रोहित और विराट के लिए क्या टी-20 के दरवाज़े बंद हो गए हैं?

विराट कोहली और रोहित शर्मा

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    • Author, विधांशु कुमार
    • पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

क्या क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में भारत के दो सफलतम बल्लेबाजों के करियर के अंत की शुरुआत हो चुकी है.

नए साल में भारतीय क्रिकेट टीम का सामना श्रीलंका की टीम से है.

श्रीलंका की टीम भारत के दौरे पर आ रही है, जहाँ वो तीन टी-20 और तीन वनडे मैचों की सिरीज़ खेलेगी.

टी-20 टीम की कप्तानी हार्दिक पंड्या करेंगे जबकि सूर्यकुमार यादव को उप-कप्तान बनाया गया है.

टीम में दो बड़े खिलाड़ियों का नाम नहीं है. वे हैं- रोहित शर्मा और विराट कोहली. जहाँ रोहित शर्मा बांग्लादेश में लगे अंगूठे की चोट से अभी भी उबर रहे हैं, वहीं कोहली ने सेलेक्टर्स से आराम की मांग की जिसकी वजह से उन्हें ब्रेक दिया गया है.

हालाँकि टी-20 के बाद होने वाले वनडे मैचों में रोहित शर्मा वापसी करेंगे लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय टी-20 पारी पर सवाल उठने लगे हैं.

क्या टीम में उनका ना चुना जाना अस्थायी है, या फिर आहिस्ते से ही सही, उन्हें टी-20 से गुडबाय कह दिया गया है. इस पर चर्चा गर्म है.

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विराट कोहली

आँकड़े बोलते हैं

इस पूरे साल रोहित शर्मा ने 29 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने 24.29 की औसत से 656 रन बनाए.

उनका ये औसत साल 2014 के बाद से सबसे कम है जब उन्होंने सिर्फ़ एक मैच खेलकर 8 रन बनाए थे.

वहीं इसी साल ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 वर्ल्ड कप को देखें, तो 6 पारियों में रोहित शर्मा ने 19.33 की औसत से 106 रन बनाए.

किसी क़द्दावर ओपनर के लिए ये रन तो कम हैं ही, रोहित शर्मा ने ये रन 106 की स्ट्राइक रेट से बनाए जो टीम पर भारी ही पड़ी.

टूर्नामेंट में अक्सर देखा गया कि भारतीय टीम ने धीमी शुरुआत की और बाद में रन रेट सुधारने के लिए सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पंड्या पर बहुत ज़्यादा दबाव आ जाता था.

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रोहित शर्मा

वर्ल्ड कप में ख़राब प्रदर्शन की एक बड़ी वजह ओपनर्स की नाकामी भी रही.

वहीं विराट कोहली ने इस साल अच्छी बैटिंग की, लेकिन वो आधे से ज़्यादा मैचों में टीम के साथ नहीं रहे, जिसकी वजह से टीम में लय की कमी नज़र आती रही.

आराम कब तक?

इस साल भारत ने कुल 41 टी-20 मैच खेले, जिनमें उन्हें 30 जीत और 10 हार मिली जबकि 1 मैच टाई रहा और 1 बेनतीजा ख़त्म हुआ.

इस साल के इन 41 मैचों में रोहित शर्मा ने सिर्फ़ 29 मैच खेले.

ग़ौर करने वाली बात ये है कि जहाँ टीम ने सभी द्विपक्षीय सिरीज़ में जीत हासिल की, जैसे ही बड़े टूर्नामेंट -एशिया कप और वर्ल्ड कप की बारी आई तो भारतीय टीम फिसड्डी साबित हुई.

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विराट कोहली और रोहित शर्मा

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टीम की हार की बड़ी वजहों में शामिल रहा दूसरी टीमों के मुक़ाबले उम्रदराज टीम को मौक़ा देना, आख़िरी मौक़े तक टीम में प्रयोग करते रहना और 1-2 को छोड़कर टीम के सीनियर खिलाड़ियों का औसत प्रदर्शन करना.

वहीं विराट कोहली की बात करें, तो उन्होंने इस साल सिर्फ़ 20 मैच खेले और 50 फ़ीसदी मैचों में नहीं खेले.

हालाँकि इस दौरान उन्होंने ज़बरदस्त बैटिंग की और 55 की औसत से 781 रन बनाए, जिनमें एशिया कप में एक शानदार शतक और कुल 8 अर्धशतक शामिल हैं.

