बुधवार, 05 दिसंबर, 2007 को 09:16 GMT तक के समाचार
गुजरात में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मसले पर एक टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है.
अहमदाबाद से स्थानीय पत्रकार महेश लांगा ने बीबीसी को बताया कि मंगलवार को एक चुनाव सभा में नरेंद्र मोदी ने सोहराबुद्दीन के गुजरात पुलिस के हाथों मारे जाने को सही ठहराया है.
रिपोर्टों के अनुसार 26 नवंबर 2005 को गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और राजस्थान पुलिस की एक मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख़ मारे गए थे.
इस मामले में तीन आईपीएस अधिकारियों - डीजी वंज़ारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश कुमार एमएन को गिरफ़्तार किया गया था जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
बाद में गुजरात पुलिस ने अदालत में स्वीकार किया कि कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए सोहराबुद्दीन शेख़ की पत्नी क़ौसर बी की हत्या हो चुकी है और उसके शव को जला दिया गया था.
मामले की जाँच फिलहाल गुजरात की अपराध जाँच शाखा यानी सीआईडी कर रही है.
कांग्रेस ने सोहराबुद्दीन शेख़ मामले पर नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को 'तानाशाह रवैया' क़रार दिया है और समाजवादी पार्टी ने कहा है कि ऐसे व्यक्ति को क़ानून और संविधान में कोई विश्वास नहीं है और उसे किसी ज़िम्मेदारी के पद पर नहीं होना चाहिए.
पर्यवेक्षकों के अनुसार भाजपा ने जब चुनाव अभियान शुरू किया था तब वो विकास की बात कर रही थी लेकिन पार्टी असंतुष्टों और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रैलियों के बाद भाजपा ने आतंकवाद और हिंदुत्व का राग अलापना शुरू कर दिया है.
'आतंकवाद' का राग
टीवी चैनलों ने एक रैली के दौरान मोदी को सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मसले पर यह कहते हुए दिखाया, "जिस सोहराबुद्दीन पर आतंकवादी वारदातों में शामिल होने का आरोप हो, जिस सोहराबुद्दीन को चार-चार राज्यों की पुलिस खोज रही हो, उसके साथ कैसा सलूक होना चाहिए?"
मोदी ने सोहराबुद्दीन की पत्नी की पुलिसवालों के हाथों कथित हत्या के बारे में कुछ नहीं कहा.
मोदी ने चुनावी सभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को चुनौती दी कि 'अगर वह उन्हें दोषी मानती है और अगर उसमें दम है तो वह उन्हें फाँसी दे दे.'
आरोप-प्रत्यारोप
इस बीच, कांग्रेस ने मोदी की सोहराबुद्दीन मुठभेड़ पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि क्या वह मोदी की टिप्पणी से सहमत है.
उन्होंने कहा, "जो मुख्यमंत्री लोगों से सवाल पूछते हैं कि क्या पुलिस को सोहराबुद्दीन को नहीं मारना चाहिए था... लोगों को ही तय करना है कि ऐसे मुख्यमंत्री का क्या करना है जो तानाशाह है और जिसे मानवाधिकारों के हनन पर किसी तरह का अफ़सोस नहीं है."
दूसरी ओर, भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस का हाल अजीब है - 'जब मोदी आतंकवाद की बात करते हैं तो वे कहने लगते हैं कि मोदी विकास की बात नहीं कर रहे और विकास की बात करने पर कहते हैं कि वे अन्य मुद्दों से बच रहे हैं.'
उन्होंने कहा, "भाजपा गुजरात में विचारधारा, नेतृत्व और विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन आतंकवाद भी देश के सामने बड़ा मुद्दा है और अगर मोदी इसे उठा रहे हैं तो इसमें ग़लत क्या है."