स्पोर्ट्स ब्रा: पुरुषों की लंगोट से कैसे आई खेलों में महिलाओं के लिए क्रांति

पहली जॉगब्रा 1978 में बाज़ार में आई

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इमेज कैप्शन, पहली जॉगब्रा 1978 में बाज़ार में आई. अब इसका आविष्कार करने वालों को अमेरिका में आविष्कारकों के हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किया गया है.
    • Author, हॉली होंडेरिच
    • पदनाम, बीबीसी न्यूज़, वॉशिंगटन

आज के दौर की स्पोर्ट्स ब्रा की शुरुआत एक जॉकस्ट्रैप (लंगोट) के रूप में हुई थी.

अमेरिका में 1977 की गर्मी के मौसम में वरमोंट यूनिवर्सिटी की ग्रेजुएट छात्रा लिसा लिंडाहल को दौड़ने का शौक़ था. हर हफ़्ते वो क़रीब 30 मील दौड़ती थीं. आसान काम था, लेकिन सबसे बड़ी दिक़्क़त उनकी गारमेंट थी.

उन्होंने बताया कि, 'सबसे असहज करने वाली चीज़ ये थी कि दौड़ते वक़्त उनके स्तनों को पर्याप्त सहारा नहीं मिलता था.'

उस वक़्त लिसा की उम्र 28 बरस थी. पहले उन्होंने अपने ब्रेस्ट के इर्द-गिर्द एक इलास्टिक की पट्टी लपेटी और बिना ब्रा के दौड़ लगाने की कोशिश की. आख़िर में उन्होंने दौड़ते वक़्त अपनी साइज़ से बेहद छोटी ब्रा पहनने पर समझौता कर लिया.

दौड़ते वक़्त ब्रेस्ट सपोर्ट के इस संघर्ष ने लिसा और उनकी बहन के बीच एक मज़ाक़ की शुरुआत की: आख़िर महिलाओं के लिए कोई जॉकस्ट्रैप क्यों नहीं आता?

अब लिसा लिंडहाल और दो अन्य महिलाओं को अमेरिका के नेशनल इन्वेंटर्स हॉल ऑफ़ फेम में जगह मिल गई है. ऐसे में ये साबित होता है कि स्पोर्ट्स ब्रा का ईजाद बेहद गंभीर और ज़रूरी आविष्कार था. और यह तब किया गया, जब महिलाओं के खेल में इंक़लाब का दौर आने जा रहा था.

लिंडहाल और मिलर, जॉगब्रा की एक शुरुआती मॉडल के साथ- जो दो जॉकस्ट्रैप को एक साथ सिलकर तैयार किया गया था.

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इमेज कैप्शन, लिंडहाल और मिलर, जॉगब्रा की एक शुरुआती मॉडल के साथ- जो दो जॉकस्ट्रैप को एक साथ सिलकर तैयार किया गया था.

कहां से शुरू हुआ प्रयोग

लिंडहाल ने शुरू से ही इस विचार को बहुत गंभीरता से लिया था. उन्होंने अपने सबसे क़रीबी दोस्त पॉली पामर स्मिथ को अपने अभियान से जोड़ा. पॉली, वरमोंट के बर्लिंगटन में होने वाले एक शेक्सपीयर फेस्टिवल में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पर काम कर रही थीं.

जल्द ही एक और कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर हिंडा मिलर भी उनके साथ जुड़ गईं, जो उन गर्मियों में पॉली की सहायक रह चुकी थीं.

इन महिलाओं ने लिंडहाल के लिविंग रूम में अपनी दुकान लगाई और तरह-तरह के कपड़ों और उनकी फिटिंग के साथ प्रयोग करने लगीं. हिंडा मिलर पहले स्पोर्ट्स ब्रा की एक शुरुआती प्रति या प्रोटोटाइप तैयार करतीं और फिर लिंडहाल उसे पहनकर दौड़ लगाने जातीं. जिससे ये पता चल सके, दौड़ते वक़्त उनके ब्रेस्ट में कितना 'उछाल' आता है. उन्होंने कहा, कोई नुस्खा कारगर नहीं साबित हो रहा था.

एक रोज़ अचानक लिंडहाल के पति सीढ़ियों से नीचे उतरे, उन्होंने अपने सीने के इर्द-गिर्द जॉकस्ट्रैप लपेटा हुआ था. ये एक तरह से महिलाओं के लिए पहली 'जॉक ब्रा' थी.

