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बेनज़ीर ने मुशर्रफ़ को दिया 'अल्टीमेटम' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और पीपुल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो ने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ को आपातकाल उठा लेने का अल्टीमेटम दिया है. आपातकाल के दौरान रैलियाँ निकालने पर पाबंदी लगी हुई है लेकिन बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि पाबंदी के बावजूद शुक्रवार को वह अपनी रैली ज़रूर निकालेंगी. उन्होंने कहा है कि अगर राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ आपातकाल नहीं हटाते हैं तो वह "एक लंबा मार्च" निकालेंगी और रावलपिंडी में शुक्रवार को रैली करेंगी. बेनज़ीर भुट्टो ने बुधवार को पत्रकार सम्मेलन में कहा, "मैं पाकिस्तान के लोगों से अपील करती हूँ कि वे आगे आएँ. हम एक बड़े ख़तरे का सामना कर रहे हैं." परवेज़ मुशर्रफ़ ने कई महीनों की राजनीतिक उथल-पुथल के बाद गत शनिवार, तीन नवंबर को देश में इमरजेंसी लगा दी थी. बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि अगर रावलपिंडी में रैली करना संभव नहीं होगा तो वह लाहौर में की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनकी प्रमुख माँगें नहीं मानी गईं तो वह मंगलवार, 13 नवंबर को लाहौर से इस्लामाबाद के लिए एक लंबा मार्च निकालेंगी. माँगें बेनज़ीर भुट्टो ने अपनी माँगें गिनाते हुए कहा कि आपातकाल हटाया जाए, परवेज़ मुशर्रफ़ सेनाध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दें और जनवरी में चुनाव कराए जाएँ.
बेनज़ीर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "वो कितने लोगों को सलाख़ों के पीछे भेज सकते हैं. हम इतने आदमी आगे कर देंगे कि उनकी जेलों में भी नहीं भरे जा सकेंगे." अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पुलिस शुक्रवार को रावलपिंडी में प्रस्तावित प्रदर्शनों की इजाज़त नहीं देगी. ग़ौरतलब है कि रावलपिंडी में सेना मुख्यालय है. रावलपिंडी के मेयर जावेद अख़लास ने कहा है, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि रैलियों पर लगी पाबंदी का उल्लंघन नहीं किया जाए और अगर ऐसा होता है तो सरकार क़ानून के अनुसार कार्रवाई करेगी." मेयर जावेद अख़लास ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि बेनज़ीर भुट्टो के ख़िलाफ़ एक और आत्मघाती हमले का "बहुत बड़ा ख़तरा" है. ग़ौरतलब है कि बेनज़ीर भुट्टो जब 18 अक्तूबर को स्वदेश वापस लौटी थीं तो कराची में उनके जलसे में भीषण बम विस्फोट हुए थे जिसमें वह तो बाल-बाल बच गईं लेकिन 140 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे. |
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