जो रूट: 100वें टेस्ट में दोहरा शतक, छोटे भाई से जानिए अनसुनी कहानियां

    • Author, बिली रूट
    • पदनाम, बीबीसी स्पोर्ट्स के लिए

हमारा परिवार क्रिकेट में रचा बसा है.

मेरे दादाजी परिवार के उन पांच लोगों में शामिल हैं जो क्रिकेट खेलते थे. मेरे पिता एक अच्छे खिलाड़ी थे.

जो और मैं तो बचपन से ही बल्ले से चिपके रहे. मेरे बचपन की सबसे पुरानी याद- मां और जो के साथ डैड का मैच देखने जाना है.

जब भी खेलने का मौका मिलता, हम लोग खेलते थे. बचपन में हम छुट्टियां मनाने ग्रीस गए थे तो वहां भी बैट-बॉल लेकर गए थे. वहां के स्थानीय लोग हमें देखकर पूछते थे, 'तुम लोग यह क्या कर रहे हो?'

सब लोग यह तो जानते ही हैं कि हमने शैफील्ड कॉलेजिएट क्रिकेट क्लब के लिए खेला है. इसकी शुरुआत तब हुई जब डैड का मैच होता था और हम दोनों ने बाउंड्री पर खेलना शुरू किया. बाद में हम तीनों एक साथ टीम के लिए भी खेले.

पहला प्रतिस्पर्धी मैच

मैं, जो के साथ जब खेलता वह मैच दोस्ताना ही होता. आप जानते ही होंगे बड़े भाई के साथ खेलने का मतलब, वह जब भी बल्लेबाज़ी करना चाहे, वह बल्लेबाज़ी करेगा.

एक बार तो बात बिगड़ गई थी, स्कारबरा की बात है. जो ने हमेशा की तरह पहले बल्लेबाज़ी की. मैं उन्हें आउट करके बल्लेबाज़ी करने उतरा. मैंने पहली ही गेंद खेली थी कि उन्होंने कहा कि तुम एलबीडब्ल्यू आउट हो गए.

मुझे लगा कि ये तो बहुत हो गया. मैंने बैट फेंका, पैड फेंका. जो याद करते हुए बताते हैं कि मैंने बल्ला लेकर उनका पीछा किया था, मैंने उनपर बल्ला फेंका था. खुशकिस्मती से डैड बाउंड्री पर ही फील्डिंग कर रहे थे, उन्होंने आकर मामला शांत कराया.

कॉलेजिएट क्रिकेट क्लब की अंडर-11 टीम नहीं थी. लिहाज़ा सबसे पहला प्रतिस्पर्धी मैच हम लोगों ने रोथरहेम टाउन में खेला था, दादा जी के घर के बगल में.

आख़िरी बार जोड़ीदार के तौर पर खेले

पहले मैच में हम दोनों जोड़ीदार के तौर पर खेलने उतरे. वे ओवर की पांच गेंदों को खेल चुके थे और आख़िरी गेंद को प्वाइंट की तरफ धकेल कर वे रन के लिए भागे. आधी पिच तक पहुंचकर मैं रनआउट हो गया.

अंडर-11 क्रिकेट में यह आख़िरी बार था जब हम जोड़ीदार के तौर पर खेले. हालांकि बाद में कॉलेजिएट क्लब, यार्कशायर अकेडमी और सेकेंड एकादश के लिए हम लोगों ने कई साझेदारियां निभाईं.

जब हम टीनएजर थे, तब हम लोगों का मैच डोंकास्टेर से था. जो ने ओपनिंग की थी और मैं नंबर चार पर खेलने उतरा था. जब मैं बल्लेबाज़ी करने उतारा तब जो 49 रन पर खेल रहे थे.

छह ओवरों के बाद मैं 32 रन पर पहुंच गया था और जो ने अपने 50 रन पूरे किए थे. मैंने जो से कहा कि देखते हैं कि कौन शतक बनाता है.

