पेले : फुटबॉल के इतिहास के सबसे महान खिलाड़ी

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- Author, फिल मैकनल्टी
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
ब्राज़ील के लीजेंड फुटबॉलर पेले का निधन 82 साल की उम्र में हो गया. उन्हें सर्वकालिक दौर का महान खिलाड़ी माना जाता है. वे फुटबॉल का आध्यात्मिक घर कहे जाने वाले ब्राज़ील के आइकनिक खेल हस्ती रहे.
पेले की महानता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें खेलते देखना अद्भुत था, वे गोल कर रहे होते तब भी और जब गोल करने से चूक जाते थे तब भी.
वो पहले ऐसे फुटबॉलर थे जिनकी लोकप्रियता देश-विदेश, सब जगह थी. वे फुटबॉल के पहले ग्लोबल स्टार थे.उन्होंने 1363 मैचों में 1281 गोल किए थे. सैंटोस क्लब के साथ 15 साल की उम्र में शुरुआत करने से लेकर न्यूयार्क कास्मोस के लिए खेलने तक, उनका करियर शानदार रहा.
ऐसा शानदार कि फुटबॉल और पेले एक दूसरे के पर्याय बन गए.पेले ने ब्राज़ील के पूर्व इंटरनेशनल खिलाड़ी वाल्देमर डि ब्रिटो के गाइडेंस में सबसे साओ पाओलो के बाऊरो फुटबॉल क्लब के लिए खेलना शुरू किया था.
हालांकि बाद में वे अपने मेंटॉर के पहले क्लब सैंटोस के साथ जुड़ गए.महज 15 साल की उम्र में 7 सितंबर, 1956 को उन्होंने अपना डेब्यू करते हुए कोरिनथिएंस सैंटो आंद्रे के ख़िलाफ़ अपना पहला गोल किया था. सैंटोस ने ये मुक़ाबला 7-1 से जीता था.
तीन वर्ल्ड कप जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी

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पेले की वजह से सैंटोस ना केवल ब्राज़ील की सबसे कामयाब टीम बन गई, बल्कि उन्होंने दक्षिण अमेरिका में चैंपियंस लीग का दर्जा रखने वाले कोपा लिबरेटाडोर्स में 1962 और 1963 में जीत दिलाई.ब्राज़ील की ओर से उन्होंने पहला मैच 9 जुलाई, 1957 को अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ मरकाना स्टेडियम में 16 साल और नौ महीने की उम्र में खेला था. ब्राज़ील यह मैच 1-2 से हार गया था लेकिन टीम की ओर से इकलौता गोल पेले ने किया था. पेले ने ब्राज़ील की ओर से 92 मैचों में 77 गोल किए थे.महज 17 साल की उम्र में 1958 वर्ल्ड कप के दौरान पेले का जलवा दुनिया ने देखा. फ़ाइनल मुक़ाबले में स्वीडन को ब्राज़ील ने 5-2 से हराया और इसमें पेले ने दो गोल दागे थे. वहीं 1970 के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में ब्राज़ील की इटली पर 4-1 की जीत में पहला गोल पेले का ही था.इन दोनों वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राज़ीली टीम में पेले का अहम योगदान था. आधुनिक खेल में पेले की पहचान 10 नंबर की जर्सी के साथ होती रही. एडसन एरेंटस डो नासिमेंटो को इस खेल का पहला महानतम खिलाड़ी कहा जाने लगा.फुटबॉल के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी की जब भी बात होती है, वह चर्चा हमेशा वर्ल्ड कप की कामयाबी के लिहाज से होती है. ब्राज़ील की चिर प्रतद्वंद्वी टीम अर्जेंटीना रही है और अर्जेंटीना के डियोगा मैराडोना को उनके करीब देखा जाता रहा है.
मैराडोना ने लगभग अकेले ही 1986 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप चैंपियन बना दिया था. इसमें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ क्वार्टर फ़ाइनल में मैराडोना का विवादास्पद हैंड ऑफ़ गॉड का गोल शामिल था.अर्जेंटीना ने मैराडोना के बाद लियोनल मेसी के तौर पर दूसरा खिलाड़ी भी दिया जो पेले की महानता को चुनौती देते दिखे. इस पहलू पर ना तो बहस ख़त्म होगी और ना कोई आम सहमति बनेगी.

