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आईपीएल-12: धोनी को हुआ बुख़ार, चेन्नई गई हार
आईपीएल-12 में शुक्रवार को भी एकमात्र मुक़ाबला खेला गया जिसमें मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपर किंग्स को उसी के घर में 46 रनों से करारी मात दी.
चेन्नई के सामने जीत के लिए 156 रनों जैसा छोटा लक्ष्य ही था, लेकिन वह 17.4 ओवर में ही महज़ 109 रन पर ढ़ेर हो गई.
चेन्नई के सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय ने 38, मिचेल सैंटनर ने 22 और ड्वेन ब्रावो ने 22 रन बनाए.
इनके अलावा चेन्नई का कोई भी बल्लेबाज़ लसिथ मलिंगा, क्रुणाल पांड्या और जसप्रीत बुमराह की गेंदों का सामना नहीं कर सका.
शेन वॉटसन, सुरेश रैना, अंबाती रायडू और केदार जाधव जैसे धुरंधर बल्लेबाज़ दहाई के अंक तक भी नही पहुंचे.
लसिथ मलिंगा ने 37 रन देकर चार, कृणाल पांड्या ने सात रन देकर दो और बुमराह ने 10 रन देकर दो विकेट हासिल किए.
रोहित की हाफ़ सेंचुरी
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की दावत पाकर मुंबई इंडिंयस ने कप्तान रोहित शर्मा के 67, इवाइन लेविस के 32 और हार्दिक पांड्या के नाबाद 23 रनों की मदद से निर्धारित 20 ओवर में चार विकेट खोकर 155 रन बनाए.
चेन्नई के मिचेल सैंटनर ने केवल 13 रन देकर दो विकेट हासिल किए.
अब जीत के लिए जो टीम 156 रन भी ना बना सके और 46 रन से हार जाए तो इसे बड़ी हार ही कहा जाएगा.
ख़ासकर यह देखते हुए कि चेन्नई सुपर किंग्स पिछली चैंपियन भी है और इस बार भी 16 अंकों के साथ सबसे पहले प्लेऑफ में पहुंची है.
अब इसकी दो तीन वजह हो सकती हैं.
एक तो चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बीमार होने के कारण ना खेलना.
दूसरा मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा का फॉर्म में आकर इस आईपीएल में पहला अर्धशतक जमाना.
और तीसरा मुंबई के गेंदबाज़ो ख़ासकर क्रुणाल पांड्या का तीन ओवर में केवल सात रन देकर दो विकेट लेना.
सबसे पहले बात पहले कारण की.
ये बात अब किसी से छिपी नहीं है कि महेंद्र धोनी के बिना चेन्नई की ताक़त जैसे आधी हो जाती है.
शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ जब धोनी अचानक बीमार होने के कारण नहीं खेले और ऐसे में चेन्नई की कमान सुरेश रैना ने संभाली.
मैच जीतने के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने भी माना कि धोनी का ना होना दूसरी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए काफी है.
दरअसल, धोनी जिस तरह गेंदबाज़ी में परिवर्तन करते हुए विरोधी बल्लेबाज़ो पर दबाव बनाते हैं वह उनके अलावा दूसरे कप्तान के बस की बात नहीं है.
इसके अलावा जिस तरह चेन्नई के बल्लेबाज़ इस मैच में आयाराम-गयाराम साबित हुए, धोनी के रहते शायद ऐसा नहीं होता.
अब क्रिकेट में जैसा हम सोचें वैसा हो ही जाए ऐसा होना भी मुमकिन नहीं है, लेकिन धोनी ने एक नहीं दसियों बार ऐसा कर दिखाया है और यही धोनी पर भरोसे का कारण भी है.
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने भी ईमानदारी में स्वीकार किया कि अगर धोनी बीमारी के कारण नहीं खेले तो इस पर उनका कोई ज़ोर नहीं है.
अब मुंबई की जीत का दूसरा कारण.
चेन्नई के ख़िलाफ़ रोहित शर्मा का बल्ला जमकर बोला.
उन्होंने 48 गेंदों पर छह चौके और तीन छक्कों की मदद से 67 रन बनाए.
यह इस आईपीएल में उनका पहला अर्धशतक है.
बाद में उन्होंने माना कि उनके बल्ले से 30-40 रन तो निकल रहे थे लेकिन वह बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे थे.
रोहित ने ऐसे समय में यह अर्धशतकीय पारी खेली जब चेन्नई के अलावा दूसरी टीमें प्लेऑफ में पहुंचने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही है.
वैसे भी चेन्नई के विकेट पर रन बनाना इतना आसान नहीं होता.
यहां तक कि उनके आउट होने के बाद अपनी धुंआधार बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाने वाले हार्दिक पांड्या और किरेन पोलार्ड को तेज़ी से रन बनाने में पसीने छूट गए.
हार्दिक पांड्या ने 18 गेंदों पर नाबाद 23 और पोलार्ड ने 12 गेंदों पर नाबाद 13 रन बनाए.
बल्लेबाज़ी के यह आंकड़े उनके रिकॉर्ड को देखते हुए एक बार तो सच नहीं लगते.
रोहित शर्मा ने इससे पहले बैंगलोर के ख़िलाफ़ 48 और राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ 47 रन बनाए थे.
घातक क्रुणाल पांड्या
अब बात तीसरे कारण क्रुणाल पांड्या की ख़तननाक़ गेंदबाज़ी की.
कहने को लसिथ मलिंग ने 37 रन देकर चार विकेट झटके लेकिन क्रुणाल पांड्या ने मध्यम क्रम के अंबाती रायडू और केदार जाधव को सस्ते में निपटाकर जैसे चेन्नई की कमर ही तोड़ दी.
अंबाती रायडू तो अपना खाता भी नहीं खोल सके तो केदार जाधव ने केवल छह रन बनाए.
क्रुणाल पांड्या का इस मैच में गेंदबाज़ी विश्लेषण था, चार ओवर कोई मेडन नहीं सात रन और दो विकेट.
शुक्रवार की जीत से साथ ही मुंबई इंडियंस ने राहत की सांस भी ली.
अब वह 11 मैच में सात जीत और चार हार और बेहतर रन औसत के आधार पर 14 अंक के साथ दूसरे पायदान पर पहुंच गई है.
चेन्नई कल की हार के बावजूद 12 मैच में आठ जीत और चार हार के बाद 16 अंक से साथ पहले पायदान पर है.
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