मैं 98 रन बनाकर आउट हो गया, तब जो 60 रन पर खेल रहे थे. लेकिन जब पारी ख़त्म हुई तो जो 140 रन पर नॉटआउट थे. उन्होंने मुझसे आकर कहा, 'रेस में कछुए हमेशा खरगोश को हरा देते हैं.'

डैड, जो और मैं- हम लोग एक साथ एक ही टीम के लिए खेल रहे थे और यह शानदार अनुभव था. करीब एक डेढ़ सत्र तक हम तीनों एक ही टीम के लिए खेलते रहे और इसका वास्तविक श्रेय मेरी मां को जाता है.

डैड कामकाजी थे. लिहाज़ा मां हमें अभ्यास के लिए मंगलवार या बुधवार रात में हेडिंग्ले लेकर जाती थीं, हम दोनों अभ्यास करते वह जैसे तैसे दो घंटे बिताती थीं और उसके बाद हमें वापस शैफील्ड लेकर आती थीं.

इसके अलावा घर के तीनों पुरुष सप्ताह में कई दिन क्रिकेट खेलने जाते थे. लिहाज़ा व्हाइट जर्सी को धोना भी पड़ता था. ना तो डैड, ना ही जो और ना ही मैं, कपड़े धोने में अच्छे थे. लेकिन मेरे ख्याल से व्हाइट ड्रेस को धोने में मेरी मां बेस्ट हैं. वह एक भी दाग़ नहीं रहने देती थीं.

क्रिकेट के अलावा मेरे घर में हमेशा म्यूज़िक सुनने को मिल सकता है. डैड गिटार बजाने में अच्छे थे जबकि मेरे मामा जैमी तो जादूगर की तरह गिटार बजाते थे.

मैं भी थोड़ा बहुत बहुत बजा लेता हूं लेकिन जो मुझसे बेहतर है. मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने गिटार कैसे सीखा लेकिन मुझे लगता है कि लंबे लंबे टूअर के दौरान उन्होंने सीखा है.

इंग्लैंड की क्रिकेट टीम में जो ने तेज़ी से अपनी जगह बनाई. वे हमेशा अगली चुनौती के लिए तैयार होते हैं. यार्कशायर टीम का एक वाक़या मुझे अभी भी याद है.

वापसी

कुछ ही महीनों के अंदर उनकी लंबाई छह इंच बढ़ गई थी, इस वजह से क्रीज़ पर उनका बैलेंस थोड़ा बिगड़ा था और वे एलबीडब्ल्यू आउट होने लगे थे.

लगातार छह पारियों में वे दस रन से आगे नहीं बना पाए थे. लेकिन इसके बाद सातवीं पारी में वारविकशायर के ख़िलाफ़ उन्होंने 170 रनों की पारी खेली.

वे उस मुश्किल से जिस तरह से उबरे थे, उससे मुझे लग गया था कि वे किसी भी विपरीत परिस्थितियों में अपनी वापसी कर सकते हैं.

जो मशहूर होते गए, उनके फैंस बढ़ने लगे लेकिन मेरे लिए वे बड़े भाई बने रहे. 2013 में एशेज़ सिरीज़ के लॉर्ड्स टेस्ट में मैं इंग्लैंड के लिए 12वें नंबर का खिलाड़ी था.

जब मैं ड्रेसिंग रूम में गया तो जो ने मुझसे कहा, "तुम मेरे बगल में तब तक बैठ सकते हो जब तक तुम मेरे ग्लव्स के साथ छेड़छाड़ नहीं करोगे. वे मुझे बाक़ी चीज़ें भी बताते रहे."

जो ने उस मैच में शतक बनाया था. मेरे लिए यह वास्तव में ख़ास पल था. ऐसा ही पल तब आया जब उन्होंने अपनी शादी में मुझे बेस्ट मैन बताया. कैरी के साथ उनकी शादी का दिन बेहद प्यारा और सुंदर था.

