IPL 2021: प्लेऑफ़ में चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और बैंगलोर, कौन पहुँचेगा फ़ाइनल में?

    • Author, आदेश कुमार गुप्त
    • पदनाम, वरिष्ठ खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

संयुक्त अरब अमीरात के तीन शहरों दुबई, शारजाह और अबु धाबी में इसके दूसरे चरण के सभी लीग मुक़ाबले खेले जा चुके है. अब टूर्नामेंट में शामिल आठ में से चार टीमें प्लेऑफ़ में अपनी जगह पक्की कर चुकी है.

इनमें पिछली बार की उपविजेता दिल्ली कैपिटल्स, तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स, अपने पहले ख़िताब को तलाश रही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दो बार की चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स शामिल है.

पाँच बार चैंपियन रह चुकी पिछली विजेता मुंबई इंडियंस इस बार प्लेऑफ़ में अपनी जगह बनाने में नाकाम रही और वह 14 मैचों में सात जीत और सात हार के बाद 14 अंकों सहित ख़राब रन रेट के कारण पांचवे स्थान पर रही.

दूसरी तरफ़ कोलकाता नाइटराइडर्स मुबंई इंडियंस की तरह 14 मैचों में समान रूप से सात जीत, सात हार और 14 अंकों के बावजूद बेहतर रन रेट के कारण अंतिम चार में पहुंचने में कामयाब रही. मुंबई का रन रेट 0.116 रहा जबकि कोलकाता का रन रेट 0.587 रहा.

मुंबई ने अपने अंतिम लीग मैच में हैदराबाद के ख़िलाफ़ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में इशान किशन के 84 और सूर्यकुमार यादव के 82 रनों की मदद से नौ विकेट पर 235 रन बनाते हुए 42 रनों की ज़ोरदार जीत भी हासिल की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

कैसे बाहर हो गई मुंबई?

दरअसल भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बाद भारत में दो मई के बाद आईपीएल के मुक़ाबले रद्द कर दिए गए. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात के शहर दुबई में 19 सितंबर से आईपीएल में चेन्नई और मुंबई के मैच के साथ इसका दूसरा चरण शुरू हुआ.

मुंबई इस मैच में चेन्नई से 20 रन से हार गई. इसके बाद कोलकाता ने भी मुंबई को सात विकेट से हरा दिया. रही सही कसर बैंगलोर ने पूरी कर दी और मुंबई को 54 रन से हराकर उसे हार की हैट-ट्रिक का स्वाद चखने को मजबूर कर दिया.

बाद में मुंबई ने पंजाब को छह विकेट से हराकर वापसी की कोशिश की लेकिन अगले ही मैच में दिल्ली ने मुंबई को चार विकेट से हराकर उसे बड़ा झटका दिया. दिल्ली के ख़िलाफ़ मुंबई आठ विकेट खोकर केवल 129 रन बना सकी.

कप्तान रोहित शर्मा बड़ा स्कोर नहीं बना पा रहे थे तो पिछली बार मुंबई को चैंपियन बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले सूर्यकुमार यादव, इशान किशन, किरेन पोलार्ड और हार्दिक पांडया के बल्ले को जैसे साँप सूँघ गया था, नतीजा मुंबई पिछड़ती चली गई. मुंबई ने आख़िरी दो मुक़ाबले जीते ज़रूर लेकिन वह उसे प्लेऑफ़ में पहुँचाने को काफ़ी नहीं थे.

अंतिम चार में कैसे पहुंची कोलकाता?

दूसरी तरफ़, कोलकाता नाइटराइडर्स ने अपने आख़िरी दो मुक़ाबले बड़े अंतर से जीते जो उसे शीर्ष चार में बनाए रखने में सहायक साबित हुए. कोलकाता ने पहले मैच में हैदराबाद को 115 रन पर रोका और उसके बाद शुभमन गिल के 57 रनों की मदद से छह विकेट से बड़ी जीत हासिल की.