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पॉली पामर स्मिथ ने कहा कि, वो एक तरह से 'दिमाग़ की बत्ती जलने वाला' मौक़ा था. उन्होंने पुरुषों द्वारा लंगोट की तरह पहने जाने वाले दो जॉकस्ट्रैप को जोड़कर सिला और जॉगब्रा का पहला प्रोटोटाइप तैयार हो गया था.

जब इन तीनों महिलाओं के पास जॉगब्रा का पहला डिज़ाइन तैयार हो गया- जिसमें बाहर की तरफ़ एक दूसरे के आर-पार स्ट्रैप और सिलाई थी- तो उन्होंने इसके पेटेंट की अर्ज़ी दी और जॉगब्रा इंक. के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की.

लिसा लिंडहाल, हिंडा मिलर और पॉली पामर स्मिथ के जॉगब्रा की शुरुआती डिज़ाइन तैयार करने से पहले अमेरिकी संसद ने टाइटल IX पास किया था.

नागरिक अधिकारों के मामले में मील का पत्थर साबित हुए इस क़ानून के तहत, शिक्षा और संघीय सरकार की मदद से चलने वाली सभी योजनाओं में लिंग के आधार पर भेद करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

आज अमेरिका में हर पांच में से दो लड़कियां कोई न कोई खेल खेलती हैं. जबकि, वुमेन स्पोर्ट्स फाउंडेशन के मुताबिक़, 1970 में हर 27 में से महज़ एक लड़की ही खेल-कूद करती थी.

अगर टाइटिल IX ने महिलाओं के खेल की दुनिया में दाख़िल होने को मुमकिन किया, तो स्पोर्ट्स ब्रा ने महिलाओं के लिए खेलना आरामदेह बनाया.

लिसा कहती हैं, "टाइटिल IX क़ानून के चलते महिलाओं के खेल-कूद में हिस्सा लेने के लिए पूंजी थी, मूलभूत ढांचा था और उम्मीदें भी बहुत थीं. लेकिन, महिलाओं के पास मैदान में उतरकर खेल खेलने के लिए ज़रूरी आत्मविश्वास और आराम नहीं था."

लिंडहाल और मिलर जॉगब्रा के विज्ञापनों की पहली मॉडल बनी थीं.

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स्पोर्ट्स ब्रा का अरबों डॉलर का उद्योग

आज स्पोर्ट्स ब्रा को क्रांतिकारी माना जाता है, जिसने खेल-कूद के मैदान में उतरने वाली महिलाओं को 'आराम और आत्मविश्वास' दिया. आज ये 9 अरब डॉलर का उद्योग भी है- ये ऐसा आंकड़ा है, जिसके साल 2026 तक चार गुना बढ़ने का अंदाज़ा लगाया जा रहा है. एथलेटिक्स और आराम वाले 'एथलीज़र' उत्पादों का बाज़ार भी 25 अरब डॉलर का हो गया है और ख़ूब प्रगति कर रहा है.

लेकिन, 1977 में जब जॉगब्रा का विकास किया जा रहा था, तब कहानी बिल्कुल अलग थी.

उस वक़्त अमेरिका में मैराथन दौड़ की प्रशासनिक संस्था, अमेच्योर एथलेटिक यूनियन द्वारा सड़क पर लंबी दौड़ में महिलाओं की भागीदारी पर पाबंदी हटाने के पांच साल ही बीते थे. और ओलंपिक में तीन हज़ार मीटर से ज़्यादा लंबी दौड़ में महिलाओं को शामिल होने की इजाज़त तो इसके भी सात बरस बाद मिली. उससे पहले कुछ विशेषज्ञों का ये दावा था कि लंबी दौड़ महिलाओं की सेहत और उनके स्त्रीत्व के लिए नुक़सानदेह थी. इसलिए, लंबी दौड़ में महिलाओं को भाग लेने की इजाज़त नहीं थी.

कंपनी की स्थापना से कुछ दिनों बाद ही, पॉली स्मिथ न्यूयॉर्क शहर वापस चली गईं, जहां पर उन्हें जिम हेंसन कंपनी में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का काम मिला था. इसके चलते जॉगब्रा इंक की कमान अब लिसा लिंडहाल और हिंडा मिलर के हाथ में रह गई.

