IPL 2019: ड्वेन ब्रावो और शेन वॉटसन ने हिलाई दिल्ली

    • Author, आदेश कुमार गुप्त
    • पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

आईपीएल-12 में मंगलवार को दिल्ली कैपिटल्स अपने ही घर में पिछली चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स को जीतने से नहीं रोक सकी.

चेन्नई की जीत में पहले तो ड्वेन ब्रावो के तीन विकेट और उसके बाद शेट वॉटसन की तूफ़ानी 44 रनों की पारी बेहद अहम रही.

चेन्नई ने यह मुक़ाबला छह विकेट से अपने नाम किया.

चेन्नई के सामने जीत के लिए 148 रनों का लक्ष्य था जो उसने दो गेंद पहले 19.4 ओवर में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया.

चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए दो चौके और एक छक्के की मदद से 35 गेंदों पर नाबाद 32 रन बनाए.

आख़िरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए दो रनों की ज़रूरत थी.

ऐसे में केदार जाधव, कैगिसो रबाडा की स्विंग होती गेंद पर विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच हो गए. उन्होंने 27 रन बनाए.

आख़िर में ड्वेन ब्रावो ने रबाडा की गेंद पर मिडविकेट पर चौका लगातर टीम को जिता दिया. चेन्नई की जीत में उसके सदाबहार बल्लेबाज़ सुरेश रैना ने भी बेहद महत्वपूर्ण 30 रनों की पारी खेली.

ड्वेन ब्रावो ने इससे पहले तीन विकेट लेकर गेंदबाज़ी में भी अपना दमखम दिखाया.

शेन वॉटसन का योगदान

इस मैच में अगर शेन वॉटसन के योगदान को ना याद किया जाए तो यह उनके साथ अन्याय होगा.

शेन वॉटसन ने केवल 26 गेंदों पर चार चौकें और तीन छक्कों के सहारे 44 रन बनाकर जीत की नींव रख दी.

वह अमित मिश्रा की गेंद पर विकेटकीपर पंत के हाथों कैच हुए. वह मैन ऑफ़ द मैच भी रहे.

उन्होंने मैच के बाद पिच के बारे में पूछे जाने पर मज़ाक में कहा कि यह आईपीएल के पहले मैच की पिच चेन्नई से तो बुरी नही थी.

शेन वॉटसन ने यह भी माना कि उन्हें पीएसएल यानी पाकिस्तान प्रीमियर लीग खेलने का भी फ़ायदा मिला है.

पिछली बार साल 2018 मे तो शेन वॉटसन ने आईपीएल फ़ाइनल में केवल 57 गेंदों पर नाबाद 117 रनों की पारी खेलकर अपने दम पर ही चेन्नई को चैंपियन बना दिया था.

उनकी बदौलत चेन्नई ने जीत के लिए 179 रनों का लक्ष्य 18.3 ओवर में ही हासिल कर लिया था.

अब इस बार दूसरे ही मैच में उन्होंने दिल्ली जैसे बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल विकेट पर जीत के लिए अपना रोल अच्छी तरह निभाकर दिखा दिया कि अनुभव की कोई क़ीमत नही होती.

शेन वॉटसन आईपीएल के सबसे कमाऊ खिलाड़ी भी साबित हुए हैं.

साल 2011 उनके लिए तब चर्चा का केन्द्र बना जब वह 20 करोड़ रुपये कमाकर इस सूची में 11वें नम्बर पर थे.

शेन वॉटसन किसी समय ऑस्ट्रेलिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक माने जाते थे.

आईपीएल में भी वह अभी तक 119 मैचों में चार शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 3221 रन बना चुके है.

विवादों से पुराना नाता

शेन वॉटसन विवादों में भी घिरे रहते है. उनके और दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ रबाडा के बीच मैच के दौरान हल्की सी नोकझोक भी हुई.