अगले और अपने आख़िरी लीग मैच में कोलकाता ने पहले तो चार विकेट पर 171 रन बनाए और उसके बाद हैदराबाद को 85 रन पर उखाड़ फेंका. इससे वह महत्वपूर्ण अंक लेने के साथ साथ रन रेट बढ़ाने में भी सफल रहा.

शुभमन गिल ने एक और शानदार पारी खेलते हुए 56 रन बनाए तो शिवम् मावी ने 21 रन देकर चार विकेट झटकते हुए हैदराबाद की बल्लेबाज़ी को ध्वस्त कर दिया.

दिल्ली कैपिटल्स ने 14 में से दस जीत चार हार और 20 अंकों के साथ शीर्ष पर रहते हुए प्लेऑफ़ में जगह बनाई. वह तो अपने अंतिम लीग मैच में बैंगलोर के ख़िलाफ़ अंतिम गेंद पर छक्का खाकर मैच हारी वर्ना उसका रिकॉर्ड और बेहतर होता.

दिल्ली के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने 14 मैचों में तीन अर्धशतक की मदद से 544 रन बनाकर अपना दमख़म दिखाया और अधिकतर मैचों में जीत के सूत्रधार बने. वहीं तेज़ गेंदबाज़ आवेश खान ने भी 14 मैचों में 22 विकेट अपने नाम किए.

स्पिनर अक्षर पटेल ने भी 10 मैचों में 15 विकेट लेकर उनका ख़ूब साथ दिया. चोट के बाद श्रेयस अय्यर ने भी बेहतरीन वापसी की तो बचा खुचा काम कप्तान ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ ने पूरा किया.

अब पहले प्लेऑफ़ में पिछली उपविजेता दिल्ली का सामना रविवार को दुबई में तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स से होगा. बैंगलोर के ख़िलाफ़ आख़िरी लीग मैच में दिल्ली ने आधा दर्जन कैच छोड़े जिसे लेकर उसके कप्तान ऋषभ पंत थोड़ा चिंतित भी दिखे.

इसकी वजह उन्होंने ओस से भीगा मैदान बताया. ख़ैर महत्वपूर्ण प्लेऑफ़ मुक़ाबले में शायद उनकी टीम इस कमी को पूरा कर ले.

दूसरे नंबर पर चेन्नई

रही बात चेन्नई की तो उसने इस बार महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ज़ोरदार वापसी की. पिछली बार वह केवल छह जीत के साथ अंक तालिका में सांतवे पायदान पर थी.

इस बार वह 14 में से नौ जीत, पाँच हार और 18 अंकों के साथ साथ बेहतर रन रेट के कारण दूसरे स्थान पर है. बैंगलोर के भी 18 अंक है लेकिन वह कमज़ोर रन रेट के कारण तीसरे स्थान पर है. चेन्नई का रन रेट 0.455 है जबकि बैंगलोर का रन रेट -0.140 है.

चेन्नई सुपर किंग्स एक समय अंक तालिका में शीर्ष पर थी लेकिन अंतिम तीनों लीग मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. पहले तो वह चार विकेट पर 189 रन बनाने के बावजूद राजस्थान से सात विकेट से हारी.

उसके बाद चेन्नई को दिल्ली ने तीन विकेट से हराया. तब तो चेन्नई पाँच विकेट खोकर 136 रन ही बना सकी, और जाते जाते पंजाब ने भी चेन्नई को छह विकेट से हराया.

पंजाब के ख़िलाफ़ भी चेन्नई छह विकेट खोकर 134 रन बना सकी. ऐसे स्कोर को गेंदबाज़ क्या खाकर बचा पाएंगे?

वह तो चेन्नई की सलामी जोड़ी ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं वर्ना क्या हालत हो उसका अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है. उसके फॉफ डू प्लेसी ने 14 मैचों में 546 और रितुराज गायकवाड़ ने भी 14 मैचों में 533 रन बनाए है. चेन्नई के कप्तान धोनी इतने ही मैचों में केवल 96 रन बना सके है.

