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राष्ट्रपति करज़ई भारत के दौरे पर
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अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई दो दिन की अपनी भारत यात्रा पर रविवार की रात दिल्ली पहुँच गए हैं.
सोमवार को उनका राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक रूप से स्वागत किया जाएगा. अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति दक्षिण एशियाई देशों के संगठन (सार्क) सम्मेलन में भाग लेने के बाद कोलंबो से सीधे दिल्ली आए हैं.
अपनी भारत यात्रा के दौरान वो भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाक़ात करेंगे. माना जा रहा है कि वो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाक़ात के दौरान काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले सहित अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्निर्माण शामिल है. अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार एसडी मुनि का कहना है कि हाल में भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच नजदीकियाँ बढ़ी हैं क्योंकि दोनों को पाकिस्तान से ख़तरा है. करज़ई का कड़ा रुख़ इसके पहले सार्क सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने पाकिस्तान पर तीखे प्रहार किए थे.
उन्होंने आरोप लगाया था, "पकिस्तान में आतंकवादी और उनके शरण स्थल मज़बूत होते जा रहे हैं. इसे बेनजीर भुट्टो की हत्या में देखा जा सकता है.'' राष्ट्रपति करज़ई का कहना था, " इस साल कोलंबो में आम नागरिकों पर हमले और हाल के दिनों में भारतीय शहरों अहमदाबाद-बंगलौर और साथ ही काबुल पर हमले हमें आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों की याद दिलाते हैं." उनका कहना था कि इससे निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई ज़रूरी है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी से काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले का मुद्दा उठाया था. भारत के विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने इस बातचीत के बाद पत्रकारों को बताया था,"पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने कहा है कि काबुल के धमाके की स्वतंत्र जाँच कराएँगे. वे इस बारे में अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति करज़ई से भी बात करेंगे." उल्लेखनीय है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन इस हमले के बाद सीधे-सीधे आरोप लगा चुके हैं कि इसमें पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का हाथ था. |
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