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मंगलवार, 30 दिसंबर, 2008 को 00:08 GMT तक के समाचार

रामदत्त त्रिपाठी
बीबीसी संवाददाता, लखनऊ

इंजीनियर हत्या में पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि पिछले सप्ताह एक इंजीनियर की हत्या के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को भी सोमवार को गिरफ़्तार कर लिया गया.

उन पर आरोप है कि वे उत्तर प्रदेश के औरेया में इंजीनियर की हत्या में कथित रूप से शामिल थे.

ये दोनों पुलिसकर्मी इस मामले में मुख्य अभियुक्त बहुजन समाज पार्टी के विधायक शेखर तिवारी के निजी सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात थे.

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ब्रज लाल का कहना था कि ये दोनों पुलिसकर्मी कथित रूप से इंजीनियर मनोज गुप्ता की हत्या में शामिल थे.

पूरा पुलिस महकमा इस हत्याकांड को लेकर काफ़ी दबाव में है क्योंकि इसमें इलाक़े के थानेदार होशियार सिंह और विधायक की सुरक्षा में तैनात पुलिस गार्ड की मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे.

दारोगा होशियार सिंह को निलंबित कर दिया गया है और ज़िले के पुलिस अधीक्षक अकरामुल हक़ का तबादला कर दिया गया है.

दूसरी ओर इंजीनियर हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति अचानक गरमा गई है.

मुख्यमंत्री मायावती ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए अपने जन्म दिन 15 जनवरी को विरोधी दल धिक्कार दिवस मनाने की घोषणा की है.

इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने थू थू दिवस का ऐलान किया है.

पुलिस का कहना है कि हत्याकांड के सिलसिले में बसपा के जिला अध्यक्ष योगेन्द्र दोहरे की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उनकी तलाश में छापे मारे जा रहे हैं.

मामले ने तूल पकड़ा

विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस मामले की सीबीआई जाँच की माँग की है.

आरोप हैं कि विधायक और उसके साथी मुख्यमंत्री के जन्म दिवस पर होने वाले सालाना आर्थिक सहयोग के लिए जबरन वसूली के चक्कर में इंजीनियर की पिटाई कर रहा था.

जबकि राज्य सरकार इस आरोप को सरासर ग़लत और राजनीति से प्रेरित बता रही है.

मुख्यमंत्री ने पहले इस मामले को विभागीय प्रतिद्वंदिता और कमीशन खोरी का मामला बताया था.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सीबीआई जाँच की माँग राजनीति प्रेरित है और उसने पहले भेजे गए कई मामलों की जांच नही ली इसलिए इस मामले को उस नहीं सौंपा जाएगा.

प्रेक्षकों का कहना है कि चूँकि इस मामले को सीधे तौर पर उनके जन्म दिन पर होने वाले धन संग्रह से जोड़ कर देखा जा रहा है, इसलिए मायावती इंजीनियर हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं करेंगी.

मगर विरोधी दल दबाव बढ़ा रहे हैं और वे इसके लिए हाईकोर्ट जाने तक का संकेत दे रहे हैं.