शेन वॉटसन तब चर्चा में आए जब साल 2013 में माइकल क्लार्क नें अपनी कप्तानी में भारत का दौरा किया लेकिन क्लार्क को लगा कि वॉटसन पूरी क्षमता से नहीं खेल रहे हैं और उन्हें सिरीज़ के दौरान टीम से बाहर भी किया.

हांलाकि उसी सिरीज़ के चौथे और आख़िरी मैच में माइकल क्लार्क कमर मे दर्द के कारण दिल्ली में नही खेले और अनुभवी शेन वॉटसन ने ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली.

उस टेस्ट मैच में भी भारत छह विकेट से जीता और चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ 4-0 से जीती.

तब भारत की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी.

कमाल की बात है कि आज शेन वॉटसन धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई की टीम की जान है.

अभी तो यह आईपीएल की इस सीज़न की शुरुआत ही है, शेन वाटसन से जुड़े कुछ और क़िस्से आने वाले दिनों में पता चलेंगे.

टॉस जीता लेकिन मैच हारा

इससे पहले फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया.

दिल्ली की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में छह विकेट खोकर 147 रन बनाए.

चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने पहले मैच में ही अपने स्पिनरों के दम पर विराट कोहली की कप्तानी में खेलने वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु का पुलिंदा महज़ 70 रनों पर बांध दिया था.

लेकिन दिल्ली में तो उनके आलराउंडर ड्वेन ब्रावो छुपे रुस्तम साबित हुए. उनकी गेंदों के सामने दिल्ली के बल्लेबाज़ खुलकर नही खेल सके.

ब्रावो ने चार ओवर में 33 रन देकर तीन विकेट अपने नाम किए.

दिल्ली की सलामी जोड़ी शिखर धवन और पृथ्वी शॉ ने पहले विकेट के लिए 4.3 ओवर में 36 रन जोड़कर ठीकठाक ओपनिंग दी.

पृथ्वी शॉ ने 16 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 24 रन बनाए.

इसके बाद शिखर धवन के बल्ले से निकलने वाले रनों की रफ़्तार पर भी लगाम लग गई.

वह पारी के 18वें ओवर में दिल्ली के आख़िरी बल्लेबाज़ के रूप में आउट हुए.

उन्होंने 47 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 51 रन बनाए. वह ब्रावो का शिकार बने.

मुंबई के ख़िलाफ केवल 27 गेंदों पर नाबाद 78 रन बनाकर सुर्खियां बटोरने वाले ऋषभ पंत ने 13 गेंदों पर दो चौके और एक छक्के की मदद से 25 रन बनाए.

ब्रावो ने शार्दुल ठाकुर के हाथों कैच कराकर कप्तान धोनी को राहत दी.

दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर ने 20 गेंदों पर 18 रन बनाए. वह स्पिनर इमरान ताहिर की गेंद पर बोल्ड हुए.

बैंगलोर के ख़िलाफ तीन विकेट लेकर पुराने चावल सी महक बिखेरने वाले हरभजन सिंह को विकेट तो नही मिला लेकिन उन्होंने चार ओवर में तीस रन देकर दिल्ली के बल्लेबाज़ो को खुलकर खेलने का मौक़ा नही दिया.

फ़िरोज़शाह कोटला का विकेट वैसे भी स्पिनरों का मददगार माना जाता है और रविंद्र जडेजा तो ऐसे विकेट पर बल्लेबाज़ों को चकमा देने में माहिर माने जाते हैं

जडेजा ने भी चार ओवर में केवल 23 रन देकर कीमो पॉल का विकेट लिया.

इस जीत के साथ ही चेन्नई ने दूसरी टीमों के ख़िलाफ़ इस बार भी खतरे की घंटी बजा दी है.

आईपीएल में बुधवार को कोलकाता नाइटराइडर्स अपने ही मैदान ईडन गार्डंस में किंग्स इलेवन पंजाब का सामना करेगी.

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