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मंगलवार, 06 मई, 2008 को 17:07 GMT तक के समाचार

रेणु अगाल
बीबीसी संवाददाता, नई दिल्ली

'परमाणु समझौता जल्दी हो तो अच्छा'

भारत-अमरीकी परमाणु समझौते के लिए प्रधानमंत्री के विशेष दूत श्याम शरण ने कहा है कि यदि यह समझौता मौजूदा अमरीकी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ तो इस पर राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ जाएगी.

दिल्ली में मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "जितनी जल्दी ये समझौता होगा वह उतना ही अच्छा होगा. दुनिया तेज़ी से बदल रही है और हम जितना ज़्यादा समय इस पर लगाएँगे उतनी ही राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ेगी. इसलिए हमारे हित में है कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए."

श्याम शरण ने कहना है कि भारत और अमरीका दोनों को अपनी आंतरिक राजनीति का भी ध्यान रखना होगा.

उन्होंने कहा कि अमरीकी कांग्रेस में जब भारत-अमरीकी परमाणु समझौते का मामला लाया गया तो इसे व्यापक समर्थन मिला था, इस बात से काफ़ी आशा बँधी थी.

श्याम शरण ने कहा कि इस संधि पर वाम दलों ने जो सवाल उठाए हैं वह जायज़ हैं और सरकार उन सवालों का जवाब दे रही है.

उम्मीद बाकी

श्याम शरण ने ज़ोर देकर कहा कि अभी उम्मीद बाक़ी है.

गुट निरपेक्ष देशों के कई सदस्यों ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर कर चुके देशों के किसी भी ग़ैर एनपीटी हस्ताक्षर करने वाले देश को अपवाद बना उससे संधि करने पर आपत्ति की है.

इस आपत्ति से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जहाँ तक एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के विशेष अधिकार की बात है भारत ऐसी कुछ मांग नहीं कर रहा. भारत ने बार बार कहा है कि यदि कोई देश है जिसका परमाणु अप्रसार रिकॉर्ड अच्छा है, तो वह भारत है."

श्याम शरण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ भारत संबंधी विशेष सुरक्षा मानकों पर बातचीत पूरी हो गई है और अब लिखित में दस्तावेज़ तैयार होने की देरी है.

अब देखना ये है कि देश में वाम दलों और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विरोध को सरकार कैसे दूर करती है.