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नंदीग्राम में मेधा पाटकर पर 'हमला' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर कथित हमले की सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने निंदा की है लेकिन उनके रवैए को 'पक्षपातपूर्ण' बताया है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें मेधा पाटकर पर किसी हमले की कोई जानकारी नहीं है लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने इस घटना की निंदा की है. भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रही 'भूमि उच्छेद प्रतिरोध समिति' के समर्थकों और सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों के बाद वहाँ गहरा तनाव है. पिछले तीन दिनों में दोनों गुटों के बीच हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है.
सीपीएम के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है लेकिन नंदीग्राम के मामले में वे पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही हैं." मेधा पाटकर किसानों की ज़मीन के अधिग्रहण का विरोध करने वालों की हिमायत कर रही हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने नंदीग्राम में आठ महीने पहले पुलिस की फायरिंग में मारे गए चौदह लोगों के परिवारजनों को दो-दो लाख रूपए का मुआवज़ा देने की घोषणा की है. पुलिस ख़ामोश नंदीग्राम में जारी तनाव के बीच बड़ी संख्या में गाँव के लोगों ने थाने और स्कूलों में शरण ली है लेकिन पुलिस स्थिति से निबटने के लिए कुछ ख़ास नहीं कर रही.
पुलिस का तर्क है कि जब मार्च में पुलिस ने फायरिंग की थी तो उस पर ख़ासी प्रतिक्रिया हुई थी और शोर हुआ था, इसलिए वो इस बार कार्रवाई नहीं कर रही है. प्रधामंत्री मनमोहन सिंह ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में पैदा हुई स्थिति पर चिंता जताई है. जिन इलाक़ों से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थकों को खदेड़ दिया गया था, उन अधिकतर इलाक़ों पर उन्होंने दोबारा कब्ज़ा जमा लिया है. पश्चिम बंगाल की सरकार ने केंद्र सरकार से केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) लगाए जाने की माँग की है और केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल कह चुके हैं कि केंद्र ऐसा करने को तैयार है. राज्य के मुख्य सचिव एके देब ने कहा है कि दो-तीन दिन में केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती हो सकती है. इस पर एक विवाद भी छिड़ गया है और विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने माँग की है कि यदि सीआरपीएफ़ को तैनात किया जाता है तो उसे आज़ादी से काम करने देना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस का ये भी कहना है कि सीआरपीएफ़ को स्थानीय पुलिस के अधीन काम करने के लिए बाध्य न किया जाए. उधर वाम मोर्चे के कुछ घटक दलों का मानना है कि पुलिस तैनात करने का कोई फ़ायदा नहीं है और विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर इस पूरे मसले का राजनीतिक हल निकाला जाना चाहिए. | इससे जुड़ी ख़बरें नंदीग्राम पर बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब02 मई, 2007 | भारत और पड़ोस नंदीग्राम में हिंसा, दो लोग मारे गए29 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस बुद्धदेब पर भारी पड़े बुद्धिजीवी01 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस नंदीग्राम मामले में दस गिरफ्तारियां17 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस नंदीग्राम में चल रही है वर्चस्व की लड़ाई16 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस नंदीग्राम में गोलीबारी पर संसद में हंगामा15 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस पुलिस की गोली से 10 से अधिक मरे14 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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