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वसुंधरा को 'देवी' दिखाने पर मुक़दमा दर्ज | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को देवी अन्नपूर्णा और उनके मंत्रियों को विभिन्न देवताओं के रूप में एक कैलेंडर में दिखाने पर जोधपुर पुलिस ने एक भाजपा विधयाक और पुजारी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है. ग़ौरतलब है कि इस मामले मे पूर्व विदेश मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह की पत्नी शीतल कंवर ने अदालत में अभियोग दर्ज कराया था लेकिन पुलिस को इसे दर्ज करने मे तीन महीने लग गए. पुलिस ने यह मुक़दमा जोधपुर की एक अदालत की ओर से इसमें हो रही देरी पर जवाब तलब करने और अवमानना का नोटिस भेजने के बाद दर्ज किया है. जोधपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने कहा, ''हमें अदालत का निर्देश मिला था, इसलिए हमने मुक़दमा दर्ज कर लिया है और मामले को जाँच के लिए पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया.'' राजे को कैलेंडर मे हिंदू देवी अन्नपूर्णा के रूप में दिखाने पर शीतल कंवर इतनी आहत हुईं कि उन्हें लगा की यह हिंदू भावनाओं का अपमान है. अदालत का दखल उन्होंने पहले पुलिस से मुक़दमा दर्ज करने की प्रार्थना की और पुलिस के इंकार करने पर अदालत की शरण ली. जोधपुर की एक अदालत ने गत 20 जून को निर्देश दिया था कि वो तुरंत मुक़दमा दर्ज करे पर मामला सत्तादल से जुड़े होने की वजह से पुलिस टालती रही. पुलिस ने गत 25 जून को अदालत में एक रिपोर्ट पेश कर कहा कि इस मामले में कोई धार्मिक भावना आहत नहीं हुई है, लिहाज़ा मुक़दमा दर्ज करने का कोई औचित्य नही है. पुलिस का यह पक्ष शीतल कंवर को नागवार लगा और उन्होंने फिर अदालत में गुहार लगाई. इस बार अदालत ने पुलिस को साफ़-साफ़ कहा कि वो मुक़दमा दर्ज करे. शीतल कंवर के वकील दीपक मनेरिया ने कहा,''हमने अदालत से गुहार की थी तब जाकर यह मुक़दमा दर्ज हुआ है. इससे पहले शीतल जी ने पुलिस अधिकारियों से कहा भी था कि अगर वे देर करेंगे तो हम फिर अदालत से गुहार लगाएंगे.'' यह विवाद उस समय उठा जब गत 15 अप्रील को जोधपुर में एक समारोह में एक ऐसे कैलेंडर का विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास ने विमोचन किया, जिसमें एक स्थानीय पुजारी और भाजपा कार्यकर्ता हेमंत बोहरा ने राजे को देवी और मंत्रियों को देवताओं के रूप मे पेश किया. विवाद इसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में दिखाया गया था. वन मंत्री लक्ष्मी नारायण दवे इसमें हिंदू देवता कुबेर बने तो शहरी विकास मंत्री प्रताप सिंह इंद्र बने. हालांकि इस मामले को लेकर भाजपा में दो अलग-अलग राय साफ़ दिख रहे हैं. सूर्यकांता व्यास कहती हैं,''मैंने कोई ग़लत काम नहीं किया है. शीतल कंवर ने यह मुक़दमा क्यों दर्ज कराया है उन्हीं से पूछिए. फ़िल्मों में भी तो अभिनेता और अभिनेत्रियाँ देवी-देवताओं के रूप में आती रही हैं, औरत तो वैसे भी देवी होती है.'' क्या इस तरह राजे को महिमामंडित करना व्यक्ति पूजा नहीं है, के सवाल पर भाजपा के महामंत्री रामपाल जाट कहते हैं, ''सब को अपने ढंग से पूजा करने का अधिकार है. भारत में लोग अपने-अपने हिसाब से पूजा करते हैं, कोई पत्थर को पूजता है तो कोई पेड़ को.'' इससे पहले सरकार के एक मंत्री ने भी मुख्यमंत्री की पूजा करने की बात कही थी. कांग्रेस पहले ही कहती रही है की मुख्यमंत्री व्यक्ति पूजा को बढ़ावा दे रही हैं. वैसे इस पूरे मामले को सताधारी पार्टी की अंदरूनी कलह के रूप मे भी देखा जा रहा है. |
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