गुरुवार, 06 दिसंबर, 2007 को 15:38 GMT तक के समाचार
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान पर भारतीय चुनाव आयोग ने स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट माँगी है.
प्रशासन से पूछा गया है कि असल में नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था ताकि चुनाव आयोग ये पता कर सके कि क्या मोदी ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
वहीं मोदी ने कथित बयान पर राजनीतिक पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की है.
पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "मुख्यमंत्री ने एक तरह से क़त्ल की बात कबूल कर ली है और घोषणा कर दी है कि उनके पास हत्या करने का लाइसेंस है."
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएस) के नेता सीताराम येचुरी ने भी नरेंद्र मोदी के बयान को 'शर्मनाक' बताया है.
गुजरात सरकार के वकील केटीएस तुलसी भी कह चुके हैं कि नरेंद्र मोदी को अपने बयान के लिए माफ़ी माँगनी पड़ेगी.
सरकारी वकील ने तत्काल ख़ुद को इस मुक़दमे की सुनवाई से अलग कर लिया है.
बयान
गुजरात में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मसले पर गुरूवार को की गई टिप्पणी के बाद ये नया विवाद खड़ा हुआ है.
उन्होंने गुजरात और राजस्थान पुलिस की एक फ़र्ज़ी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख़ की मौत को कथित तौर पर जायज़ ठहराया था.
रिपोर्टों के अनुसार 26 नवंबर 2005 को गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और राजस्थान पुलिस की एक मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख़ मारे गए थे.
इस मामले में तीन आईपीएस अधिकारियों - डीजी वंज़ारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश कुमार एमएन को गिरफ़्तार किया गया था जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
बाद में गुजरात पुलिस ने अदालत में स्वीकार किया कि कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए सोहराबुद्दीन शेख़ की पत्नी क़ौसर बी की हत्या हो चुकी है और उसके शव को जला दिया गया था.
मामले की जाँच फिलहाल गुजरात की अपराध जाँच शाखा यानी सीआईडी कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता वीके मल्होत्रा ने मोदी पर लगाए आरोपों से इनकार किया है. एक अख़बार बातचीत में उन्होंने कहा, "मोदी ने सिर्फ़ ये कहा था कि अगर पुलिस के साथ मुठभेड़ में कोई 'आतंकवादी' मारा जाए तो इसमें कुछ ग़लत नहीं है."
गुजरात में अगले हफ़्ते चुनाव होने जा रहा है.