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वर्ल्ड कप में पेले की निराशा
वैसे पेले के व्यक्तित्व में मैराडोना जैसा स्याह पक्ष भी नहीं था. मैराडोना को 1994 के अमेरिका में हुए वर्ल्ड कप के दौरान ड्रग्स सेवन के चलते बाहर होना पड़ा था. वहीं दूसरी ओर मेसी ने 2022 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप दिलाकर, इस बहस को मजबूती दी है.
पेले को वर्ल्ड कप के दौरान निराशा भी झेलनी पड़ी. 1966 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस वर्ल्ड कप में ब्राज़ील, पुर्तगाल के हाथों 3-1 से हारकर बाहर हुई थी.
इस मैच में उनके दाहिने घुटने पर विपक्षी खिलाड़ियों ने इतनी बार चोट पहुंचायी की उन्हें कई बार बैंडेज लगाना पड़ा. काफी चोटिल होने के बाद भी वे मैदान पर बने. उन दिनों में सबस्टीट्यूट खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति नहीं थी.ब्राज़ील ने अपना पहला मुक़ाबला बुल्गारिया के ख़िलाफ़ खेला, इस मैच में भी घुटने की चोट से पेले परेशान हुए थे. उन्होंने यह प्रण भी कर लिया था कि वे फिर कभी वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं लेंगे, हालांकि बाद में उन्होंने अपना फ़ैसला बदल लिया था.1970 वर्ल्ड कप की जीत, पेले के करियर का शिखर था. इस खेल के इतिहास में ब्राज़ील की इस टीम को सर्वश्रेष्ठ टीम माना जाता है. पेले का नाम सुर्ख़ियों में था लेकिन इस टीम में रेवेलिनो, जैरज़िन्हो, तोस्ताओ और गेर्सन जैसे खिलाड़ी शामिल थे. इनके अलावा टीम के कप्तान कार्लोस अल्बेर्टो भी थे.

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पेले की चूक
मेक्सिको सिटी में ख़िताबी मुक़ाबला जीतने के बाद टीम के साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों ने पेले को गोद में उठा लिया था, पेले इस दौरान बिना शर्ट के नज़र आते हैं. ऐसी ही उनकी एक तस्वीर इंग्लैंड के कप्तान बॉबी मूर के साथ है, जिसमें दोनों एक दूसरे को सम्मान देते नज़र आते हैं. यह मुक़ाबला ब्राज़ील ने 1-0 से जीता था.
1970 के मैक्सिको वर्ल्ड कप के दौरान दो मौके ऐसे थे जब पेले गोल करने से चूक गए थे लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत, तेज़ी और दिमाग़ से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था.
पहला मौका ब्राज़ील के चेकोस्लोवाकिया के ख़िलाफ़ पहले ही मैच में तब देखने को मिला, जब उन्हें अपने पाले के हाफ़लाइन से पहले गेंद मिली.
उन्होंने दाएं पैर से गेंद को चेकस्लोवाकिया के गोल पोस्ट की तरफ़ उछाल दिया. गेंद गोलपोस्ट में कुछ ही इंच से बाहर चली गई. तब जाकर चेकोस्लोवाकिया के गोलकीपर विक्टर ने राहत की सांस ली थी.इसके अलावा उरुग्वे के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में तोस्ताओ के पास पर पेले बिजली की गति से भागे और विपक्षी गोलकीपर को छका दिया.
हालांकि वे इतना आगे निकल चुके थे, वहां से गोल करना मुश्किल था. लेकिन इन पलों को बीबीसी के दिवंगत औऱ महान कमेंटेटर केनेथ वोल्सटनहोम ने जीनियस और अविश्वसनीय बताया था.

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ग्लोबल आइकन थे पेलेपेले एक ही थे. फ्रैंज बेकनबाउर ने पेले को फुटबॉल इतिहास सबसे बेहतरीन खिलाड़ी माना है. पेले का सर्वश्रेष्ठ दौर तब था, जब दुनिया भर के क्लबों में ट्रांसफर का दौर शुरू नहीं हुआ था. इसलिए अपने करियर के सबसे बेहतरीन दिनों में वे ब्राज़ील की ओर से खेलते रहे.
अगर इस दौर की बात होती तो सोचिए पेले के लिए किसी क्लब को कितना पैसा ट्रांसफ़र फीस के रुपये में चुकाने होते.जब अमेरिका में उत्तर अमेरिकी सॉकर लीग की शुरुआत हुई तो पेले को इसमें शामिल किया गया. जर्मनी के महान फुटबॉलर फ्रैंज बेकनबाउर भी इससे जुड़े. पेले न्यूयार्क कॉसमॉस टीम का हिस्सा बने. ये पेले का करिश्मा था कि उनके जुड़ते ही लीग विश्वसनीय लीग में तब्दील हो गयी.
अक्टूबर 1977 में कॉसमॉस और सैंटोस टीम के बीच खेला मैच, पेले का आख़िरी लीग मुक़ाबला था. पेले ने कॉसमॉस का तीन सीज़न तक नेतृत्व किया था.

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पेले फुटबॉल की दुनिया के पहले ग्लोबल सुपरस्टार थे और उनकी यह छवि खेल को अलविदा कहने के बाद भी बनी रही. खेल को अलविदा कहने के बाद भी पेले फुटबॉल के दूत के तौर पर दुनिया भर में घूमते रहे.उन्हें बीबीसी स्पोर्ट्स ने 2005 में लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया. सम्मान देने से पहले बेकनबाउर, जोहान क्रायफ़ और सर बॉबी चार्ल्टन के रिकॉर्डेड मैसेज सुनाए गए. बेकनबाउर ने कहा, "फुटबॉल इतिहास के वे सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर थे."पेले दुनिया भर में फुटबॉल के अलावा ब्राज़ील के भी दूत बने रहे. वे 2012 के लंदन ओलंपिक के समापन समारोह में दिखे थे. इस मौके पर रियो को आयोजन हैंडओवर किया गया था. पेले हमेशा द ब्यूटीफुल गेम से जुड़े रहे और शायद ही कोई उनसे बेहतर ढंग से इसे खेल पाया.
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