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'आतंकवाद से लड़ने में सरकार नरम नहीं'
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भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार आतंकवाद से लड़ने के मामले में नरम नहीं है.
बुधवार को राज्यपालों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, "आतंकवाद से लड़ने में सरकार के नरम रुख़ अपनाने का सवाल ही नहीं उठता." उन्होंने कहा, "हमारे पास ऐसी ख़बर है कि पाकिस्तान स्थित कुछ आंतकवादी संगठन लगातार भारत में नए तरीके से अपने पाँव पसारने की कोशिश में हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा कि जयपुर, बंगलौर, अहमदाबाद, सूरत और दिल्ली में हुए बम धमाकों को देखते हुए खुफ़िया तंत्रों की कमियों को दूर करने की ज़रुरत है. ग़ौरतलब है कि पिछले हफ़्ते दिल्ली में हुए चरमपंथी धमाकों और सुरक्षा के मसले पर आज रात दिल्ली में कैबिनेट की एक बैठक होने वाली है. मनमोहन सिंह ने कहा, "आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए हमारे पास जो व्यवस्था और तंत्र है उसकी समीक्षा करने की ज़रुरत है." उन्होंने ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर बहस राजनीति से प्रेरित हो रही है और यह इस बात पर केंद्रित है कि किसकी सरकार कौन सा क़ानून लाई, और किस सरकार ने किस क़ानून को हटाया. उन्होंने कहा, "आतंकवाद से लड़ने के मामले में हमारी सरकार की कोई विचारधारात्मक और न बदलने वाले विचार नहीं हैं." उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार आतंकवाद के मुद्दे पर नरम है. साथ ही, बीजेपी आतंकवाद निरोधक क़ानून 'पोटा' को वापस लाने की माँग भी दोहरा रही है. प्रधानमंत्री ने ज़ोर दिया कि आतंकवाद से निपटने के लिए किसी नई केंद्रीय एजेंसी की ज़रुरत नही है. |
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