बुधवार, 30 जनवरी, 2008 को 12:27 GMT तक के समाचार
अविनाश दत्त
बीबीसी संवाददाता, दिल्ली
कई राज्यों के अहम विधानसभा चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर चुनाव आयुक्त नवीन चावला पर हमला बोला दिया है.
पार्टी महासचिव अरुण जेटली के नेतृत्व में पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी को बुधवार की सुबह सौंपे एक ज्ञापन में पार्टी ने उनके मातहत चुनाव आयुक्त नवीन चावला को हटाने की मांग की है.
पार्टी महासचिव के अनुसार इस ज्ञापन पर १८० संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किया है.
जेटली ने कहा "नवीन चावला का आचरण, चुनाव आयुक्त बनने के पहले और बनने के बाद राजनीतिक रूप से निष्पक्ष नहीं है."
अरुण जेटली ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, " नवीन चावला एक विशेष राजनीतिक दल और उसके प्रमुख लोगों के पक्ष में पक्षपात करते हैं."
भाजपा नेता ने यह भी कहा की चावला से निष्पक्षता की भी उम्मीद नहीं की जा सकती.
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयुक्त नवीन चावला पर भाजपा का आरोप है कि वे अपने परिवार के नाम से स्वयंसेवी संगठन चलाते हैं और इस संगठन के लिए कई कांग्रेस सांसदों ने सांसद निधि से पैसे दिए हैं.
भाजपा का आरोप रहा है कि कांग्रेस सांसदों की निधि से पैसा लेने के बाद नवीन चावला निष्पक्ष नहीं हो सकते, इसलिए उन्हें चुनाव आयुक्त के पद से हटाया जाना चाहिए.
संसद में विपक्ष के लगभग दो सौ सांसदों की लिखित शिकायत के बाद राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने इस मामले में सरकार की राय माँगी थी जिसके बाद एटॉर्नी जनरल ने ये जाँच की.
इस मामले की जाँच के बाद एटॉर्नी जनरल मिलन बैनर्जी ने नवीन चावला को क्लीन चिट दे दी थी.
भाजपा ने क्लीन चिट देने के फ़ैसले को असंवैधानिक बताया था.
उसके बाद भाजपा की तरफ़ से राज्यसभा में पार्टी के नेता जसवंत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. अदालत ने सिंह को सलाह दी थी की वह सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपे.
याद रहे कि नवीन चावला ने ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के विवादास्पद सीडी की जाँच की थी और तब भी भाजपा ने इस पर आपत्ति की थी और कहा था कि नवीन चावला को इस जाँच से अलग रखना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठता के आधार पर एन गोपालस्वामी के बाद नवीन चावला के ही मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की संभावना है.