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ब्लूटूथ के बाद अब वाइब्री | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मोबाइल टेलीफ़ोन दुनिया की एक बड़ी कंपनी नोकिया का कहना है कि उसने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो ब्लूटूथ से सक्षम होगी और वो बैटरी भी कम ख़र्च करेगी. ग़ौरतलब है कि ब्लूटूथ तकनीक के ज़रिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आपस में डाटा बाँटते हैं यानी मोबाइल टेलीफ़ोन, कंप्यूटर, प्रिंटर वगैरा इस बेतार तकनीक से जुड़ते हैं. यानी जिस प्रिंटर में ब्लूटूथ तकनीक मौजूद होगी उसे कंप्यूटर से बिना किसी तार के सहारे जोड़ा जा सकता है यानी वह ब्लूटूथ के ज़रिए ही प्रिंट करेगा. ऐसे ही मोबाइल टेलीफ़ोन में ब्लूटूथ तकनीक काफ़ी प्रचलित हुई है. इस तकनीक के ज़रिए मोबाइल टेलीफ़ोन को कंप्यूटर और अन्य उपकरणों से जोड़ा जा सकता है. ब्लूटूथ तकनीक का आविष्कार एरिक्सन ने 1990 में किया था जिसे उसने खुले बाज़ार में बेच दिया था. दुनिया भर में इस सम लगभग 50 करोड़ उपकरणों के साथ ब्लूटूथ तकनीक का प्रयोग किया जाता है. अब नोकिया ने ब्लूटूथ के मुक़ाबले एक नई तकनीक विकसित की है जिसे नाम दिया गया है - वाइब्री. कम बैटरी वाइब्री के बारे में नोकिया शोध केंद्र के मुखिया बॉब इनंसी का कहना था, "यह तकनीक ब्लूटूथ के मुक़ाबले दस गुना कम बैटरी ख़र्च करती है." नोकिया वाइब्री तकनीक पर पिछले क़रीब पाँच साल से काम किया जा रहा था और अब इसे मानकों पर परखा जाएगा जिसके बाद किसी अन्य कंपनी को निर्माण के लिए सौंप दिया जाएगा. वाइब्री रेडियो चिप के ज़रिए 30 फुट के दायरे में काम करती है जो ब्लूटूथ में इस्तेमाल होने वाली चिप से छोटी हैं.
वाइब्री तकनीक उन उपकरणों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी जिनमें अभी तक ब्लूटूथ तकनीक शामिल नहीं की जा सकती थी. नोकिया जिन तीन महत्वपूर्ण और छोटे उपकरणों का नाम ले रही है उनमें घड़ियाँ, स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले उपकरण और खेलकूद के मानक तय करने वाले उपकरण शामिल हैं. और ज़ाहिर है कि मोबाइल टेलीफ़ोन में तो इस तकनीक का व्यापक प्रयोग होने की संभावना है ही क्योंकि इसमें बैटरी भी कम ख़र्च होने की बात कही जा रही है. नई बेतार तकनीक वाइब्री एक मेगाबाइट प्रति सेकंड की दर से डाटा भेज या ग्रहण कर सकती है जो ब्लूटूथ की मौजूदा रफ़्तार से लगभग एक तिहाई है. नोकिया ने कहा है कि वाइब्री तकनीक का प्रयोग योग्य संस्करण साल 2007 की दूसरी तिमाही में आने की संभावना है और कंपनी को उम्मीद है कि दो साल के अंदर ऐसे मोबाइल टेलीफ़ोन बाज़ार में आ जाएंगे जिनमें वाइब्री तकनीक लगी होगी. | इससे जुड़ी ख़बरें मोबाइल फोन बढ़ाता है ब्लड प्रेशर14 सितंबर, 2006 | विज्ञान 24/7 जीवन शैली के ख़तरनाक प्रभाव08 सितंबर, 2006 | विज्ञान इंटरनेट सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है भारत में24 अगस्त, 2006 | विज्ञान कैमरों की जगह कैमराफ़ोन06 जून, 2006 | विज्ञान जापान में मोबाइल फ़ोन पर टीवी शुरु01 अप्रैल, 2006 | विज्ञान नए ज़माने का ओरिगैमि कंप्यूटर09 मार्च, 2006 | विज्ञान अब आ गया मोबाइल टीवी का दौर27 दिसंबर, 2005 | विज्ञान ख़ुद ब ख़ुद ग़ायब हो जाएगा एसएमएस13 दिसंबर, 2005 | विज्ञान इंटरनेट लिंक्स बीबीसी बाहरी वेबसाइट की विषय सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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