एशियन गेम्स 2018: सोलह की उम्र में सोना पर निशाना लगाने वाले सौरभ कौन हैं?

    • Author, टीम बीबीसी हिन्दी
    • पदनाम, दिल्ली

जब 15 साल की उम्र में सौरभ ने निशानेबाजी को अपना करियर चुना तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि वो एक साल के भीतर ही कमाल कर देंगे.

16 साल की उम्र में भारतीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने एशियन गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है.

सौरभ ने यह पदक 10 मीटर के एयर पिस्टल में जीता है. सौरभ की जितनी उम्र है उसके हिसाब से मैदान में कहीं ज़्यादा परिपक्वता दिखी.

सौरभ ने 42 साल के तोमोयुकी मतसुदा को हराया है. तोमयुकी जापान के हैं. तोमयुकी 2010 के विश्व चैंपियन रहे हैं.

इस प्रतियोगिता में सौरभ का कुल स्कोर 240.7 रहा. इस स्कोर के साथ ही सौरभ ने एशियाई गेम में इतिहास रच दिया है.

सौरभ मेरठ के कलीना गांव के हैं और उनके पिता एक किसान हैं. इस जीत के साथ ही चौधरी से उम्मीदें बढ़ गई हैं.

कुछ महीने पहले ही जर्मनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में सौरभ ने स्वर्ण पदक जीता था.

'दबाव नहीं'

इतनी कम उम्र में सौरभ चौधरी से उम्मीद नहीं थी कि वो स्वर्ण पदक जीतेंगे. इससे पहले जसपाल राणा, रणधीर सिंह, जीतू राय और रंजन सोढ़ी ने भी युवा रहते ये जीत हासिल की थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सौरभ ने कहा है कि खेल के दौरान उन पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं था.

सौरभ 11वीं क्लास के छात्र हैं. मेरठ से 53 किलोमीटर दूर बागपत के पास बेनोली के अमित शेरॉन एकेडमी में सौरभ ने ट्रेनिंग ली है. वो अपने पिता के खेती के काम में भी हाथ बँटाते रहे है.

पीटीआई से सौरभ ने कहा है, ''मैं खेती करना पसंद करता हूं. मुझे ट्रेनिंग से ज़्यादा वक़्त नहीं मिल पाता है, लेकिन जब भी वक़्त मिलता है तो अपने गांव कलीना में पिता के साथ खेत में काम करता हूं.''

इस एशियन गेम्स में सौरभ की जीत से भारत को निशानेबाजी में पहला स्वर्ण पदक मिला है.

प्रतिभावान सौरभ

2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में रजत पदक जीतने वाले प्रकाश ननजपा का कहना है कि सौरभ का भविष्य ऐतिहासिक होगा क्योंकि वो काफ़ी प्रतिभावान हैं.

उन्होंने कहा कि सौरभ की प्रतिभा ओलंपिक में पदक जीतने लायक है. 2018 का एशियन गेम्स चौधरी का पहला सीनियर गेम था.

भारत में 16 की उम्र में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले सौरभ चौधरी एकलौते खिलाड़ी बन गए हैं.

रणधीर सिंह ने 32, रंजन सोढी ने 30 और जीतू राय ने 26 साल की उम्र में गोल्ड जीता था.

1994 में हिरोशिमा के एशियन गेम्स में जसपाल राणा ने 17 साल की उम्र में गोल्ड जीता था.

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