बैंगलोर के बारे में अयाज़ मेनन कहते हैं, "उनके साथ भावनाएँ भी जुड़ी हैं क्योंकि विराट कोहली आख़िरी बार टीम की कप्तानी कर रहे हैं. उनका ख़ुद का फ़ॉर्म ठीक ठाक है. ग्लेन मैक्सवैल जिस अंदाज़ में खेल रहे हैं वह मैच विनर बन सकते है."

"वह टीम को आगे ले जा सकते हैं. उनके गेंदबाज़ भी शानदार है. युज़्वेंद्र चहल, हर्षल पटेल, मोहम्मद सिराज सब अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे है, बस एक सवाल एबी डिविलियर्स पर है जो दूसरे चरण में कुछ ख़ास नहीं कर पाए."

"वह आजकल आईपीएल के अलावा कहीं और खेलते भी नहीं हैं, अगर वह भी चल निकले को फ़िर टीम पूरे जोश में आ जाएगी. उसे रोकना मुश्किल हो जाएगा लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके पास फ़ाइनल में पहुँचने का एक ही मौक़ा है, प्लेऑफ़ उनके लिए नॉटआउट है. अगर वह हारे तो कोलकाता को आगे जाने का अवसर मिलेगा."

बैंगलोर के सामने कोलकाता

सोमवार को एलीमिनेटर मुक़ाबले में बैंगलोर का सामना कोलकाता से होगा.

विराट कोहली की कप्तानी में बैंगलोर ने अपने आपको रॉयल साबित करते हुए अपने अंतिम लीग मैच में पिछली बार की उपविजेता दिल्ली को अंतिम गेंद पर श्रीकर भरत द्वारा लगाए गए छक्के की मदद से सात विकेट से करारी मात दी.

भरत ने नाबाद 78 रन बनाए. उनका बखूबी साथ देते हुए ग्लेन मैक्सवेल ने भी नाबाद 51 रन बनाए. मैक्सवेल इस सीज़न में जमकर चमके हैं. ख़ासकर आईपीएल के संयुक्त अरब अमीरात में जाने के बाद.

उन्होंने अभी तक 14 मैचों में छह अर्धशतक की मदद से 498 रन बनाए है. वहीं बैंगलोर के तेज़ गेंदबाज़ हर्षल पटेल ने क़ातिलाना गेंदबाज़ी करते हुए 14 मैचों में 30 विकेट लिए हैं.

सलामी बल्लेबाज़ देवदत्त पड्डीकल ने भी कोहली की विराट चिंता दूर करते हुए 13 मैचों में 390 रन बनाए हैं. युज़्वेंद्र चहल ने भी 16 विकेट लेकर बैंगलोर को अंतिम चार में पहुँचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई.

इस बार आईपीएल में प्लेऑफ़ में पहुँची चारों टीमों के बीच पिछली चैंपियन मुंबई के प्रदर्शन और दूसरे सवालों को लेकर हमने क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन से बात की तो उन्होंने कहा, "संयुक्त अरब अमीरात में खेले गए दूसरे चरण में कोलकाता ने शानदार खेल दिखाते हुए प्लेऑफ़ में कदम रखा और मुंबई ऐसा करने में नाकाम रही."

"जब दूसरा चरण शुरू हुआ तो मुंबई नम्बर चार और कोलकाता नम्बर सात पर थी. कोलकाता छलांग लगाते हुए नम्बर चार पहुँच गई. पिछले तीन सप्ताह में सबसे शानदार प्रदर्शन कोलकाता का रहा. उन्होंने ख़तरा मोल लेते हुए नए खिलाड़ी को सलामी बल्लेबाज़ बनाया."

"पेट कमिंस के ना होने के बावजूद उनके गेंदबाज़ों ने अच्छी गेंदबाज़ी की. टिम साउदी और लॉकी फर्ग्यूसन इनमें शामिल है. बल्लेबाज़ी में इयॉन मोर्गन कमज़ोर कड़ी साबित हुए लेकिन उन्होंने बेहतरीन कप्तानी की."