मिलर के पिता से मिले पांच हज़ार डॉलर के क़र्ज़ की मदद से दोनों महिलाओं ने 60 दर्जन जॉगब्रा का पहला बैच तैयार किया और फिर स्पोर्ट्स के सामान बेचने वाली दुकानों से संपर्क किया. हिंडा मिलर ने कहा कि उनका उत्पाद खेल का उपकरण था, महिलाओं का अंत:वस्त्र नहीं.

लेकिन, स्टोर के मालिकों और प्रबंधकों से बात करने पर उनकी हंसी उड़ाई जाती थी. इनमें से ज़्यादातर मर्द होते थे. लिसा ने कहा कि, 'हमें लगभग हर बार यही जवाब मिलता था कि हम अपने स्टोर में ब्रा नहीं बेचते हैं.'

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16 डॉलर से ब्रा बेचने की शुरुआत

इसके बाद लिसा और हिंडा ने एक दूसरा रास्ता अपनाया. उन्होंने सहायक स्टोर मैनेजर्स से संपर्क साधा- क्योंकि वो ज़्यादातर महिलाएं ही होती थीं. उन्होंने अपनी जॉगब्रा को इन सहायक स्टोर मैनेजर्स को दिया कि एक बार ख़ुद आज़माकर देखें.

उन दोनों ने जॉगब्रा को एक साधारण से काले डिब्बे में पैक किया और सामान्य ब्रा के अलग-अलग कप साइज़ की जगह, स्मॉल, मीडियम और लार्ज के तीन आसान वर्गों में बांटा.

उनका ये नुस्खा काम आया. पहली जॉगब्रा 1978 में बाज़ार में उतारी गई. उस वक़्त एक ब्रा की क़ीमत 16 डॉलर थी.

लिसा और हिंडा मिलर ने अपने उत्पाद के विज्ञापन दौड़ने पर केंद्रित पत्रिकाओं में देने शुरू किए. दोनों ने इसके लिए ख़ुद ही मॉडलिंग भी की क्योंकि वो किसी और मॉडल से ये काम कराने का ख़र्च उठाने की हालत में नहीं थीं. उनका नारा था, 'पुरुषों की बनाई कोई भी ब्रा इसका मुक़ाबला नहीं कर सकती.'

हिंडा मिलर ने अपने विज्ञापनों में 'डीलर की जानकारी के लिए संपर्क करें' की लाइन भी जोड़ दी. उन्होंने कहा कि, 'मुझे तो उस वक़्त ये मालूम ही नहीं था कि इस लाइन का मतलब क्या होता है... लेकिन उन लोगों ने फ़ोन करने शुरू कर दिए'.

लिंडहाल ने हंसते हुए बताया कि, 'वो मेरे घर के फ़ोन पर कॉल करते थे.'

दोनों ने स्पोर्ट्स ब्रा की पहली खेप बहुत जल्द बेच डाली. कारोबार की दुनिया में उतरने के पहले साल ही, लिसा और हिंडा ने पांच लाख डॉलर की बिक्री कर डाली थी और उनकी कंपनी मुनाफ़े में आ गई थी.

अगले एक दशक तक उनकी कंपनी 25 प्रतिशत सालाना की तेज़ रफ़्तार से तरक़्क़ी करती रही. हालांकि, इस दौरान लिसा और हिंडा को काफ़ी कुछ सीखने को भी मिला. लिसा ने बताया कि एक रोज़ एक सेल्स रिप्रेज़ेंटेटिव ने उन्हें संदेश भेजा कि वो उनके साथ काम करना चाहता है.

लिसा ने बताया कि, 'उस वक़्त मुझे ये पता ही नहीं था कि रिप्रेजेंटेटिव कौन सी बला है'.

लिसा ने सेल्स और मार्केटिंग का ज़िम्मा संभाला तो, हिंडा मिलर ने उत्पादन और माल की खेप की ज़िम्मेदारी ली. उन्होंने लगभग 200 नियमित कर्मचारी अपने यहां रखे. अपने उत्पादों को बनाने का कारखाना वो पुएर्टो रिको ले गए और जॉगब्रा के साथ साथ बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं के लिए स्पोर्ट्सशेप ब्रा बनानी शुरू कर दी. इसके अलावा दौड़ते वक़्त महिलाओं के पेट ढकने के लिए उन्होंने टॉप बनाने भी शुरू कर दिए.

