सोशल: 'टैंक से तो बात नहीं बनी, फ़ाइटर प्लेन रखवाना चाहिए था'

देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संपन्न हुए छात्र संघ चुनावों में लेफ़्ट ने जीत दर्ज़ की है.

आईसा, एसएफआई और डीएसएफ़ के गठबंधन वाले पैनल यूनाइटेड लेफ़्ट ने चारों सीटों पर जीत दर्ज कर क्लीन स्वीप किया है.

पीटीआई की ख़बर के मुताबिक अध्यक्ष पद पर यूनाइटेड लेफ़्ट की उम्मीदवार गीता कुमारी ने जीत दर्ज़ की है.

इस बार के चुनावों की सबसे ख़ास बात यह रही कि सभी दलों ने अध्यक्ष पद के लिए महिला उम्मीदवारों को ही खड़ा किया था.

एबीवीपी की जीत की अफ़वाह

वैसे देर रात अफ़वाह उड़ी कि एबीवीपी ने चुनाव जीत लिया है. जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करके बधाई भी दे दी. लेकिन जब पता चला कि यह महज़ अफ़वाह है तो उहोंने ट्वीट हटा दिया लेकिन तब तक लोगों की नज़रें उस पर पड़ चुकी थीं.

ट्वीट डिलीट कर दिया गया था लेकिन तब तक स्क्रीन शॉट लिए जा चुके थे.

रिज़ल्ट आने के बाद से ही ट्विटर पर #UnitedLeft ट्रेंड कर रहा है. छात्र एक-दूसरे को बधाई तो दे ही रहे हैं साथ ही कई मज़ेदार कमेंट्स भी कर रहे हैं.

दुष्यंत लिखते हैं कि एकबार फिर जेएनयू छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी हार गई. टैंक काम नहीं आए...सरकार को कुछ फ़ाइटर प्लेन रख देने चाहिए और हो सके तो कुछ सबमरीन भी कैंपस में रखवा देने चाहिए.

मीणा लिखते हैं उन्होंने सीटें कम कर दीं, टैंक रखवा दिए, छात्र ग़ायब हो गए. सबकुछ हो गया फिर भी एबीवीपी हार गई.

इट्सशेहलाफैन्स ट्वीटर हैंडल से भी एक ट्वीट किया गया है और अमित शाह पर निशाना साधा गया है.

एक बार फिर वही राग...

चुनाव नहीं जीता तो क्या हुआ, दिल तो जीता. छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी की हार हुई है लेकिन उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि हम भले ही चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुए लेकिन हमने लोगों का दिल ज़रूर जीता है.

अक्षय गोयल लिखते हैं कि बदलाव की लहर चलाने में कामयाब रहे.

अमन ने भी कुछ ऐसा ही ट्वीट किया है.

एक अन्य ट्वीट में लेफ़्ट के एक साथ लड़ने को टारगेट किया गया है.

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