आईपीएल 2023: अपने हुनर की छाप छोड़ने वाले छह युवा सितारे

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- Author, विधांशु कुमार
- पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए
आईपीएल 2023 की चर्चा जब भी होगी तो उनमें शुभमन गिल की बैटिंग के क़सीदे पढ़े जाएंगे.
इस युवा भारतीय़ बल्लेबाज़ का कद इस सीज़न के बाद और भी बढ़ गया है.
लेकिन गिल के अलावा कुछ और भी भारतीय युवा खिलाड़ी रहे जिन्होंने अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तो नहीं खेला है लेकिन भारतीय सेलेक्टर्स के दरवाज़ों पर बड़ी दस्तक दी है.
नज़र डालते हैं ऐसे कुछ खिलाड़ियों पर.
यशस्वी जायसवाल


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दुनिया में ऐसे बहुत कम बल्लेबाज़ हैं जो जॉस बटलर के साथ ओपनिंग करें और उनसे भी अधिक तेज और दमदार पारियां लगातार खेलें.
ऐसा करिश्मा इस बार के आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने कर दिखाया.
लीग मैच में राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 32 रनों से हरा दिया था.
उस मैच के हीरो थे जायसवाल, जिन्होंने 43 गेंदों पर 77 रन बनाए. मैच के बाद धोनी ने भी जायसवाल की तारीफ़ की थी और कहा था कि जायसवाल ने जिस तरह पहले कुछ ओवर्स में जमकर बाउंड्रीज़ लगाए, उसने मैच को चेन्नई के हाथों से छीन लिया.


जायसवाल के लिए सीज़न यादग़ार रहा और उन्होंने 14 पारियों में 48 की औसत से 625 रन बनाए.
उन्होंने लगातार अपनी टीम को तेज शुरुआत दिलवाई और 13 गेंद पर अर्धशतक लगाकर आईपीएल का सबसे तेज़ अर्धशतक का रिकॉर्ड भी बनाया.
इसके अलावा उन्होंने एक शतक भी बनाया.
उनकी बैटिंग को देखते हुए उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में स्टैंडबाई खिलाड़ी के तौर पर चुना गया जो बताता है कि भारतीय टीम में खेलना उनके लिए बस अब वक्त की बात है.
रिंकू सिंह


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अलीगढ़ में एक साधारण ज़िंदगी जीने वाले रिंकू सिंह रातों-रात आईपीएल स्टार बन गए हैं.
जब कभी आईपीएल 2023 सीज़न की हाईलाइट दिखाई जाएंगी, तो सबसे पहले जिसकी बारी आएगी वो हैं रिंकू सिंह के मैच जिताने वाले 5 लगातार छक्के.
गुजरात के ख़िलाफ़ उस मैच मे आखिरी ओवर में 29 रन बनाने थे जो रिंकू ने आसानी से बना दिए.
रिंकू ने सीज़न में कोलकाता के लिए सबसे ज़्यादा 474 रन बनाए, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल रहे.
एक इंटरव्यू में संजय मांजरेकर ने कहा कि रिंकू सिंह को भारतीय टीम में लेने का वक्त आ गया है.


उन्हें 'इंडिया ए' में खिलाकर फिऱ नेशनल टीम में लाने का लंबा रूट लेने की बजाय सीधा टीम में ले लेना चाहिए.
कुछ एक्सपर्ट्स ये भी मानते हैं कि भारत ने दिनेश कार्तिक को जिस तरह पिछले टी20 वर्ल्ड कप में सिर्फ़ 2 ओवर खेलकर अपना रोल अदा करने की जिम्मेदारी दी थी, वही रोल रिंकू सिंह भी बखूबी निभा सकते हैं.
वहीं सुनील गावस्कर ने होस्ट और ब्रॉडकास्टर के साथ इंटरव्यू में कहा कि रिंकू की बैटिंग बहुत मैच्योर हो चुकी है. वो 5 गेंद में 25 रन भी बना सकते हैं और खराब वक्त पर टिककर खेल भी सकते हैं और इनिंग को अच्छी तरह फेस कर सकते हैं.
लगभग 60 की औसत से इस सीज़न में रन बनाने वाले रिंकू सिंह कोलकाता के हाशिए के खिलाड़ी से उठकर उनके प्रमुख हथियार बन गए.
तुषार देशपांडे


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इस सीज़न में क्रिकेट के जानकार अकसर यह कहते सुने गए कि तुषार देशपांडे की सफ़लता में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बॉलिंग कोच ड्वेन ब्रावो का बड़ा हाथ रहा.
ये सच बात है, लेकिन सच ये भी है कि सीज़न में 21 विकेट धोनी या ब्रावो ने नहीं बल्कि तुषार देशपांडे ने लिए.