अयाज़ मेमन कहते हैं कि अगर उनसे मुंबई की तुलना करें तो कागज़ पर वह बेहद मज़बूत टीम है, ऐसा लगता है कि यह टीम हार ही नही सकती है लेकिन उनका प्रदर्शन बहुत साधारण और हल्का रहा ख़ासकर कप्तान रोहित शर्मा का.

उनके अलावा सूर्यकुमार यादव और इशान किशन का बल्ला तब चला जब वह लगभग बाहर हो गए. गेंदबाज़ी में जसप्रीत बुमराह और कुल्टर नाइल ने बहुत मेहनत की लेकिन स्पिनर नहीं चले.

हार्दिक पांडया ने गेंदबाज़ी नहीं की, यानी कुल मिलाकर मुंबई का प्रदर्शन बेहद साधारण रहा. वैसे मुंबई हर बार ख़राब शुरूआत के बावजूद प्लेऑफ़ में पहुँच जाती थी और वहॉ वह बेहद ख़तरनाक साबित होती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.

चेन्नई सुपर किंग्स को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि पिछले तीन चार मैचों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वह थक रही है. मेनन कहते हैं, "जो जोश और उत्साह उनमें पहले था वह दिख नहीं रहा और उनके बल्लेबाज़ नाकाम हो रहे है. रितुराज गायकवाड़ और फॉफ डू प्लेसी के अलावा कोई रन नहीं बना पा रहा है. सुरेश रैना तो टीम से ही बाहर हो गए तो धोनी का बल्ला चल नहीं रहा है."

"मोईन अली के लिए भी रनों का सूखा पड़ गया है. रविंद्र जडेजा कुछ रन बना रहे हैं लेकिन निचोड़ यही है कि बल्लेबाज़ी बिखर गई है. गेंदबाज़ी में चेन्नई का प्रदर्शन वैसा नहीं दिखा जैसा दिल्ली और कोलकाता का है. उनके लिए अच्छी बात बस यह है कि वह दो शीर्ष टीमों में है इसलिए उसे फ़ाइनल में पहुँचने के लिए दो बार मौक़ा मिलेगा लेकिन उसका खेल हल्का लगा."

दिल्ली कैपिटल्स को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि वह हर तरह से बेहतरीन टीम है. वह युवा टीम है जिसमें उच्च स्तर की उर्जा है. उन्होंने दिखा दिया है कि उनमें पहली बार ख़िताब जीतने की कितनी तमन्ना और भूख है. पिछली बार फ़ाइनल में हारने से उनके पास अनुभव भी है. वह चाहेंगे कि पहली बार जैसी ग़लतियाँ दोहरायी ना जाए.

प्लेऑफ़ में अयाज़ मेमन कोलकाता की ताक़त उसकी सलामी जोड़ी शुभमन गिल और वैंकटेश अय्यर को मानते हैं. मेनन कहते हैं, "अगर उनका फ़ॉर्म बरक़रार रहा तो वह अच्छी शुरूआत दे सकते हैं.

इसके बाद टीम एक ऐसा स्कोर बना सकती है जिसका बचाव गेंदबाज़ कर सकते हैं. उनके गेंदबाज़ लॉकी फ़र्ग्युसन विविधता लाते हैं. उनके अलावा पिछले मैच में शिवम् मावी आए. उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया,

लेकिन उनके तूरूप के इक्के हैं वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायन. वह रहस्यमय गेंदबाज़ हैं और बेहद कंट्रोल यानि नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी करते है.

वह विकेट भी निकालते रहते हैं और अगर शाकिब अल हसन भी टीम में रहते हैं तो वह भी बेहतरीन आलराउंडर है. हो सकता है उनकी जगह फ़िट होने पर आंद्रे रसेल खेले लेकिन दोनों शानदार है."

अब देखना है आने वाले प्लेऑफ़ मुक़ाबलो में जीत का ऊँट किस टीम के पक्ष में करवट लेता है और कौन सी दो टीमें 15 तारीख़ को होने वाले आईपीएल फ़ाइनल में पहुँचती है.

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