ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर देर रात ट्विटर पर ट्रेंड क्यों करने लगे?

भारत में इस समय #IStandWithZubair टॉप ट्रेंड है.

यह हैशटैग ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के लिए है. लोग इस हैशटैग के साथ ट्विटर पर कमेंट और पोस्ट शेयर कर रहे हैं. अभी तक इस हैशटैग से 63.7 हज़ार ट्वीट किये जा चुके हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने लोगों के इस समर्थन के लिए धन्यवाद भी कहा है.

लेकिन अब सवाल यह है कि देर रात यह हैशटैग ट्रेंड क्यों कर रहा है और किस मुद्दे पर लोग मोहम्मद ज़ुबैर के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और रायपुर पुलिस ने आईटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत ज़ुबैर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.

यह शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. शिकायत में ज़ुबैर पर एक नाबालिग लड़की को कथित तौर पर धमकाने और प्रताड़ित करने का आरोप है.

एफ़आईआर में तीन ट्विटर हैंडल जिनमें ज़ुबैर का ट्विटर हैंडल और दो अन्य ट्विटर हैंडल (@de_real_mask और @syedsarwar20) का ज़िक्र है.

दिल्ली साइबर क्राइम के डीसीपी अन्येश रॉय और रायपुर के एसपी अजय यादव के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने एफ़आईआर दर्ज किये जाने की पुष्टि की है.

एनसीपीसीआर ने जो शिकायत की है उसमें ज़ुबैर द्वारा छह अगस्त को किये गए एक ट्वीट का ज़िक्र किया गया है.

इस ट्वीट में एक नाबालिग लड़की की तस्वीर थी जिसे ज़ुबैर ने कथित तौर पर लड़की के दादा के साथ हुई ऑनलाइन बहस के बाद साझा किया था.

इस ट्वीट में ज़ुबैर ने लिखा, "हेलो जगदीश, क्या आपकी प्यारी सी पोती को आपके पार्ट टाइम जॉब के बारे में पता है कि आप सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देते हैं. मैं आपको सलाह देता हूं कि आप यह प्रोफ़ाइल फ़ोटो बदल दें."

इस पोस्ट को लेकर ही ज़ुबैर के खिलाफ़ कार्रवाई की गई है.

एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एनसीपीसीआर ने इस संबंध में आठ अगस्त को जांच शुरू की थी. जिसमें ट्विटर से और जानकारी देने को कहा गया था लेकिन उनके जवाब से असंतुष्ट होने के बाद ट्विटर को समन भेज दिया गया और साथ ही पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई. जिसके फलस्वरूप यह एफ़आईआर दर्ज की गई है.

ज़ुबैर और ऑल्ट न्यूज़ ने इन तमाम आरोपों का खंडन किया है.

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा से जब हमने इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया एनसीपीसीआर की तरफ़ से ज़ुबैर को अपना पक्ष रखने का मौक़ा तक नहीं मिला. एनसीपीसीआर ने बिना उनका पक्ष जाने ही शिकायत कर दी.

प्रतीक के मुताबिक़, वे लोग भी इस मामले में अब क़ानूनी तरीके से ही आगे बढ़ेंगे.

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, कानूनी तरीकों के दुरुपयोग से ज़ुबैर को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ मोहम्मद ज़ुबैर के साथ खड़ा है.

मोहम्मद ज़ुबैर के समर्थन में हज़ारों ट्वीट अब तक किये जा चुके हैं.

एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने ट्वीट किया है..

बीते कुछ समय से @zoo_bear को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही थी. ये फर्जी आरोप उसे चुप कराने का एक और प्रयास हैं.

पत्रकार देबाशीष रॉय चौधरी ने लिखा है कि मोहम्मद ज़ुबैर भारत के सर्वश्रेष्ठ पत्रकारों में से एक हैं.

तहसीन पूनावाला के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके मोहम्मद ज़ुबैर के साथ खड़े होने की बात कही गई है और उन्हें मज़बूत बने रहने को कहा गया है.

पत्रकार सुप्रिया शर्मा ने भी ज़ुबैर के समर्थन में ट्वीट किया है.

उन्होंने लिखा है, ज़ुबैर फ़ेक ख़बरों से लड़ने में सबसे आगे रहते हैं और उनका काम उन लोगों को नुकसान पहुंचाता है जो भारतीय लोकतंत्र को विकृत करने के लिए ग़लत सूचनाएं फैलाते हैं.

सलमान नाम के एक यूज़र लिखते हैं, "सच का साथ दो वरना कोई सच बोलने की हिम्मत नहीं करेगा क्योंकि सभी जानते हैं कि तमाम फर्जी लोगों को फर्जी केसों में फंसाकर उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की जाती है."

कौन हैं मोहम्मद ज़ुबैर

मोहम्मद ज़ुबैर ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक हैं. जुबैर इससे पहले टेलीकॉम इंडस्ट्री में थे. उन्होंने क़रीब 13 साल टेलीकॉम इंडस्ट्री में काम किया है.

ऑल्ट न्यूज़ की वेबसाइट पर संस्था के बारे में मौजूद जानकारी के मुताबिक़, "स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो. ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करें. ऑल्ट न्यूज फरवरी 2017 से काम कर रही है और यह पूरी तरह से एक स्वैच्छिक प्रयास से संभव हुआ है."

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