रविवार, 11 जनवरी, 2009 को 11:04 GMT तक के समाचार
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाक़ात की.
करज़ई रविवार को भारत पहुँचे और मनमोहन सिंह से मुलाक़ात के बाद सोमवार की शाम अफ़ग़ानिस्तान के लिए रवाना हो गए. पिछले पाँच महीनों में ये उनकी दूसरी भारत यात्रा थी.
इस मुलाक़ात के दौरान करज़ई ने मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों पर अपनी संवेदना व्यक्त की और भारत सरकार के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि चरमपंथ पूरी मानवता के लिए ख़तरा है.
दोनों नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया के सभी देशों का यह दायित्व है कि वे अपने यहाँ किसी भी तरह की चरंमपंथी गतिविधियों को पनपने ना दें.
भारत और अफ़ग़ानिस्तान के आपसी संबंधों की समीक्षा करते हुए दोनों नेताओं ने अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की.
साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में बन रहे संसद भवन को लेकर मनमोहन सिंह ने खुशी ज़ाहिर की.
खाद्य सहायता
बातचीत के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में जारी खाद्य संकट से निपटने के लिए भारत सरकार अफ़ग़ानिस्तान को 250 हज़ार मिट्रिक टन गेहूँ देगी.
अपनी पिछली भारत यात्रा के दौरान करज़ई ने कहा था कि चरमपंथ को रोकने के लिए भारत और अफ़ग़ानिस्तान के साथ पूरे विश्व को एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए क्योंकि लोगों को सुरक्षा देना उनकी नैतिक ज़िम्मेदारी है.
पिछले साल जुलाई में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले के लिए करज़ई ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को ज़िम्मेदार ठहराया था.
इस हमले में भारतीय विदेश सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित चार भारतीय मारे गए थे जबकि 55 स्थानीय अफ़ग़ान नागरिकों की भी मौत हो गई थी.
क़रज़ई ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अफ़ग़ानिस्तान आने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वाकीर कर लिया है.