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नेतागिरी के लिए संजय दत्त का रोड शो
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फ़िल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' में अपनी गांधीगिरी दिखा चुके संजय दत्त ने शनिवार को लखनऊ में रोड शो के ज़रिये नेतागिरी की अपनी
पहली झलक पेश की है.
संजय दत्त लखनऊ से समाजवादी पार्टी यानी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.
संजय दत्त अपनी पत्नी मान्यता के साथ सुबह लखनऊ हवाई अड्डे पहुँचे और अपने समर्थकों और सपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ के साथ शहर की सड़कों से गुज़रे. रोड शो संजय दत्त का काफ़िला लखनऊ के पुराने और नए शहर से होकर गुज़रा. संजय दत्त के रोड शो का लोगों, ख़ासकर युवाओं के बीच, ख़ासा उत्साह देखा गया. सड़क के दोनों ओर सुरक्षाकर्मियों के कड़े पहरे के बावजूद लोगों में उनसे हाथ मिलाने की होड़ लगी रही.
संजय दत्त ने पत्रकारों से कहा, "मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा. मेरे कुछ दोस्त कानपुर में रहते हैं. मैं लखनऊ आता रहता हूँ. मैं हमेशा के लिए इनके साथ रहने आया हूँ." ये पूछे जाने पर कि वे लखनऊ के लोगों से क्या उम्मीदें रखतें हैं, संजय ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूँ कि लखनऊ के लोग मुझसे प्यार करें. मुझसे गांधीगिरी सीखें और बल्कि मुझे जादू की झप्पी दें." संजय दत्त के साथ रोड शो के दौरान सपा महासचिव अमर सिंह, राज्यसभा सदस्य जया बच्चन और मशहूर भोजपुरी गायक मनोज तिवारी भी मौजूद थे. सपा ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए मनोज तिवारी को गोरखपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. लखनऊ में संजय दत्त का विरोध भी हुआ है. शहर में सभी प्रमुख स्थानों पर एंटी टेरररिस्ट फोरम ऑफ़ लखनऊ (एटीएफएल) नाम के संगठन ने दर्जनों होर्डिंग्स लगाए हैं. होर्डिंग्स पर लिखा है, "लखनऊ हमारा स्वर्ग है, हमें एके-47 नहीं चाहिए." होर्डिंग पर एके-47 राइफ़ल की तस्वीर भी है. सपा से ही लडूँगा राजनीतिक और पारिवारिक बयानबाज़ी के बीच संजय दत्त ने शुक्रवार को घोषणा की थी वे लखनऊ से सपा की ही टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
उनका कहना था, "मेरे बड़े भाई अमर सिंह जी ने कहा कि मुझे लोगों की सेवा करनी चाहिए और मैंने पाया कि मैं ऐसा कर सकता हूँ." गत आठ जनवरी को जब सपा के महासचिव अमर सिंह ने यह घोषणा कर सभी को चौंका दिया था कि संजय दत्त लखनऊ से उनकी पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद से इस पर तरह-तरह के बयान आते रहे, जो राजनीतिक दलों से भी थे और संजय दत्त की सांसद बहन प्रिया दत्त की ओर से भी. संजय दत्त की चुनाव लड़ने की राह एकदम साफ़ नहीं है. मुंबई विस्फोटों के मामले में उनको हुई सज़ा का मामला अभी अटका हुआ है. वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में एक विशेष टाडा अदालत ने 'आर्म्स एक्ट' के तहत संजय दत्त को छह साल की सज़ा सुनाई थी. संजय दत्त इस समय सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद से जेल से बाहर हैं. हालांकि सुपरिचित वकील माजिद मेमन का कहना है - 'सुप्रीम कोर्ट से सज़ा स्थगित करने की अनुमति लेकर संजय दत्त चुनाव लड़ सकते हैं'. उनकी राय में यह कोई बड़ी अड़चन नहीं है. |
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