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प्रधानमंत्री ने मोदी को आड़े हाथों लिया
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि गुजरात को 'सांप्रदायिक आधार पर बाँटने' और वहाँ 'भय का माहौल' कायम करने की कोशिश हो रही
है जो राज्य के हित में नहीं है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनावी जंग परवान चढ़ रही है. कांग्रेस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनावी सभा में जब 'मौत के सौदागर' का ज़िक्र किया था तो यह वहाँ के वर्तमान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नहीं था. उधर अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर सोनिया गांधी अपने बयानों से बाज नहीं आईं तो वह भी चुप नहीं बैठेंगे. चुनावी समर में प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात में अपने चुनावी दौरे के पहले दिन शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले पर टिप्पणी कर रहे हैं जो 'दुर्भाग्यपूर्ण' है. उनका कहना था, "गुजरात में कोई भी नहीं कह सकता कि राज्य का क़ानून सभी के लिए एक है. आतंकवाद से संबंधित मामलों में लोगों को बरगलाया जा रहा है और बिना किसी कारण लोगों की हत्याएँ की जा रही हैं."
उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक मतभेद पैदा करना किसी राजनीतिक पार्टी के लिए अच्छी बात नहीं है. राजकोट और सूरत में सभाएं संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भी महात्मा गांधी और सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे नेताओं ने बनाया, इसलिए मोदी यह कैसे कह सकते हैं कि कांग्रेस हिंदू विरोधी है. मोदी सरकार की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है और गुजरात में ध्रुवीकरण हो रहा है जो राज्य के लिए बुरा है. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बांटना ताकत नहीं, कमजोरी का सबूत है. कांग्रेस की सफ़ाई इस बीच कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी ने मौत के सौदागर की उपमा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नहीं की थी. ग़ौरतलब है कि सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में मोदी के बयान के लिए चुनाव आयोग ने उनके ख़िलाफ़ नोटिस जारी किया है जिसका भाजपा विरोध कर रही है. भाजपा का कहना है कि मोदी ने जो कुछ भी कहा वो सोनिया गांधी के आरोपों का जवाब था. आडवाणी ने कहा है कि जनता से चुने हुए मुख्यमंत्री को मौत का सौदागर कहने पर सोनिया को भी नोटिस देना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने नरेंद्र मोदी के इस बचाव को लचर बताया कि सोनिया ने उन्हें विकास के एजेंडे से हटने पर मज़बूर किया. |
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