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दो 'चरमपंथी' और एक इंस्पेक्टर की मौत
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भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण में स्थित जामिया नगर इलाक़े में एक मुठभेड़ में पुलिस के मुताबिक दो संदिग्ध चरमपंथी और पुलिस
इंस्पेक्टर मारे गए हैं. घटनास्थल से कुछ हथियार बरामद हुए हैं.
एक घंटे से ज़्यादा समय चले इस ऑपरेशन में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. एक घायल चरमपंथी को पुलिस ने हिरासत में लिया है जबकि दो अन्य भागने में सफल रहे हैं. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर वाईएस ढडवाल ने बताया है कि मृतकों के नाम आतिफ़ उर्फ़ बशीर और साजिद है जबकि गिरफ़्तार किए गए संदिग्ध चरमपंथी का नाम सैफ़ है. पुलिस को एक एक-47 राइफ़ल, एक विदेशी पिस्तौल और कुछ गोला-बारूद घटनास्थल से मिला है.
उनका कहना था, "इस मुठभेड़ को दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने ख़ुफ़िया जानकारियों के आधार पर अंजाम दिया. संदिग्ध चरमपंथियों की ओर से आठ और पुलिस की ओर से 22 राउंड फ़ायरिंग हुई. इन संदिग्ध लोगों के तार दिल्ली धमाकों के मुख्य अभियुक्त तौक़ीर से जुड़े हुए थे और एक टीम बनाकर अहमदाबाद और दिल्ली में धमाके करने की योजनाएँ बना रहे थे." सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले मुस्लिम बहुल जामिया नगर इलाक़े में तनाव फैल गया है. पुलिस ने पूरे इलाक़े को घेर रखा है और उसके अनुसार जाँच और तलाशी अभियान जारी है.
पूरा ऑपरेशन रिहायशी इलाक़े की एक गली में ख़लीलुल्लाह मस्जिद के सामने स्थित एक चार मंज़िला इमारत की ऊपरी मंज़िल को निशाना बनाकर हुआ. अब भी भारी संख्या में पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल को घेर रखा है और वहाँ मुठभेड़ के समय अनेक लोग जमा हो गए थे. जामिया नगर में तनाव वहाँ मौजूद लोगों में काफ़ी रोष है और पुलिस लोगों को घटनास्थल से भगाने में भी जुटी हुई है. इलाक़े में ख़ासा तनाव है और प्रत्यक्षदर्शी पुलिस कार्रवाई के बारे में अटकलें लगाते देखे गए.
एक प्रत्यक्षदर्शी अफ़रोज़ आलम ने बताया, "जामिया नगर इलाक़े के लोग डरे हुए हैं और काफ़ी तनाव है. लोग अटकलें तो लगा रहे हैं लेकिन आम लोगों की तरफ़ से कोई विरोध या नारेबाज़ी नहीं की गई है." मुस्लिम बहुल जामिया नगर इलाक़ा दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय के साथ सटा हुआ है. पिछले साल जामिया नगर इलाक़े में पवित्र क़ुरान की कथित तौहीन के मुद्दे पर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं और लोगों ने एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. पुलिस इंस्पेक्टर की मृत्यु
दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त करनैल सिंह ने मीडिया को बताया, "ख़ुफ़िया एजेंसियों से ख़बर मिली थी कि कुछ संदिग्ध चरमपंथी एक घर में हैं. जब पुलिस दस्ता घर में पहुँचा तो उन पर गोलीबारी हुई जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा और जवान बलवान को गोली लगी." उनका कहना था, "जवाबी कार्रवाई में दो संदिग्ध चरमपंथी मारे गए जिनमें से एक का नाम अतीक़ बताया गया है. सैफ़ नाम के एक अन्य संदिग्ध चरमपंथी को हिरासत में लिया गया है जबकि दो अन्य भाग निकले हैं."
दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर एचजीएस धालीवाल ने बीबीसी को बताया, "इस पुलिस ऑपरेशन में जवाबी कार्रवाई हुई है. ये स्पष्ट करना होगा कि ये कार्रवाई किसी मस्जिद पर नहीं बल्कि रिहायशी इमारत पर हुई है. मुठभेड़ लगभग डेढ़ घंटा चली है." मुठभेड़ में घायल हुए पुलिस इस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की शुक्रवार शाम को होली फ़ैमिली अस्पताल में मृत्यु हो गई. उनके पेट में दो और पैर में एक गोली लगी थी और उनकी हालत मुठभेड़ के बाद से ही गंभीर बनी हुई थी. एक प्रत्यक्षदर्शी और इलाक़े के पूर्व काउंसिलर आसिफ़ ने बीबीसी को बताया,"पुलिस ने एक घर की चौथी मंज़िल को निशाना बनाया और गोलीबारी का आवाज़ सुनकर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर जमा हो गए. हमने गोलीबारी की आवाज़ सुनी है." उस इलाक़े के ओख़ला थाने के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया, "क़रीब सवा ग्यारह बजे थाने में 100 नंबर पर कुछ संदिग्ध लोगों के बारे में सूचना दी गई. इसके बाद थाने के सभी वरिष्ठ अधिकारी और कई पुलिसकर्मी जगह पर पहुँच गए और घेराबंदी कर कार्रवाई हुई." |
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