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मंगलवार, 02 सितंबर, 2008 को 07:14 GMT तक के समाचार
 
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कश्मीर में स्कूल-कॉलेज, बाज़ार खुले
 

 
 
कर्फ़्यू के दौरान श्रीनगर
श्रीनगर में हिंसक आंदोलन के बाद कर्फ़्यू लागू किया गया था
भारत प्रशासित जम्मू कश्मीर में नौ दिनों के कर्फ़्यू के बाद बाज़ार और स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं.

लोग अपने वाहन लेकर बाहर निकलें हैं और जनजीवन सामान्य होता दिख रहा है.

अलगाववादी तत्वों के समन्वय समिति ने सोमवार को निर्णय लिया था कि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुबह से लेकर शाम चार बजे तक बाज़ार खुले रहेंगे. इसके बाद कर्फ़्यू का असर ख़त्म हुआ दिखता है.

इससे पहले प्रशासन ने सिर्फ़ सुबह तीन घंटे कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा की थी.

इससे पहले सोमवार को देर शाम प्रशासन ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गीलानी, मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और यासीन मलिक रिहा कर दिया था.

इन अलगाववादी नेताओं को आठ दिन पहले राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर रैली से पहले हिरासत में ले लिया गया था.

अमरनाथ मंदिर बोर्ड को ज़मीन देने के सरकार के फ़ैसले को लेकर घाटी में आंदोलन शुरु हुआ था जो बाद में हिंसक हो गया था.

ज़मीन वापस लेने के सरकार के फ़ैसले के बाद जम्मू क्षेत्र में आंदोलन शुरु हो गया था जिसके प्रतिक्रिया स्वरुप घाटी में आंदोलन तेज़ हो गया था.

रविवार को राज्य सरकार और अमरनाथ मंदिर बोर्ड के बीच समझौता हुआ था जिसके तहत बोर्ड को जंगल की 40 एकड़ ज़मीन इस्तेमाल करने की इजाज़त दे दी गई थी.

इसके बाद जम्मू शांत हो गया है.

छूट

अगलावादियों ने घाटी के इलाक़े में सुबह से चार बजे तक बाज़ार खोलने के आदेश दिए हैं और पाँच बजे तक सभी को घर लौट जाने की सलाह दी है.

उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था मंगलवार से तीन दिन तक लागू रहेगी.

बुधवार को समन्वय समिति की एक बैठक होने वाली है. जिसमें आगे का कार्यक्रम तय किया जाएगा.

सरकार ने हालांकि कर्फ़्यू में ढील देने की कोई घोषणा नहीं की थी लेकिन अलगाववादियों के फ़ैसले के बाद बाज़ार, स्कूल और कॉलेज अपने आप खुल गए.

सरकार ने सुबह और शाम को तीन-तीन घंटे की छूट देने का फ़ैसला किया था.

माना जा रहा है कि शाम पाँच बजे से सुबह तक का कर्फ़्यू अभी कुछ दिनों तक लागू रहेगा.

 
 
प्रदर्शनकारी विश्वास जीतना होगा
जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने हैं तो लोगों को विश्वास में लेना होगा.
 
 
राह नज़र नहीं आती
दोनों पक्षों की हठधर्मिता के कारण अमरनाथ मसले का हल नज़र नहीं आ रहा है.
 
 
जम्मू में प्रदर्शन (फ़ाइल फ़ोटो) जम्मू में सेना
जम्मू शहर में बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाया गया है.
 
 
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