लेकिन चाहे वो लंबे आईपीएल के बाद आराम की ज़रूरत हो या चोटों से उबरने के लिए वक़्त, टीम के इन दो सीनियर खिलाड़ियों को लगातार छुट्टी मिलती रही.

शायद ये उनकी अपनी सेहत के लिए तो अच्छा रहा होगा लेकिन टीम की सेहत के लिए कतई नहीं.

वर्ल्ड कप जीतने के लिए पूरी साल उसी टीम को मौक़ा देना चाहिए, जो टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली हो.

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विराट कोहली और रोहित शर्मा

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युवाओं को देने होंगे मौक़े

टी20 का अगला वर्ल्ड कप 2024 में वेस्टइंडीज़ और अमरीका में खेला जाएगा. दो साल बाद होने वाले उस टूर्नामेंट की तैयारी ऑस्ट्रेलिया में हुए पिछले वर्ल्ड कप में हार के बाद से ही शुरू हो गई.

सबसे पहले चेतन शर्मा के नेतृत्व वाली सेलेक्शन कमेटी को हटाया गया है और नई चयन समिति नए टीम का गठन करेगी. दो साल बाद रोहित शर्मा 37 साल के और विराट कोहली 36 साल के हो जाएँगे.

तो क्या उम्र के उस पड़ाव पर वो फटाफट क्रिकेट के लिए बेहतरीन फ़ॉर्म और फ़िटनेस में रह पाएँगे?

2007 के बाद भारतीय टीम कभी भी टी-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई है और इस रिकॉर्ड को सुधारने के लिए भारत को निडर क्रिकेट खेलने की ज़रूरत है, जिसकी शुरुआत एक युवा टीम के साथ ही हो सकती है.

चयनकर्ताओं को इस बात का भी ध्यान रखना होगा की जिन युवा खिलाड़ियों को टीम में लाना है उन्हें वर्ल्ड कप से पहले पर्याप्त मौक़े मिले.

टीम को नए कप्तान (हार्दिक पंड्या) के अधीन एकजुट होकर खेलने के लिए खिलाड़ियों को लंबे समय तक बॉन्डिंग करने का मौक़ा भी मिलना चाहिए.

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अंत की शुरुआत

इन सभी मिसालों का यही परिणाम है कि चयनकर्ताओं को जल्दी ही कुछ कठोर फ़ैसले कर सकते हैं.

रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है लेकिन क्या उनके टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच को अलविदा कहने का वक़्त आ गया है.

यहाँ इस बात पर भी गौर देने की ज़रूरत है कि दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल में लंबे समय तक खेलते रहना चाहेंगे.

पीटीआई जैसी कुछ एजेंसियों ने लिखा कि कुछ दिन पहले श्रीलंका के लिए टीम की में इन सीनियर खिलाड़ियों का ना होना एक बड़ा संकेत है कि उनका वक्त पूरा हो चुका है.

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विराट कोहली और रोहित शर्मा

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2023 का वनडे वर्ल्ड कप दिखाएगा राह

वहीं कुछ पूर्व खिलाड़ी ये भी मानते हैं कि 2024 में अभी काफ़ी समय है और पहले 2023 को देखना चाहिए. 2023 में भारत में वनडे वर्ल्ड कप खेला जाएगा.

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सलमान बट ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि वर्ल्ड कप के प्रदर्शन पर आगे की टीम तय हो सकती है.

ये बात भी ठीक है कि वर्ल्ड कप के बाद अक्सर कई खिलाडी या तो संन्यास ले लेते हैं या उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को उनका बोर्ड समय रहते ही बता देता है कि टीम के साथ उनका समय पूरा हो गया है जिसकी वजह से ये खिलाड़ी अपने रिटायरमेंट की घोषणा भी पहले कर देते हैं.

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इसका फ़ायदा यह होता है कि दर्शकों को भी पता होता है कि ये उनका आख़िरी मैच है और उन्हें अच्छी विदाई मिल जाती है.

साल 2004 में स्टीव वॉ के आख़िरी मैच को स्टेडियम से देखने का मौक़ा मिला था और मैच का वो माहौल ख़ुद वॉ और उनके फ़ैंस के लिए ना भूलने वाला था.

भारतीय क्रिकेट में ऐसे मिसाल कम ही है और शायद कोहली और रोहित भी पर्दे के पीछे से ही विदा हो जाएँ और उन्हें अलविदा कहने का मौक़ा ही ना मिले.

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