हालांकि वो खर्चीले भी साबित हुए लेकिन लगातार विकेट लेकर उन्होंने चेन्नई की कमज़ोर दिखने वाले पेस अटैक को गेम में बनाए रखा.
उनके लिए अच्छी बात ये रही कि जो भी प्लान उन्हें धोनी ने दिया, उसे उन्होंने बखूबी निभाया और आईपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.
तिलक वर्मा


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आक्रामक बैटिंग, तकनीक और मानसिकता के लिहाज से जिस युवा बल्लेबाज़ ने इस सीज़न में सबसे ज़्यादा प्रभावित किया वो थे मुंबई के तिलक वर्मा.
पिछले सीज़न में उन्होंने 14 मैचों में 397 रन बनाए थे. मौजूदा सीजन में उन्हें 11 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 42.88 की औसत से 343 रन बनाए.
उनकी पारियों में सबसे यादगार रही गुजरात के खिलाफ़ क्वालिफ़ायर-2 में 14 बॉल पर बनाए गए 43 रन.


उनकी बैटिंग को देखकर खुद वीरेंद्र सहवाग को अपनी याद आ गई.
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि तिलक को बस अपनी कमज़ोरियों को देखना है और उसे सुधारना है.
साई सुदर्शन


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गुजरात की तगड़ी बैटिंग लाइनअप में, शुभमन गिल के साए में, एक और युवा बल्लेबाज़ को जब जब मौके मिले उसने अपनी छाप छोड़ी.
वो थे बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज़ साई सुदर्शन.
उन्हें शुरुआती मैचों में मौके मिले, जिसमें उन्होंने बढ़िया खेल दिखाया. फिर भी उनकी जगह टीम में चली गई और आखिरी के कुछ मैचों में उन्होंने फिर वापसी की और मैच दर मैच अपने खेल में सुधार किया.
उनकी बेस्ट पारी फ़ाइनल में रही, जब उन्होंने 96 रन बनाए और गुजरात को लगभग जीत के करीब ले गए.
इस सीज़न में 8 पारियों में उन्होंने 51.71 की औसत से 362 रन बनाए.


उन्होंने पेस और स्पिन दोनों के खिलाफ़ बढ़िया खेल दिखाया.
उनकी बैटिंग की तारीफ़ करते हुए कमेंटेटर ब्रेट ली ने कहा कि वो हर पारी के साथ एक बेहतर खिलाड़ी होते जा रहे हैं और फ़ाइनल में जो 96 रन उन्होंने बनाए वो शानदार थे.
सुदर्शन अपनी इनिंग को पेस करना अच्छी तरह से जानते हैं. उनके पास सभी क्लासिक शॉट्स मौजूद हैं और उनके शॉट्स फील्ड के गैप में से निकलते हैं.
ये सब खूबी उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिए एक आकर्षक युवा विकल्प की तरह पेश करती हैं.
आकाश मधवाल


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सीज़न शुरू होने से पहले मुंबई की टीम के पास जसप्रीत बुमराह और जोफ़्रा आर्चर जैसे दो धुरंधर गेंदबाज़ थे जिससे मुंबई को पेस अटैक लीड करने की उम्मीद थी.
लेकिन बुमराह पूरे सीज़न और आर्चर सीज़न के बीच चोटिल रहे और मुंबई की पेस बॉलिंग पर ज़बरदस्त दबाव आ गया.
उन्हें इस मुश्किल घड़ी में बचाया एक अनजान सीमर आकाश मधवाल ने. वो मुंबई की टीम में आर्चर की जगह पर सीज़न के दूसरे हाफ में आए.
उनकी बोलिंग की खासियत रही लाइल लेंथ मेंटेन रखना, जबरदस्त यॉर्कर्स डालना और बहुत ज्यादा वेरिएशन के चक्कर में नहीं पड़ना.


उनकी रणनीति कामयाब रही और उन्होंने सिर्फ 8 मैचों में 14 विकेट लिए. उनका सबसे बड़ा योगदान एलिमिनेटर मैच में रहा जब लखनऊ के खिलाफ़ उन्होंने 5 रन देकर 5 विकेट निकाल लिए, जो प्लेऑफ का रिकॉर्ड बन गया.
अगर मुंबई को सीज़न के दूसरे हाफ़ में आर्चर या बुमराह की कमी नहीं खली तो उसकी वजह आकाश मधवाल ही रहे.
भारतीय टीम में आने के लिए उन्हें अभी और इम्तेहान देने पड़ेंगे, लेकिन मुंबई की टीम में उन्होंने अपनी जगह पक्की कर ली है.
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