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'आतंकवाद का मिलकर करेंगे सामना'
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भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले जैसी घटनाएँ भारत को अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्निर्माण
में मदद करने से नहीं रोक सकतीं.
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई भारत के दौरे पर हैं और उन्होंने सोमवार को मनमोहन सिंह से दिल्ली में मुलाक़ात की. काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले को मनमोहन सिंह ने भारत-अफ़ग़ानिस्तान दोस्ती पर हमला बताया. हामिद करज़ई ने काबुल, अहमदाबाद और बंगलौर में हुए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और भारत दोनों ही आतंकवाद का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “दोनों देशों समेत पूरे विश्व के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि वो आतंकवाद के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ें. ये हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि आम लोगों की रक्षा करें.” 'आतंकवाद से मिलकर निपटें' भारत ने अफ़गानिस्तान को 45 करोड़ अमरीकी डॉलर की मदद देने की घोषणा की है. हामिद करज़ई से बातचीत के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि आतंकवाद से मिलकर और दृढ़ इच्छा शक्ति से निपटा जाएगा. अफ़ग़ान राष्ट्रपति के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि दोनों ने ये फ़ैसला किया है कि भारत-अफ़ग़ानिस्तान संबंधों को और मज़बूत करने के रास्ते में आतंकवाद को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा. मनमोहन सिंह ने कहा कि हामिद करज़ई ऐसे समय भारत दौरे पर आए हैं जब भारत, अफ़ग़ानिस्तान और पूरा क्षेत्र नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है. भारतीय दूतावास पर हमले का ज़िक्र करते हुए उनका कहना था, “सात जुलाई को हमारे दूतावास पर हमले से ये साबित होता है कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती. ये भारत-अफ़ग़ानिस्तान दोस्ती पर हमला था.” |
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