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पिता के पास ही दफ़न हुईं बेनज़ीर
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रोते-बिलखते समर्थकों और परिवारजनों की मौजूदगी में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो को उनके पैतृक गाँव लरकाना
में दफ़ना दिया गया है.
गुरुवार को रावलपिंडी में 54 वर्षीय बेनज़ीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी. लरकाना में हज़ारों की संख्या में बेनज़ीर समर्थक मौजूद थे, जो अपनी नेता के आख़िरी दर्शन के लिए आए थे. बेनज़ीर भुट्टो को उनके पिता जुल्फ़िकार अली भुट्टो की क़ब्र के बगल में ही दफ़नाया गया. गुरुवार रात को ही बेनज़ीर भुट्टो का शव रावलपिंडी से लरकाना रवाना कर दिया गया था. बेनज़ीर भुट्टो के पति आसिफ़ अली ज़रदारी और उनके बच्चे भी गुरुवार रात को ही पाकिस्तान पहुँच गए थे. पार्टी के झंडे में लिपटा बेनज़ीर का ताबूत जब लरकाना पहुँचा तो भारी संख्या में मौजूद लोग फूट-फूट कर रोने लगे.
रोते-बिलखते लोगों में बेनज़ीर भुट्टो के ताबूत को छूने की होड़ सी लगी थी. इन सबके बीच बेनज़ीर भुट्टो के पति आसिफ़ अली ज़रदारी और उनके बच्चे काफ़ी शांत नज़र आ रहे थे. बाद में बेनज़ीर का शव लरकाना से सात किलोमीटर दूर गढ़ी ख़ुदा बख़्श ले जाया गया, जहाँ उन्हें उनके पिता जुल्फ़िकार अली भुट्टो की क़ब्र के बगल में दफ़ना दिया गया. बेनज़ीर समर्थकों ने अल्लाहु अकबर के नारे लगाए.
बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. देश में हाई अलर्ट लागू है. हिंसा की विभिन्न घटनाओं में कम से कम 17 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. सिंध प्रांत में हिंसा फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं. पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि देश में आठ जनवरी को होने वाले चुनाव में फ़िलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालाँकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा है कि उनकी पार्टी चुनाव का बहिष्कार करेगी. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मदमियाँ सूमरो ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करेगी. बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि प्रमुख राजनीतिक दल की नेता बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद चुनावों पर सवाल खड़े हो गए हैं. हत्या गुरुवार शाम रावलपिंडी में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद एक बंदूकधारी ने बेनज़ीर भुट्टो पर पहले गोली चलाई गई और फिर आत्मघाती धमाका कर दिया जिसमें उनकी मौत हो गई.
इस हमले में 20 और लोग मारे गए हैं. राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. राष्ट्रीय शोक के कारण शिक्षण संस्थान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और सड़कों पर सार्वजनिक वाहन नहीं चल रहे हैं.
बेनज़ीर की हत्या के बाद पाकिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा हुई जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई. सिंध प्रांत में हालात सबसे ज़्यादा तनावपूर्ण है. हत्याकांड के विरोध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) और जमाते इस्लामी ने शुक्रवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है. |
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