गुरुवार, 08 नवंबर, 2007 को 00:28 GMT तक के समाचार
अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की है और कहा है कि देश में लोकतंत्र बहाल किया जाए.
अमरीकी राष्ट्रपति ने जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ से कहा कि उन्हें अपनी वर्दी उतारनी होगी क्योंकि वो एक ही समय में देश के राष्ट्रपति और सेना के प्रमुख, दोनों पदों पर नहीं रह सकते.
उन्होंने परवेज़ मुशर्रफ़ से यह भी कहा कि वो चुनाव जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं और पाकिस्तान में भी जल्द से जल्द चुनाव करवाए जाने चाहिए.
वहीं दूसरी ओर अमरीका के विदेश उपमंत्री जॉन नेग्रोपॉंटे ने अमरीकी नेताओं को चेताया है कि वे पाकिस्तान को आतंकवाद के ख़िलाफ़ अभियान के लिए जो आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है उसे न रोकें.
हालांकि इस बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी और इस बातचीत की जानकारी अमरीकी राष्ट्रपति ने ही एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी.
आपातकाल का सवाल
एक सवाल के जवाब में अमरीकी राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की है और अपनी राय उनके सामने रखी है.
राष्ट्रपति बुश ने ज़ोर देकर कहा, "मैं राष्ट्रपति मुशर्रफ़ से बातचीत की है और उनसे कह दिया है कि हम चुनावों में विश्वास रखते हैं, देश में जल्द ही चुनाव करवाए जाने चाहिए. मैंने उनसे यह भी कहा कि उन्हें अपनी वर्दी उतारने की ज़रूरत है."
उधर अमरीका में कुछ विपक्षी नेताओं ने पाकिस्तान में आपातकाल पर बुश प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
कुछ नेताओं और प्रतिनिधियों का मानना है कि अमरीका को पाकिस्तान और बर्मा के बीच लोकतंत्र के सवाल पर भेदभाव नहीं करना चाहिए.
अमरीका बर्मा सरकार पर लगातार दबाव डालता रहा है कि वहाँ सैनिक शासन खत्म हो और लोकतंत्र की स्थापना की जाए.
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में आपातकाल लागू हुए पाँच दिन बीत चुके हैं. पिछले सप्ताह शनिवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने देशभर में आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी थी.
आपातकाल लगाने की कार्रवाई की दुनिया के कई देशों ने निंदा की थी और कहा था कि पाकिस्तान में लोकतंत्र की तत्काल बहाली की कोशिश की जानी चाहिए.
यहाँ तक कि अमरीका ने भी यह कह दिया था कि पाकिस्तान में आपातकाल लागू किए जाने के बाद अब इस मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाएगा कि पाकिस्तान को आर्थिक मदद जारी रखी जाए अथवा नहीं.
पर अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आपातकाल का विरोध करने के बावजूद अमरीका पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोकने के पक्ष में नहीं है.