धोनी ने IPL 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलने पर क्या कहा

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- Author, अभिजीत श्रीवास्तव
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
चार बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स की कमान अगले साल यानी 2023 में भी महेंद्र सिंह धोनी के पास ही रह सकती है. वो आईपीएल खेलेंगे. इसकी जानकारी ख़ुद मैच से पहले धोनी ने दी.
जब टॉस के दौरान इयान बिशप ने धोनी से उनके भविष्य को लेकर सवाल पूछा तो धोनी ने कहा, "निश्चित तौर पर (मैं 2023 का आईपीएल खेलूंगा). इसका बहुत सीधा सा कारण है- बग़ैर चेन्नई में खेले धन्यवाद कहना उचित नहीं होगा. मुंबई में मुझे एक टीम और एक व्यक्ति के तौर पर ढेरों प्यार और स्नेह मिला है. लेकिन ये चेन्नई सुपर किंग्स के प्रशंसकों के साथ अच्छा नहीं होगा. साथ ही, उम्मीद है कि अगले साल टीमों को मैच खेलने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने का मौका मिलेगा तो उन सभी जगहों को धन्यवाद कहने का मौका भी मिलेगा."
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धोनी ने कहा, "ये मेरा आखिरी साल होगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि हम दो साल पहले किसी चीज़ की भविष्यवाणी नहीं कर सकते, लेकिन ये तय है कि मैं अगले साल मज़बूती से वापसी करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा."
इस साल आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले टीम की कमान रवींद्र जडेजा को दे दी थी. फिर टूर्नामेंट के बीच में जब चेन्नई लगातार ख़राब प्रदर्शन करते हुए पॉइंट टेबल में लगातार 9वें पायदान पर रह रही थी तो अचानक जडेजा ने कप्तानी छोड़ दी और धोनी फिर कप्तान बना दिए गए.
इसके बाद सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ 01 मई को जब आईपीएल 2022 में धोनी पहली बार बतौर कप्तान टॉस करने उतरे तो डैनी मॉरिसन ने उनसे पूछा कि क्या धोनी को 2023 के आईपीएल में भी देखेंगे. इस पर धोनी ने कहा कि, "आप मुझे पीली जर्सी में ज़रूर देखेंगे- चाहे ये वाली पीली जर्सी या कोई और इसके लिए आपको इंतज़ार करना होगा."
धोनी की वापसी पर चेन्नई ने पहला मैच जीत लिया. इसके बाद धोनी से रातों रात कप्तानी बदले जाने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "एक बार जब आप कप्तान बन जाते हैं तो कई तरह की मांग आपके सामने आती हैं. लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ता गया, उसने उनके दिमाग़ पर असर डाला. मुझे लगता है कि कप्तानी ने उनकी तैयारी और उनके प्रदर्शन पर बोझ डाल दिया."

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"तो यह एक धीरे-धीरे बदली गई प्रक्रिया थी. कप्तानी को लेकर इतना ज़्यादा आपका सुझाव देना कि वो ख़ुद न सोच सके, किसी कप्तान की मदद नहीं करता. मैदान में आपको वो अहम फ़ैसले लेने होते हैं और उन निर्णयों की ज़िम्मेदारी भी आपको उठानी पड़ती है."
"आप कप्तान बन जाते हैं तो कई चीज़ों का ख़्याल रखना होता है, जिसमें से एक आपका अपना खेल भी होता है."
धोनी ने कहा था कि ये योजना पहले से ही थी कि इस सीज़न में जडेजा कप्तान की ज़िम्मेदारी संभालेंगे और उन्होंने (माही ने) इस फ़ैसले का समर्थन किया था. साथ ही बतौर कप्तान जडेजा के फ़ैसलों में धोनी कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे.
राजस्थान से शुक्रवार को मैच हारने के बाद धोनी बोले, "आईपीएल कोई एक साल का टूर्नामेंट नहीं है. आप साल दर साल इसे खेलने आते रहते हैं. ज़रूरी ये है कि आप बतौर खिलाड़ी यहां 10 से 12 साल खेलें."

