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मंगलवार, 26 अगस्त, 2008 को 07:45 GMT तक के समाचार

संदीप साहू
भुवनेश्वर से

उड़ीसा में ईसाइयों के ख़िलाफ़ हमले

उड़ीसा में ईसाइयों के ख़िलाफ़ हमले की घटनाएँ मंगलवार को भी जारी रहीं.

अब तक हुई हिंसा में कुल पाँच लोगों की जान जा चुकी है.

स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के विरोध में सोमवार को आयोजित विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राज्यव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में ईसाइयों को निशाना बनाया गया था और कई चर्चों में आग लगा दी गई थी.

विहिप के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या शनिवार की रात को अज्ञात बंदूकधारियों ने कर दी थी जिसके बाद परिषद ने सोमवार को उड़ीसा बंद का आह्वान किया था.

शनिवार से ही कंधमाल ज़िले में हिंसक गतिविधियाँ और तोड़फोड़ जारी है.

उड़ीसा के कंधमाल ज़िला इससे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है और ज़िले के कई स्थानों पर कर्फ़्यू लगा दिया गया है.

कंधमाल के ज़िला मजिस्ट्रेट डॉक्टर कृष्ण कुमार ने बताया,'' कंधमाल ज़िले में सोमवार रात उपद्रवियों के कुछ घरों में आग लगा दी थी जिससे तीन लोगों की जलने के कारण मौत होने की सूचना है.''

उनका कहना था कि ये दूरदराज का इलाक़ा है और पुलिस को वहाँ पहुँचने में दिक्कतें पेश आ रही हैं क्योंकि उपद्रवियों ने रास्ते में पेड़ डालकर बाधाएँ खड़ी कर दी हैं.

उन्होंने बताया कि ज़िले में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है.

हत्या से तनाव

उड़ीसा के बरगढ़ ज़िले में ईसाइयों के एक अनाथाश्रम में सोमवार को दंगाइयों ने आग लगा दी थी. इस घटना में वहाँ कार्यरत एक महिला रजनी मांझी की आग में फेंक देने के कारण मौत हो गई थी.

बरगढ़ के पुलिस अधीक्षक अजय बिस्वाल ने बताया कि ज़िले के खूँटापाली गाँव में लगभग 700 से 800 लोगों की भीड़ ने अनाथाश्रम पर हमला कर दिया था.

दंगाइयों ने पहले वहाँ तैनात सुरक्षाकर्मियों की पिटाई की और फिर आश्रम में आग लगा दी. दंगाइयों ने जब बच्चों को आग में फेंकने की कोशिश की, तो रजनी ने इसका विरोध किया.

इससे नाराज़ होकर आक्रमणकारियों ने रजनी को ही आग में फेंक दिया.

लेकिन संभलपुर के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया का कहना है कि जाँच से पता चला है कि रजनी मांझी हिंदू थीं.

इस हमले में अनाथाश्रम के संस्थापक भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. उन्हें पदमपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.