एक दूसरे के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे

जो उस दिन भी बेहद कूल बने हुए थे, जैसा कि वे क्रीज़ पर दिखाई देते हैं. मैंने अपने संबोधन की तैयारी की थी, अपने दोस्तों और परिवार वालों के बीच यह कोई मुश्किल भी नहीं था. लेकिन मैंने तभी दायीं ओर देखा, इंग्लिश टीम के 15 क्रिकेटर मौजूद थे. मुझे तो टेस्ट टीम को संबोधित करना है, ये सोच कर ही मैं नर्वस हो गया था. हालांकि लोगों ने बाद में मुझे बताया कि मेरा संबोधन अच्छा रहा.

पेशेवर क्रिकेट में एक ही मौका ऐसा आया जब हम एक दूसरे के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे थे. डैड ने हम दोनों की तस्वीर ट्वीट की थी.

2017 की उस तस्वीर में जो मुझे ड्राइव करके उस मुक़ाबले के लिए ले गए थे जिसमें वे यार्कशायर के लिए खेल रहे थे और मैं नॉटिंघमशायर के लिए.

हम लोगों ने इससे पहले भी एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेला था, लेकिन यह पहला और इकलौता मुक़ाबला था जहां मज़ाक़ नहीं हो रहा था और हम दोनों का ध्यान अपने अपने खेल पर था. मुझे याद है कि मैं उन्हें नाकाम होते नहीं देखना चाहता था और मैं खुद के लिए मैच जीतना भी चाहता था.

पिच काफी मुश्किल थी और हमारी टीम कोई बड़ा स्कोर नहीं बना सकी थी. जो ने उस मुक़ाबले में दिखाया था कि वे कितने शानदार बल्लेबाज़ हैं और उन्होंने यार्कशायर को जीत दिलाकर ही दम लिया था.

मैं उनके ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रहा था. मैं कोशिश कर रहा था कि वे कुछ ऐसा करें कि जो आमतौर पर वे नहीं करते हैं. लिहाज़ा मैंने स्टुअर्ट ब्रॉड को बाउंड्री से क़रीब बुलाते हुए ज़ोर से कहा कि जो उतनी दूर तक कहां मार पाएंगे, मैंने ज़ोर से कहा था ताकि जो भी सुन लें.

जब मैंने गेंद फेंकी तो जो आगे आए और स्टुअर्ट ब्रॉड के सिर के ऊपर से छक्का दे मारा. छोटे भाई के माइंड गेम्स को समझने के लिए उनके पास कोई वक्त नहीं था.

जब हम लोग डैड के मैच के दिनों में बाउंड्री पर खेला करते थे, या फिर जब उन्होंने मुझे रोटरहेम में रन आउट करा दिया था तब भी कोई कहता कि जो एक दिन 100 टेस्ट खेलेंगे तो मैं सहमत होता, क्योंकि उनकी तकनीक है ही इतनी अच्छी.

उनकी लंबाई ज़्यादा नहीं है, लिहाज़ा वे लंबे लंबे शाट्स नहीं खेल पाते, लेकिन उन्हें कोई आउट नहीं कर सकता. माइकल वॉन कोलेजिएट क्लब आते थे, उन्होंने जो को बल्लेबाज़ी करते देखकर ही कहा था, "यह इंग्लैंड से खेलने वाला है."

यह यात्रा केवल जो की नहीं है, बल्कि पूरे परिवार की है. जब जो खेल रहे होते हैं तब मां, डैड, कैरी और मैं, सब नर्वस रहते हैं क्योंकि हम उन्हें बेहतर करते हुए देखना चाहते हैं.

यह सुनने में अटपटा लग सकता है क्योंकि वह लंबे समय से अच्छा कर रहे हैं और दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शामिल हैं.

लेकिन यह ऐसा ही है, बस. हम सभी को उन पर गर्व है.

(बिली रूट ने बीबीसी स्पोर्ट्स के स्टीफ़न शेमिल्ट को बताया.)

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