचिन तेंदुलकर
    • Author, वैभव पुरंदरे
    • पदनाम, सचिन के जीवनीकार, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट से बहुत अधिक लगाव रहा है. ज्यादातर क्रिकेट खिलाड़ियों को एक मैच खेलने के बाद शाम को ब्रेक की जरूरत पड़ती है. लेकिन सचिन के साथ ऐसा नहीं है. सचिन क्रिकेट खेलने से उसके बारे में बात करने से कभी थकते नहीं हैं.

निजी जिंदगी में भी सचिन क्रिकेट से जुड़े रहते हैं. घर-बाहर, दोस्तों के साथ, हर जगह वो क्रिकेट से जुड़े रहते हैं.

इसी समर्पण और अनुशासन की वजह से सचिन इतने महान क्रिकेट खिलाड़ी बन गए हैं.

तेंदुलकर निजी जिंदगी में अपने परिवार के बहुत करीब हैं. वे अपनी मां, भाई और बच्चों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं. उन्हें हिंदी फिल्मी गाने सुनने का बड़ा शौक है.

और भी शौक हैं उनके लेकिन सबसे बड़ा शौक क्रिकेट ही है.

गावस्कर और ब्रैडमैन के मैच के वीडियो देखना उन्हें अच्छा लगता है. ये उनका पसंदीदा काम है.

रफ़्तार के शौक़ीन

सचिन को तेज गाड़ी चलाना भी पसंद है. लेकिन मुंबई के ट्रैफ़िक और अपनी शख्सियत को ध्यान में रखते हुए वे ऐसा नहीं कर पाते हैं. सचिन अक्सर रात के बारह बजे सिद्धि विनायक मंदिर जाते हैं क्योंकि दिन में उनके लिए वहां जा पाना मुमकिन नहीं होता. सी-फूड उन्हें बड़ा पसंद है.

निजी जिंदगी में सचिन बड़े सरल इंसान हैं.

जहां तक संन्यास की बात है तो सचिन हर सीरीज के बाद इस बारे में सोचते रहे हैं कि क्या ये सही समय होगा या नहीं. लेकिन इसके बाद भी वो हर सीरीज़ का लुत्फ उठाते रहे हैं.

सचिन इस युग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, ये तो जगजाहिर है, लेकन क्रिकेट के प्रति उनका प्यार किस हद तक जा सकता है, ये बात बहुत से लोगों को पता नहीं है.

बल्लेबाज़ी का बुखार

सचिन तेंडुलकर
इमेज कैप्शन, सचिन को जानने वाले बताते हैं कि वे चौबीस घंटे क्रिकेट खेल सकते हैं

एक बार ऐसा भी हुआ जब सचिन एक फेस्टिवल मैच खेल रहे थे और उन्हें बुखार था, लेकिन फिर भी वो बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरे और उन्होंने नब्बे रन बनाए. सचिन चौबीस घंटे क्रिकेट खेल सकते हैं.

कई बार तो ऐसा भी हुआ कि सचिन रात में नींद में चलकर अपना बल्ला खोजते रहे.

एक बार ऐसा भी हुआ कि अंडर-15 टीम के मैनेजर को रात के दो बजे किसी के क्रिकेट खेलने की आवाज़ आई. उन्होंने छत पर देखा कि सचिन अभ्यास कर रहे थे. सचिन की उम्र तब 13-14 साल रही होगी.

भारत में क्रिकेट खेलने वाला हर बच्चा सचिन तेंदुलकर बनना चाहता है. सचिन एक पूरी पीढ़ी के नायक बन गए हैं.

ये उनकी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.

(बीबीसी संवादाता पंकज प्रियदर्शी से बातचीत पर आधारित)

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