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रविचंद्रन अश्विन का कमाल
बतौर कप्तान आईपीएल 2022 की शुरुआत शानदार जीत से करने के बाद धोनी इस सीज़न का आखिरी मुक़ाबला अंतिम ओवरों में हार गए. इस हार की सबसे बड़ी वजह बने रविचंद्रन अश्विन.
चेन्नई ने एक समय मैच पर अपनी पकड़ बना ली थी लेकिन अश्विन ने बीच बीच में चौके छक्के लगाकर रन गति को बहुत तेज़ी दी. वो एक छोर से डटे रहे और 173.91 के स्ट्राइक रेट से 23 गेंदों पर 40 रन बना कर अंत तक आउट नहीं हुए और मैच को राजस्थान के पक्ष में झुका कर ही दम लिए.
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इससे पहले चेन्नई की बल्लेबाज़ी के दौरान भी अश्विन ने किफायती गेंदबाज़ी की और ओपनर डेवोन कॉनवे का महत्वपूर्ण विकेट लिया.
अश्विन इस आईपीएल में जहां अपनी गेंद से 11 विकेटें ले चुके हैं वहीं इससे पहले उन्हें तीसरे नंबर पर भी उतारा गया था, तब अश्विन ने अर्धशतक जमाया था.
अश्विन के अलावा राजस्थान की बैटिंग के दौरान जो दूसरे सबसे अहम बल्लेबाज़ रहे, वो हैं यशस्वी जायसवाल.
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यशस्वी जायसवाल क्या खूब खेले
शुरुआती तीन मैच में मौका दिए जाने के बावजूद यशस्वी प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं रहे थे. उन्होंने 20, 01, 04 का स्कोर किया था. इसके बाद उन्हें अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया था.
एक महीने से अधिक उन्हें टीम से बाहर रहना पड़ा. फिर 7 मई को एक बार फिर उन्हें पंजाब के ख़िलाफ़ मौका दिया गया.
ये वो मैच था जब पूरी दुनिया ने एक नए यशस्वी जायसवाल को देखा. टीम में मिली जगह का उन्होंने 41 गेंदों पर 68 रनों की पारी खेलकर पूरा फ़ायदा उठाया और दमदार वापसी की.
अगले मैच में दिल्ली कैपिटल के ख़िलाफ़ यशस्वी ने 19 रन बनाए तो लखनऊ सुपर जायंट्स के ख़िलाफ़ 41 रनों की पारी खेली और शुक्रवार को चेन्नई के ख़िलाफ़ 44 गेंदों पर 59 रन की पारी खेली.
जॉस बटलर और कप्तान संजू सैमसन के आउट होने के बावजूद यशस्वी एक छोर पर डटे रहे और टीम की रन गति को तेज़ करते रहे. इस दौरान नवोदित गेंदबाज़ मुकेश चौधरी की गेंदों पर उनके बल्ले ने विशेष प्रहार किया. मुकेश ने अपने चार ओवरों में 41 रन दिए.
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मोइन अली का तूफ़ान
जब चेन्नई ने अपनी पारी शुरू की तब ऋतुराज गायकवाड़ केवल दो रन बना कर आउट हो गए. तब पिच पर आए मोइन अली और उन्होंने आते ही चौके छक्के लगाने शुरू किए. डेवोन कॉनवे जैसे बल्लेबाज़ दूसरे छोर से मोइन को बल्लेबाज़ी करते देखते रह गए.
मोइन जब पिच पर उतरे तो उन्होंने पहली चार गेंदों पर कोई रन नहीं बनाए. इसके बाद उन्होंने मैच के तीसरे ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदों पर प्रहार करना शुरू किया. इस ओवर में उन्होंने तीन चौके और एक छक्का जड़ा. अगला ओवर अश्विन ने किया तो उसमें भी मोइन ने दो चौके और एक छक्का लगा दिया.
मैच के छठे ओवर में तो मोइन अली ने ट्रेंट बोल्ट की गेंदों को खूब निशाना बनाया.
इस ओवर की शुरुआत उन्होंने छक्के से की और फिर लगातार पांच चौके लगाए. इसी ओवर में 26 रन बनाए. उन्होंने 19 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया जो चेन्नई की ओर से आईपीएल के इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ अर्धशतक है.
यह पावरप्ले का आखिरी ओवर था. इसके ख़त्म होने तक चेन्नई का स्कोर एक विकेट पर 75 रन था तो मोइन अली 21 गेंदों पर 59 रन बना कर खेल रहे थे. वहीं कॉनवे 14 रन बना कर दूसरे छोर से मोइन अली की इस आतिशी पारी का आनंद उठा रहे थे.
लेकिन इसके बाद ही चेन्नई के बल्लेबाज़ों पर राजस्थान के गेंदबाज़ों ने ऐसा अंकुश लगाया कि अगले 14 ओवर में केवल 75 रन ही बन सके. मोइन अली भी अगली 36 गेंदों में केवल 34 रन ही बना सके और 93 रन बना कर आउट हुए
यह मोइन अली का आईपीएल में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है.

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चहल ने की इमरान ताहिर की बराबरी
इस मैच में युजवेंद्र चहल ने आईपीएल टूर्नामेंट में किसी स्पिनर के सबसे अधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड की बराबरी की. इमरान ताहिर ने 2019 में चेन्नई के लिए खेलते हुए 26 विकेट लिए थे.
चहल ने चेन्नई के ख़िलाफ़ अंतिम लीग मैच में दो अहम विकेट लिए. पहले उन्होंने अंबाति रायडू का विकेट लिए फिर 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी को भी आउट किया.
ये आईपीएल-15 में चहल का 26वां विकेट है. इसके साथ ही जहां उन्होंने इमरान ताहिर के रिकॉर्ड की बराबरी की वहीं एक बार फिर से पर्पल कैप की रेस में सबसे ऊपर पहुंच गए.

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अश्विन ने किया लखनऊ को एलिमिनेटर खेलने पर मजबूर
अश्विन के प्रदर्शन की बदौलत ही राजस्थान मैच जीत कर दो अंक ले सका.
पॉइंट टेबल में राजस्थान और लखनऊ के एक समान 18 अंक हैं. लेकिन लखनऊ (0.251) की तुलना में राजस्थान (0.298) का नेट रन रेट बेहतर है.
इसी आधार पर वो पॉइंट टेबल में गुजरात के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है.
अब प्लेऑफ़ के पहले मैच क्वालिफायर-1 में 24 मई को गुजरात और राजस्थान के बीच मुक़ाबला होगा.
वहीं लखनऊ को इसके अगले दिन 25 मई को एलिमिनेटर मुक़ाबला खेलना होगा.
एलिमिनेटर मुक़ाबले की दूसरी टीम का निर्णय आज मुंबई और दिल्ली के बीच होने वाले मैच के फ़ैसले पर निर्भर है.
अगर दिल्ली यह मुक़ाबला जीत जाती है तो वो एलिमिनेटर की दूसरी टीम बनेगी. दिल्ली के हारने की सूरत में एलिमिनेटर मुक़ाबला लखनऊ और बैंगलोर के बीच खेला जाएगा.
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