बुधवार, 06 अगस्त, 2008 को 09:24 GMT तक के समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक ट्राइब्यूनल के स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) पर से प्रतिबंध हटाने के फ़ैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर रोक लगाते हुए कहा कि इस मामले में तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
अतिरिक्त महाधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने ट्राइब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ केंद्र की याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष किया.
उनका कहना था कि ट्राइब्यूनल के सामने सभी तथ्य रखे गए थे और बताया गया था कि ये संगठन अब भी विघटनकारी कार्यों में लिप्त है.
सुनवाई के बाद अदालत ने इस पर स्टे दे दिया और सिमी को नोटिस जारी कर कहा है कि मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट के एक ट्राइब्यूनल ने सिमी पर से प्रतिबंध हटा लिया था. यह प्रतिबंध केंद्र सरकार ने लगाया था.
हाईकोर्ट के एक जज वाले इस ट्राइब्यूनल ने प्रतिबंध हटाने का फ़ैसला करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार के पास प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
हाईकोर्ट का फ़ैसला
केंद्र सरकार ने गत सात फ़रवरी को सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया था.
सरकार का कहना था कि सिमी 'देश की सुरक्षा को ख़तरे में डालने वाली ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में संलग्न है और वह 'देश की शांति, सांप्रदायिक सौहार्द्र और धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुक़सान पहुँचा सकता है.'
दिल्ली हाईकोर्ट में ट्राइब्यूनल की प्रमुख न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने कहा था कि सरकार की ओर से ऐसे कोई नए सुबूत पेश नहीं किए गए हैं जिसके आधार पर सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखा जा सके.
बीबीसी से बातचीत में गृह राज्यमंत्री शकील अहमद ने कहा कि कई राज्यों में हुई घटनाओं के बाद राज्य सरकारों ने कहा था कि उनकी जाँच सिमी की ओर इशारा करती है इसलिए उस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए और इसी के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था.
उनका कहना था, "अब यह राज्य सरकारों की भी ज़िम्मेदारी है कि वह भारत सरकार को सुबूत उपलब्ध करवाए जिससे कि सिमी पर प्रतिबंध को जारी रखा जा सके."
सिमी पर पहली बार प्रतिबंध 2001 में लगाया गया था.