इसी महीने हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किए जाने के समारोह में पॉली पामर स्मिथ, हिंडा मिलर और लिसा लिंडहाल.

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इमेज कैप्शन, इसी महीने हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किए जाने के समारोह में पॉली पामर स्मिथ, हिंडा मिलर और लिसा लिंडहाल.

लेकिन जैसे जैसे जॉगब्रा की तरक़्क़ी हुई, वैसे वैसे कंपनी की मालकिनों के रिश्ते ख़राब होने लगे. दोनों महिलाओं के बीच लगातार टकराव होने लगे.

लिसा कहती हैं कि जैसे जैसे कंपनी का विकास हो रहा था, वैसे वैसे 'हमारे बीच चीख़ना चिल्लाना भी बढ़ रहा था.'

इसके बाद 1980 के दशक के आख़िर में जॉगब्रा इंक की तरक़्क़ी की रफ़्तार धीमी होने लगी. नाइकी और रीबॉक जैसी कंपनियों से मिल रही कड़ी टक्कर का मतलब ये था कि उन्हें होड़ में बने रहने के लिए बहुत बड़ी तादाद में क़र्ज़ लेना पड़ा.

1990 में हिंडा और लिसा ने अपनी कंपनी जॉगब्रा को प्लेटेक्स को बेच दिया. ये सौदा किस क़ीमत पर हुआ, इसका राज़ उन्होंने नहीं खोला.

हिंडा मिलर ने बताया कि, 'हमने कंपनी को उस वक़्त बेचा, जब हमें ये महसूस हुआ कि हम बहुत थक रहे हैं. हमारी नेतृत्व करने वाली टीम में बहुत झगड़े हो रहे हैं.'

पहली जोगबरा दो जॉकस्ट्रैप को एक साथ सिलाई करके बनाई गई थी

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जब महसूस हुआ गर्व

आज उन झगड़ों के ज़ख़्म मिट चुके हैं. हिंडा मिलर कहती हैं, "आज हम सब उम्र के सत्तरवें बरस के पार हो चुकी हैं और हम सब ज़िंदा हैं, तो हम उस कामयाबी पर बस मुस्कुरा सकते हैं. हम उस वक़्त यही चाहते थे कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के पास जॉगब्रा हो और हमने ये कर दिखाया. हम इसमें कामयाब रहे."

जब पिछले महीने उन्हें, लेज़र डर्मेटोलॉजी, इबुप्रोफ़ेन और वॉयस ओवर इंटरनेट तकनीक के आविष्कारकों के साथ, वॉशिंगटन डीसी में नेशनल इन्वेंटर्स के हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किया गया, तो भी उन्हें बमुश्किल ही इस बात पर यक़ीन हो पा रहा था.

पॉली पामर स्मिथ ने कहा कि, 'जब हमने आविष्कारकों की उस सूची के दूसरे लोगों के साथ अपना नाम देखा, तो हमने कहा कि हमने तो बस डाक टिकट चिपकाने का आविष्कार किया है... हम तो इसे लेकर उतने गंभीर भी नहीं थे.'

पॉली ने कहा कि, 'आयोजकों ने हमें बताया कि: आप ऐसा नहीं कर सकेंगे. पोस्ट इट का आविष्कार करने वाले लोग वहां होंगे.'

लेकिन, जॉगब्रा की तीनों संस्थापक कहती हैं कि वो आज भी महिलाओं को स्पोर्ट्स ब्रा पहने देखती हैं तो बहुत उत्साहित हो जाती हैं, क्योंकि ज़्यादातर स्पोर्ट्स ब्रा देखने में वैसी ही लगती हैं, जैसी उनकी दो जॉकस्ट्रैप को साथ सिलकर बनाई गई पहली जॉगब्रा.

पॉली कहती हैं कि, 'ये बहुत गर्व की बात भी है और हमें उन्हें स्पोर्ट्स ब्रा पहने देखकर अचरज भी होता है'. उन्होंने कहा कि मेरा मन होता है कि उन महिलाओं से कहूं कि, 'सुनो इसे मैंने बनाया है.'

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