सॉफ़्ट सिग्नल: जिस नियम के तहत आउट दिए गए सूर्यकुमार यादव

सूर्य कुमार यादव

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गुरुवार को इंग्लेंड के खिलाफ़ खेले गये टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारतीय बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव को "सॉफ्ट-सिग्नल" नियम के तहत आउट दिए जाने के बाद बहस शुरू हो गई है.

यादव ने अपने पहले ही मैच में 57 रन की आतिशी पारी खेली. 14वें ओवर में वो सैम करिन का शिकार हुए. एक पुल शॉट खेलते हुए वो डीप स्क्वायर लेग पर डेविड मलान को कैच दे बैठे.

ऑन-फ़ील्ड अंपायर केएन अनंतपद्मनाभन ने टीवी अंपायर वीरेंद्र शर्मा को निर्णय देने के लिए कहा और आउट का 'सॉफ्ट सिग्नल' दिया.

लेकिन रिप्ले देखने पर लग रहा था कि गेंद घास को छू गयी थी. थर्ड अंपायर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थे और सॉफ़्ट सिग्नल नियम के तहत फील्ड अंपायर अनंतपद्मनाभन के फैसले को सही ठहराया.

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क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउन्सिल (आईसीसी) के नियमों के अनुसार "सॉफ्ट सिग्नल" एक इशारा है जो ऑन-फील्ड अंपायर किसी भी निर्णय को तीसरे अंपायर को सौंपने से पहले करता है. इसमें वह संकेत देता है उसका उस परिस्थिति में क्या निर्णय है, वह बल्लेबाज़ को आउट मान रहा है या नहीं.

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस मामले पर क्या कहा?

मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सॉफ्ट सिग्नल के मुद्दे पर बात करते हुए विराट कोहली ने कहा कि अंपायर के लिए "आई डोंट नो" या "मुझे नहीं पता" की तरह का कॉल क्यों नहीं हो सकता.

कोहली ने कहा,"यदि यह एक अधूरा प्रयास है और क्षेत्ररक्षक संदेह में है, तो मुझे नहीं लगता कि स्क्वायर लेग से अंपायर इसे स्पष्ट रूप से देख पाएंगे और निर्णायक कॉल ले पाएंगे."

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कोहली ने यह भी कहा कि इस तरह की बातें पूरे खेल की दिशा को बदल सकतीं हैं, ख़ासकर एक बड़े गेम में. उन्होंने कहा कि आज भारतीय टीम ने इस नियम का ख़ामियाज़ा भुगता है, कल यह किसी और टीम के साथ भी हो सकता है.

कोहली ने कहा,"इसलिए आप चाहते हैं कि इन चीजों को जितना संभव हो उतना सुलझा लिया जाए.... खेल को सरल और लीनीयर रखा जाए...नियमों का एक सेट ग्रे एरिया में न हो."

उन्होंने कहा कि एक हाई प्रेशर के खेल में, जिसमे बहुत कुछ दाँव पर लगा है, यह स्थिति आदर्श नहीं है, मैदान पर बहुत अधिक स्पष्टता ज़रूरी है.

क्या कहा खिलाड़ियों और एक्सपर्ट्स ने?

कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस मामले पर हैरानी जताई है. भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने ट्विटर पर लिखा, "ये आउट कैसे हो सकता है? आप इतनी बेहतरीन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करने और कई रिप्ले देखने के बाद भी फ़ैसला नहीं पाते कि कैच सही तरीके से लिया गया है नहीं और फिर फ़ील्ड अंपायर के सॉफ़्ट सिग्नल से फ़ैसला ले रहे हैं. मुझे लगता है कि इस नियम पर फिर से चर्चा होनी चाहिए और बदलना चाहिए."

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इंग्लैंड के पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों ने भी इस नियम की आलोचना की. इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर ग्रैम स्वैन ने इसे एक "स्टिंकिंग" निर्णय कहा.

तेज़ गेदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड ने एक ट्वीट में कहा कि यह 'सॉफ्ट सिग्नल' अजीब है और इसे पलटना ऑफ-फील्ड अंपायर के लिए बहुत मुश्किल है.

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क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा कि अंपायर को सॉफ्ट सिग्नल देने के कारण लिखित में दर्ज हैं. "रिप्ले पर क्लीन कैच नहीं दिखते क्योंकि यह 3डी इवेंट की 2 डी इमेज है. इसलिए, अंपायर यह देखते हैं कि उंगलियां गेंद के नीचे हैं या नहीं. यह एक ग्रे एरिया है लेकिन तकनीक के पास अभी इसका कोई जवाब नहीं है, क्या हमें 3डी कैमरे चाहिए?"

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